sushma swaraj death anniversary: सुषमा स्वराज एक बार एक मध्य प्रदेश की एक चुनावी सभा में वक्त से पहले पहुंच गई थी. जब यह जानकारी स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं को लगी थी वह घबरा गए थे. लेकिन सुषमा स्वराज ने उनसे कुछ ऐसा कहा कि वह भी सुनकर खुश हो गए और उनकी पूरी परेशानी दूर हो गई.
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भोपाल। सुषमा स्वराज की पुण्यतिथि sushma swaraj death anniversary पर हर कोई उन्हें याद कर रहा है. मध्य प्रदेश से सुषमा स्वराज का गहरा लगाव था, वह अक्सर प्रदेश के दौरे पर आती रहती थी. ऐसे में उनसे जुड़े कई किस्से आज भी यहां चर्चित हैं. क्योंकि सुषमा स्वराज खुद कहती थी कि वह भले ही यहां जन्मी नहीं हैं, लेकिन मध्य प्रदेश उनका घर है. एक बार कुछ ऐसा ही हुआ था. जब सुषमा स्वराज एक सभा में वक्त से पहले पहुंच गई, जब यह जानकारी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को लगी तो वह घबरा गए थे, लेकिन सुषमा स्वराज ने कुछ ऐसा कहा जिससे सभी कार्यकर्ता खुश हो गए और उनकी पूरी टेंशन दूर हो गई.
शहडोल की सभा में वक्त से पहले पहुंची
राजनीतिक गलियारों में एक चर्चा खूब सुना जाता है कि सुषमा स्वराज 1998 में शहडोल में एक चुनावी सभा को संबोधित करने आने वाली थी. लेकिन उनके आने का जो वक्त तय था, वह उससे 35 मिनट पहले ही हेलीकॉप्टर से शहडोल पहुंच गई. लेकिन उन्हें रिसीव करने के लिए कोई कार्यकर्ता और नेता नहीं थे. जिसके बाद वे खुद सीधी रेस्ट हाउस चली गईं. जब यह जानकारी कार्यकर्ताओं को पता चली कि सुषमा स्वराज पहुंच चुकी है तो वह सभी घबरा गए और तुरंत उन्हें रिसीव करने रेस्ट हाउस पहुंचे.
आपकी गलती नहीं है में समय से पहले आई हूं
सभी कार्यकर्ताओं और नेताओं को लग रहा था कि हो सकता है उनकी क्लास लग जाए, लेकिन सुषमा स्वराज ने कुछ ऐसा कहा जिसे सुनकर उनकी परेशानी दूर हो गई. उन्होंने बड़े ही सहज भाव से कहा, इसमें आप लोगों की कोई गलती नहीं है. मैं ही समय से पहले आ गई थी, आप लोग संगठन के कार्यकर्ता हैं और मैं समय से पहले आ गई इसलिये आप लोग अफसोस महसूस न करें. इसमें आप सब की कोई गलती नहीं है. जिसके बाद सभी ने उनका स्वागत किया और सुषमा स्वराज सभी कार्यकर्ताओं से आराम से मिली भी.
लोगों की लगी थी भीड़
सुषमा स्वराज जब पहली बार शहडोल में सभा करने पहुंची थी तो उनका भाषण सुनने के लिए लोगों की खूब भीड़ जुटी थी. शहडोल के लोगों में गजब का उत्साह था. उस सभा में इतनी संख्या में लोग उन्हें सुनने के लिए पहुंचे थे. जितनी बीजेपी के नेताओं को उम्मीद नहीं थी. सुषमा स्वराज ने भी शहडोल के लोगों की जमकर तारीफ की थी.