Maharashtra Chunav 2024: महाराष्ट्र में चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले सत्तारूढ़ गठबंधन ने सीटों के बंटवारे की पेचीदा प्रक्रिया लगभग पूरी कर ली है, जिसको लेकर कई नेताओं ने ऑफ द रिकॉर्ड संकेत दिए है. सूत्रों के अनुसार, यह साफ हो गया है कि महायुति गठबंधन में कौन कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगा.
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BJP, NCP, Shiv Sena Seat Sharing: हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में चुनाव संपन्न होने के बाद आज (15 अक्टूबर) भारत निर्वाचन आयोग (ECI) महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव (Assembly Elections 2024) की तारीखों की घोषणा कर सकता है. चुनाव की घोषणा से पहले ही राजनीतिक दलों में हलचल तेज हो गई है. कांग्रेस और बीजेपी दोनों पार्टियों ने सोमवार को अलग-अलग बैठक की और चुनाव की तैयारियों पर चर्चा की. इस बीच खबर है कि महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ गठबंधन (बीजेपी, शिवसेना, एनसीपी) ने सीटों के बंटवारे की पेचीदा प्रक्रिया लगभग पूरी कर ली है, जिसको लेकर कई नेताओं ने ऑफ द रिकॉर्ड संकेत दिए है.
158 सीटों पर चुनाव लड़ेगी बीजेपी?
भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सूत्रों ने बताया कि पार्टी राज्य की 288 सीटों में से 158 पर चुनाव लड़ेगी. इसके साथ ही बीजेपी ने एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) की शिवसेना (Shiv Sena) को 70 और अजित पवार (Ajit Pawar) की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) को 50 सीटें देने की पेशकश की है.
महाराष्ट्र चुनाव में कौन होगा सीएम फेस?
भाजपा (BJP) की सोमवार को दिल्ली में हुई रणनीतिक बैठक के बाद सूत्रों ने बताया कि गठबंधन ने मुख्यमंत्री पद के लिए कोई चेहरा पेश नहीं करने का भी फैसला किया है. एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) के ही चुनाव तक सीएम का चेहरा बने रहने की उम्मीद है. दिल्ली में भाजपा की महाराष्ट्र कोर ग्रुप की बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी प्रमुख जेपी नड्डा ने भाग लिया. महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े भी बैठक में मौजूद थे.
बैठक में इस बड़ी समस्या का समाधान
इस ब्लूप्रिंट में महायुति गठबंधन के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान किया गया है, जिसमें गठबंधन सहयोगियों की ओर से ज्यादा सीटों की मांग और एनसीपी के अजित पवार के गुट को सीटें आवंटित करने में भाजपा का आंतरिक प्रतिरोध शामिल है. बता दें कि सीएम एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) के नेतृत्व वाली शिवसेना 90 सीटें मांग रही थी, जबकि अजित पवार की एनसीपी ने 70 सीटों की डिमांड की थी.
महाविकास अघाड़ी में खींचतान जारी
इस बीच, विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी (MVA) अभी भी अपना व्यापक रोडमैप बनाने की कोशिश में लगा हुआ है. पार्टियों को राज्य की राजधानी मुंबई और नागपुर सहित कुछ सीटों पर खींचतान को सुलझाना बाकी है. कांग्रेस ने भी सोमवार को एक रणनीतिक बैठक की, जिसमें घोषणा की गई कि महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पर फैसला चुनावों के बाद लिया जाएगा.यह एक ऐसी स्थिति है जिससे शिवसेना का उद्धव ठाकरे गुट बेहद असहज है. उद्धव ठाकरे चाहते हैं कि सीएम का चेहरा कोई भी हो, इसका ऐलान जल्दी की जानी चाहिए. हालांकि, उन्होंने कहा है कि विपक्ष तब तक इंतजार करेगा, जब तक सत्तारूढ़ गठबंधन अपने पत्ते नहीं खोल देता.
अति आत्मविश्वास से बचने की सलाह
दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता में आयोजित कांग्रेस की बैठक में नेताओं को हरियाणा की तरह अति आत्मविश्वास से बचने की सलाह दी गई. महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रमुख नाना पटोले और महाराष्ट्र प्रभारी रमेश चेन्निथला समेत राज्य के नेताओं को अन्य पिछड़ा वर्ग और मराठा आरक्षण जैसे संवेदनशील मुद्दों पर सावधानी से बोलने की सलाह दी गई है. जाटों पर अत्यधिक निर्भरता और ओबीसी को नजरअंदाज करने की वजह से हरियाणा में कांग्रेस को भारी नुकसान उठाना पड़ा.
वोट बैंक पर बीजेपी का भी फोकस
महाराष्ट्र में भी भाजपा की रणनीति में उद्धव ठाकरे, शरद पवार और कांग्रेस के एमवीए गठबंधन का मुकाबला करने के लिए विभिन्न अन्य समुदायों के साथ ओबीसी वोटों को एकजुट करना शामिल है. सत्तारूढ़ गठबंधन को भी मराठा वोटों का एक बड़ा हिस्सा जीतने की उम्मीद है. महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनाव से विपक्ष को काफी उम्मीदें हैं, क्योंकि इस साल की हुए लोकसभा चुनाव में सत्तारूढ़ गठबंधन पर भारी पड़ा था. उन्होंने दावा किया कि नतीजों ने इस सवाल को निर्णायक रूप से सुलझा दिया है कि असली शिवसेना और असली एनसीपी कौन है, भले ही चुनाव आयोग ने दोनों मामलों में विद्रोही गुटों को पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह प्रदान किया था.
महाराष्ट्र के साथ झारखंड चुनाव के तारीखों का ऐलान
चुनाव आयोग (ECI) आज (15 अक्टूबर) दोपहर 3.30 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगा और महाराष्ट्र के साथ ही झारखंड विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर सकता है. बता दे कि लोकसभा चुनाव में सत्तारूढ़ गठबंधन के लिए नतीजे निराशाजनक रहे थे. विपक्षी महा विकास अघाड़ी (कांग्रेस, शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट और एनसीपी के शरद पवार गुट का गठबंधन) ने राज्य की 48 लोकसभा सीटों में से 30 पर जीत हासिल की थी, जबकि सत्तारूढ़ गठबंधन (बीजेपी, शिवसेना शिंदे गुट और एनसीपी अजित पवार गुट) ने 17 सीटें जीती थी, जबकि एक सीट निर्दलीय उम्मीदवार के खाते में गई थी.