MP News: 5 साल बाद घर में गूंजी किलकारियां, अनोखे तरीके से हुआ बेटी का गृहप्रवेश
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MP News: 5 साल बाद घर में गूंजी किलकारियां, अनोखे तरीके से हुआ बेटी का गृहप्रवेश

MP News: मध्य प्रदेश के खंडवा जिले (Khandwa News) में बेटी के जन्म होने के बाद परिजनों ने उसका अनोखे तरीके से स्वागत किया. जो इस समय चर्चा का विषय बना हुआ है. 

MP News: 5 साल बाद घर में गूंजी किलकारियां, अनोखे तरीके से हुआ बेटी का गृहप्रवेश

प्रमोद सिन्हा/ खंडवा: बेटियों को घर का लक्ष्मी कहा जाता है. कहते हैं बहुत किस्मत वाले वो लोग होते हैं जिनके घर में बेटियों का जन्म होता है. मध्य प्रदेश (MP News) के खंडवा जिले से एक अच्छी खबर सामने आई है. जिसे सुनने के बाद हर कोई तारीफ कर रहा है. बता दें कि जिले के रांजनी गांव के एक परिवार में किलकारी गूंजी, यहां पर सलोनी और सौरभ ने बेटी को जन्म दिया, जिसका जश्न घर वालों ने ऐसे मनाया कि वो चर्चा का विषय बन गया. बच्ची जब हॅास्पिटल से पहली बार घर आई तो उसका स्वागत भी अनोखे तरीके से किया गया. जानिए क्यों हो रही है इसकी चर्चा. 

अनोखा स्वागत 
दरअसल खंडवा जिले के रांजनी गांव में सलोनी और सौरभ के घर शादी के 5 सास बाद किलकारी गूंजी. खंडवा के जिला अस्पताल में सलोनी ने बेटी को जन्म दिया. ये खबर सुनने के के बाद घर में खुशियों का माहौल बन गया और परिवार में स्वागत की तैयारियां होने लगी. इसके तहत जिस एंबुलेंस से बेटी को ले आया जा रहा था उसे अच्छे तरह से फूलों से सजा दिया गया. साथ ही साथ जिन रास्तों से ये एंबुलेंस गुजरती उसे भी अच्छे तरीके से सजाया गया, एंबुलेंस के रास्तों में पटाखे फोड़े गए और आतिश बाजियां भी हुई. साथ ही साथ घर में मंगलगीत गाए गए. 

घर वालों ने दिया संदेश 
बेटी के पिता सौरभ का कहना है कि कन्या के रूप में लक्ष्मी आने से हमारे परिवार में खुशियों का माहौल है. इसके अलावा
परिजनों का कहना है कि अगर बेटी नहीं होगी तो मां, बहन, पत्नी जैसे रिश्ते कैसे बचेंगे. बेटियां, लक्ष्मी का रूप होती हैं. उनके आने से घर में खुशियां महकती हैं. बेटी को घर छोड़ने वाले एंबुलेंस के ड्राइवर दीपक भी इस तरह के स्वागत को देखकर परिवार की सराहना कर रहे हैं और कह रहें कि परिवार में नवजात बेटी का यह स्वागत उन लोगों के लिए एक संदेश है जो अभी भी बेटी को बोझ मानते हैं.  

खंडवा का लिंगानुपात
2011 जनगणना के अनुसार खंडवा का लिंगानुपात 1000 लड़कों पर 951 लड़कियों का हैं और लिंगानुपात 1000 लड़कों पर 903 का है. 

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