क्या देश में लागू होगा 'वन नेशन वन इलेक्शन'? वीडी शर्मा ने बताया फॉर्मूला
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क्या देश में लागू होगा 'वन नेशन वन इलेक्शन'? वीडी शर्मा ने बताया फॉर्मूला

One Nation One Election: संसद के विशेष सत्र की डेट आने के बाद अब 'वन नेशन वन इलेक्शन' को लेकर अब एक बार फिर चर्चा शुरू हो गई है. इस बीच मध्य प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष वीडी शर्मा का बयान आया है.

क्या देश में लागू होगा 'वन नेशन वन इलेक्शन'? वीडी शर्मा ने बताया फॉर्मूला

One Nation One Election: भोपाल। भारत सरकार ने 18 सितंबर से 5 दिनों के लिए संसद का विशेष सत्र बुला रही है. इसकी तारीखों के ऐलान के बाद से ही देश में कई चर्चाएं जन्म ले ली हैं. इस बीच सबसे ज्यादा जिन बातों को लेकर जोर है उनमें वन नेशन वन इलेक्शन, महिला आरक्षण बिल और CAA शामिल है. चूंकी, देश में चुनाव आ रहे हैं इस कारण वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर कुछ ज्यादा ही बात हो रही है. इस बीच मध्य प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष बीडी शर्मा का बड़ा बयान सामने आया है.

क्या होगा फॉर्मूला
वन नेशन वन इलेक्शन के सवाल पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि देश की जनता में वन नेशन वन इलेक्शन की चर्चाएं हैं. जनमत क्या चाहता है? इसपर पीएम मोदी ने चर्चाएं की हैं. वन नेशन, वन इलेक्शन पर जनमत के आधार पर फैसला होगा.

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बीजेपी प्रबंध समिति की बैठक
बीजेपी प्रबंध समिति की बैठक को लेकर वीडी शर्मा ने कहा कि आज प्रबंध समिति की ऑफिसियल बैठक है. जनआशीर्वाद यात्रा से लेकर कार्यकर्ता महाकुंभ जिसे पीएम मोदी संबोधित करेंगे. इसके साथ ऐसे कई पार्टी के अभियान हैं जिन्हें लेकर इसमें चर्चा की जाएगी. चुनाव तैयारियों को लेकर भी बैठक में चर्चा होगी.

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क्या है वन नेशन वन इलेक्शन इतिहास
देश में अभी विधानसभा और लोकसभा चुनाव अलग-अलग होते हैं. वन नेशन वन इलेक्शन का मतलब इन्हें साथ कराने से हैं. जिसमें, एक ही समय पर या चरणबद्ध वोट डाले जाएं. अगर ऐसा होता है तो ये कोई पहली बार नहीं होगा इससे पहले भी 1952, 1957, 1962 और 1967 दोनों चुनाव साथ हुए थे. हालांकि, 1968 और 1969 में कई विधानसभाएं भंग हो गई और फिर बाद में 1970 में लोकसभा भंग होने के कारण साथ चुनाव की परंपरा टूट गई.

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वन नेशन वन इलेक्शन पर दोबारा चर्चा मोदी सरकार के आने के साथ ही शुरू हो गई थी. दिसंबर 2015 में लॉ कमीशन ने इसपर एक रिपोर्ट पेश की थी. इसमें इसके फायदों के बारे में बताया गया था. इसी आधार पर इसकी सिफारिश की गई थी. जून 2019 में पहली बार औपचारिक तौर पीएम मोदी ने इसपर सभी पार्टियों से चर्चा की थी. हालांकि, कई पार्टियों ने विरोध दर्ज कराया था. 2020 में पीएम मोदी ने इसे जरूरत बताया था. अब 1 सितंबर 2023 को सरकार ने इसपर कमेटी बनाने का फैसला लिया है.

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