Garh Kailash Temple Ratlam: रतलाम के गढ़ कैलाश मंदिर में सावन महीने में भगवान शिव का दर्शन करने के बाद यहां वर्षों पुराने पेड़ पर झूला झूलने से भक्तों की मनोकामना पूरी होने की मान्यता है. आइए जानते हैं इस मंदिर के महत्व के बारे में..
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चन्द्रशेखर सोलंकी/रतालामः सावन का महीना चल रहा है. इन दिनों सभी शिवालयों में हर हर महादेव का नारा गूंज रहा है. लोग अपनी मनोकामना की पुर्ति के लिए प्रसिद्ध शिवालयों में शिव जी का दर्शन कर उन पर पुष्प, जल, दुग्ध इत्यादि अर्पित कर रहे हैं. वहीं रतलाम के गढ़ कैलाश मंदिर में भक्त मनोकामना की पुर्ति के लिए यहां सालों पुराने पेड़ में लगे झुले को झुल रहे हैं. इसके लिए भक्तों की भारी भीड़ जुटी हुई है. लोगों की मान्यता है कि यहां झूले झुलने से भगवान शिव का आशीर्वाद मिलता है.
सभी लोग झुलते हैं यह झुला
सालों पुराने इस मंदिर के पेड़ पर बंधे झूले में अब लोग आस्था के साथ भगवान शिव के आशीर्वाद के लिए झूला झूलते हैं. बच्चे हो या बड़े, या फिर दंपत्ति सबकी इस झूले से आस्था जुड़ चुकी है. भगवान गढ़ कैलाश के आशीर्वाद को पाने के लिए अब दर्शन करने के बाद सभी इस झूले में झूलते हैं. अब यह मान्यता बना चुकी है कि दर्शन के बाद इस झूले में झुलाने से परिवार में खुशहाली और दाम्पत्य जीवन खुशहाल होता है.
बड़ी संख्या में पहुंच रहे लोग
दर्शन के बाद इस झूले में झुलाने से भगवान गढ़ कैलाश प्रसन्न होकर भक्तों को आशीर्वाद देते हैं. इस मान्यता के चलते गढ़ कैलाश मंदिर प्रांगण में श्रद्धालु दर्शन के बाद इस झूले में जरूर झूलते हैं. इस अनूठी मान्यता के चलते अब लोग मंदिर पर बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं. भगवान गढ़ कैलाश के दर्शन के पश्चात् परिसर के झूले में झूलकर परिवार के सुख-समृद्धि की कामना कर रहे हैं.
यहां एक साथ होता है शिव परिवार का अलौकिक दर्शन
रतलाम शहर में प्राचीन गढ़ कैलाश महादेव मंदिर में शिव प्रतिमा सबसे खास है. यहां पर 1 ही पत्थर पर तराशे हुए शिव परिवार के बड़े अलौकिक दर्शन से भक्त का उत्साह दुगुना हो जाता है. इस मंदिर में शिव पार्वती नंदी पर विराजे और साथ में गणेश व कार्तिकेय सभी के एक साथ दर्शन कर भक्त अपने परिवार की खुशहाली का आशीर्वाद भगवान गढ़ कैलाश से प्राप्त करते हैं.
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(disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और विभिन्न जानकारियों पर आधारित है. zee media इसकी पुष्टि नहीं करता है.)