पहले घर के आंगन में होती थी रामलीला, फिर नवाबी शासनकाल ने दिया मैदान, जानिए रोचक कहानी
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पहले घर के आंगन में होती थी रामलीला, फिर नवाबी शासनकाल ने दिया मैदान, जानिए रोचक कहानी

नवाबी शासन काल से चली आ रही रायसेन की रामलीला 110 वर्ष पुरानी हो गई है. 

पहले घर के आंगन में होती थी रामलीला, फिर नवाबी शासनकाल ने दिया मैदान, जानिए रोचक कहानी

रायसेन: नवाबी शासन काल से चली आ रही रायसेन की रामलीला 110 वर्ष पुरानी हो गई है. समय के साथ रामलीला का स्वरूप भी बदलता गया और आज पूरे भव्यता के साथ रामलीला मैदान पर शहर के स्थानीय कलाकारों द्वारा इस रामलीला के मंचन में बढ़ चढ़कर भाग लिया जाता है. दूर-दूर से मेले में झूले और दुकानें आती हैं. बता दें कि नवाबी शासनकाल से इस रामलीला मंचन की शुरुआत हुई थी. 

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बता दें कि इस लीला का मंचन होते देख नवाब शासन भी खुश हुए थे. जिसके बाद रामलीला के लिए शहर के वार्ड नंबर 9 में बड़ा मैदान दिया था. जो आज रामलीला मैदान के नाम से जाना जाता है. 

रावण दहन के साथ सपन्न होगी
इस दौरान शहर के स्थानीय कलाकार राम, लक्ष्मण, भरत शत्रुघ्न रावण हनुमान समेत रामलीला के पात्र बनकर मैदानी मंचन करते हैं. 20 दिन चलने बाला यह मेला रावण दहन के साथ समपन्न होता है.

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व्यापार की उम्मीद
कोरोना के बाद इस बार लगे रामलीला को पूरे भव्यता से लगाया गया. दूर-दूर से दुकान और झूले लेकर आए दुकानदारों ने बताया की कोरोना संक्रमण के बाद इस साल पहली बार इस मेले में आए हैं. इस साल अच्छा व्यापार होने की उम्मीद है. कोरोना के बाद इस बार लगे रामलीला को पूरे भव्यता से लगाया गया.

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