Maharashtra Assembly Election: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की तारीख नजदीक है. इससे पहले पार्टी उम्मीदवारों द्वारा दाखिल किए गए हलफनामों में जायदाद को लेकर बड़ी चीजें सामने आई हैं. महाराष्ट्र सरकार में महिला और बिल विकास मंत्री अदिति तटकरे की जायदाद पिछले 5 वर्षों में 772 फीसद बढ़ी है.
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Maharashtra Assembly Election: महाराष्ट्र् के चुनावी माहौल में उम्मीदवारों के जायदाद से जुड़ी दिलचस्प रिपोर्ट सामने आई है. एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले पांच वर्षों में महाराष्ट्र के 27 निवर्तमान कैबिनेट मंत्रियों में से ज्यादातर की वित्तीय स्थिति में मामूली सुधार हुआ है. हालांकि कुछ एक की जायदाद में जबरदस्त इजाफा देखने को मिला है. इसमें मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का नाम भी शामिल है. रिपोर्ट के मुताबिक जायदाद में ज्यादातर इज़ाफा इसलिए हुआ क्योंकि इन मंत्रियों ने इस अवधि के दौरान जमीन और फ्लैट खरीदे.
एक रिपोर्ट के मुताबिक जिन मामलों में वृद्धि काफी हुई उनमें महिला और बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे शामिल हैं. उनकी नटवर्थ में 772 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जो 2019 में 39 लाख रुपये से बढ़कर 3.4 करोड़ रुपये हो गई. इसके अलावा लोक निर्माण मंत्री रवींद्र चव्हाण की कुल संपत्ति 117 प्रतिशत बढ़कर 7 करोड़ रुपये से 15.5 करोड़ रुपये हो गई. मृदा और जल संरक्षण मंत्री संजय राठौड़ की संपत्ति में 220 फीसद का इज़ाफा दर्ज किया गया. राठौड़ की 2019 के चुनाव में दाखिल किए गए हलफनामें के मुताबिक 5.9 करोड़ रुपये से बढ़कर लगभग 15.9 करोड़ रुपये हो गई.
खेल, युवा कल्याण और बंदरगाह विकास मंत्री संजय बंसोड़े की नेटवर्थ 2 करोड़ रुपये से 144 प्रतिशत बढ़कर 5 करोड़ रुपये हो गई. सीएम एकनाथ शिंदे की कुल संपत्ति में 187 प्रतिशत का इजाफा दर्ज किया गया है. शिंदे की संपत्ति जो 2019 में 7.81 करोड़ रुपये थे लेकिन अब 22.4 करोड़ रुपये हो गई. उनके अलावा महायुति सरकार में उपमुख्यमंत्री अजित पवार की जायदाद में 44 फीसद का इज़ाफा दर्ज हुआ है. जबकि सरकार में दूसरे उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की संपत्ति में 56 फीसद की बढ़ौतरी हुई है.
तीन मंत्री मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच का सामना कर रहे हैं - अजित पवार और उनके एनसीपी सहयोगी हसन मुश्रीफ महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक (एमएससीबी) मामले में, जबकि एनसीपी मंत्री छगन भुजबल आरटीओ भूमि और महाराष्ट्र सदन से संबंधित कथित घोटाले से जुड़े एक मामले में 2016 में गिरफ्तार होने के बाद जमानत पर बाहर हैं. मुश्रीफ को ईडी के छापे और पूछताछ का सामना करना पड़ा था, जबकि अजित पवार से इस मामले में कभी पूछताछ नहीं की गई. इन नेताओं ने विधानसभा चुनावों के लिए दाखिल अपने हलफनामों में इन मामलों का भी जिक्र किया है. भुजबल की नेटवर्थ में 17 प्रतिशत का इज़ाफा हुआ है. जबकि मुश्रीफ की संपत्ति में 34 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है.