Werewolf Syndrome: मध्य प्रदेश के रतलाम में एक ललित नाम का लड़का है, जिसके पूरे शरीर में काफी घने बाल है, जिस कारण उसे गांव वाले बजरंगबली और जामवंत कहकर पूजा तक करते हैं. दरअसल ये एक तहर की बीमारी है, जो रेयर ही लोगों को होती है. जानें ललित की समस्या और इस बीमारी के बारे में...
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Werewolf Syndrome: चंद्रशेखर सोलंकी/रतलाम: जन्म के समय से कई बार कुछ ऐसी विकृतियां आ जाती है जिससे जीवन अभिशाप बन जाता है, लेकिन रतलाम के नंदलेटा गांव में एक 17 वर्षीय युवक की शारीरिक विचित्र रचना ने उसे भगवान तुल्य बना दिया. अब इस 17 साल के लड़के की तुलना हनुमानजी और जामवंत से की जाती है. इतना ही नहीं कई बार लोग उसकी पूजा करने लगते हैं. ऐसा उसके जन्म के बाद से बो रहा है.
नंदलेटा गांव का मामला
रतलाम के नंदलेटा गांव में 17 वर्षीय ललित पाटीदार को जन्म से शरीर व चेहरे पर भूरे बड़े बाल उग आए है, जिसके कारण यह विचित्र बच्चा दिखायी देने लगा. शुरुआत में परिवार भी घबराने लगा और बच्चे को काफी समय घर मे रखा. लेकिन जब बच्चे पढ़ाई और भविष्य की चिंता ने माता पिता को घेरा तो उन्होंने हिम्मत कर बच्चे को पढ़ाने के लिए स्कूल भेजा.
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स्कूल जाने के बाद लौटी हिम्मत
शुरू-शुरू में शरीर पर बाल और चेहरा बड़े लंबे भूरे बालो से ढका देख शुरुआत मेंअन्य बच्चे ललित से डरने लगे. ग्रामीणों ने भी अलग-अलग भ्रांतियां भैलाई. धीरे धीरे बच्चे और ग्रामीणों ने ललित को अपना प्यार दुलार और अपनत्व देना शुरू किया. ऐसे में ललित का आत्मविश्वास लौट आया और ग्रामीणों के इस विचित्र बच्चें से स्नेह ने आज ललित को इस चेहरे के साथ दुनिया के सामने आने की हिम्मत लौटायी.
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क्यों है ऐसा चेहरा
दरअसल ललित को वरवोल्फ सिंड्रोम बहुत ही रेयर और अजीब सी बीमारी है. यह एक तरह की दुर्लभ बीमारी है जिसकी वजह से मध्य प्रदेश के रतलाम के रहने वाले ललित के पूरे चेहरे पर लंबे-लंबे बाल उग गए हैं. इसके कारण ललित का चेहरा अजीब तरह से दिखता है. पूरी दुनिया में इस बीमारी के सिर्फ 50 मरीज हैं. इसका इलाज सर्जरी के जरिए संभव है, जो बच्चे की उम्र 21 साल होने के बाद ही हो सकती है.
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गांव के पूर्व सरपंच ने क्या कहा?
पूर्व सरपंच इंद्रजीत का कहना है कि ललित के इलाज के लिए सांसद सुधीर गुप्ता से चर्चा की थी, बड़े चिकित्सको संपर्क से सामने आया कि 21 वर्ष के पहले इलाज असम्भव है. इसलिए अब 21 वर्ष की आयु के बाद ही ललित का इलाज संभव है. वही ग्रामीणों के द्वारा ललित को भगवान तुल्य मानकर उसे ज्यादा प्यार दुलार दिया जाता है. ललित को अपने इस विचित्र स्वरूप को को लेकर भगवान से भी कोई शिकायत नही है.
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ललित को दिया जा रहा है सम्मान
ललित को अब और ज्यादा सम्मान दिया जा रहा है. कोई ललित के विचित्र स्वरूप की तुलना जामवंत से तो कोई हनुमान से करता है और ललित की पूजा भी करते है. गांव नांदलेटा के ग्रामीणों ने साबित कर दिया कि भगवान की मनुष्य रूपी संरचना में कभी कभार कोई त्रुटि हो सकती है, लेकिन इंसानियत और प्यार दुलार से हम उस मनुष्य को इस विकृति से दूर कर उसे हौसला देकर आम इंसान की तरह जीने की ताकत दे सकते हैं.
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बचपन की बातें भूल गया ललित
ललित पाटीदार ने बताया कि वो बचपन की बातें भूल गया है. अब उसे लोग अपने साथ रखते है और बहुत सम्मान देते हैं. उसने बताया कि मेरी तुलना हनुमान और जामवंत से करते है. ललित ने बताया कि दिल्ली और न जाने कहा कहा से लोग उसे देखने भी आ चूके है. उसने बताया कि शुरुआत में लोग और बच्चे उससे डरते थे, लेकिन अब भगवान तुल्य मानते है. अब सारा गांव बहुत प्यार दुलार देता है.