Sawan 2022: सावन के महीने में मान्यता है कि प्याज और दूध दही का सेवन कम करना चाहिए. इसके पीछे धार्मिक और वैज्ञानिक वजह है तो आइए जानते हैं कि इसकी वजह क्या है...
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नई दिल्लीः सावन का महीना शुरू हो चुका है. सावन महादेव की भक्ति का महीना माना जाता है लेकिन इस दौरान दूध-दही, बैंगन और हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करने से मना किया जाता है. इसके साथ ही प्याज, लहसुन भी खाने से मना किया जाता है. आज हम आपको इसके पीछे की मान्यता और वैज्ञानिक वजह बताने जा रहे हैं.
सावन में दूध और दही खाने से मना करने की वैज्ञानिक वजह ये है कि सावन में बारिश के चलते कीड़े मकौड़े जमीन से बाहर आ जाते हैं और साथ ही घास और पेड़-पौधों पर पनपते हैं. इन घास और पेड़-पौधों को भैंस या गाय खाती हैं. ऐसे में माना जाता है कि सावन में दूध और दही के सेवन से बचना चाहिए. धार्मिक मान्यता ये है कि सावन में दूध दही से भगवान शिव का अभिषेक किया जाता है, इसलिए सावन में दूध दही का सेवन नहीं करना चाहिए.
बैंगन और हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन नहीं करने के पीछे भी उक्त वजह है. दरअसल बरसात के चलते सावन में बैंगन में कीड़े पड़ जाते हैं और हरी पत्तेदार सब्जियों में भी कीड़े लगने का डर होता है. ऐसे में इनका सेवन नुकसानदायक हो सकता है और यह बीमारी का कारण बन सकता है.
प्याज और लहसुन की तासीर गर्म होती है. वैज्ञानिक तर्क है कि सावन के महीने में हमारा पाचन कमजोर हो जाता है, ऐसे में भारी खाना खाने से बचना चाहिए. प्याज और लहसुन गर्म होते हैं और इन्हें पचाना थोड़ा मुश्किल होता है, इसलिए मान्यता है कि सावन में इन्हें खाने से बचना चाहिए.
सावन में नमक भी कम खाने की सलाह दी जाती है क्योंकि वैज्ञानिक तर्क है कि सावन में शरीर में सोडियम की मात्रा पहले ही बढ़ी रहती है. ऐसे में नमक का सामान्य सेवन भी शरीर में सोडियम की मात्रा बढ़ा सकता है, इसलिए सावन में कम नमक खाने की सलाह दी जाती है.
(डिस्कलेमर- यहां बताई गई बातें सामान्य जानकारी और विभिन्न लेखों पर आधारित है. जी मीडिया यहां बताई गई बातों की पुष्टि नहीं करता है. कोई भी समस्या या शंका होने पर विशेषज्ञों से सलाह लें.)