यहां कच्‍ची म‍िट्टी से बनी हैं मां दुर्गा की प्रत‍िमाएं, आसपास म‍िलते हैं शेर के पंजों के न‍िशान
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यहां कच्‍ची म‍िट्टी से बनी हैं मां दुर्गा की प्रत‍िमाएं, आसपास म‍िलते हैं शेर के पंजों के न‍िशान

 मध्‍य प्रदेश के रायसेन में एक दुर्गा मां का ऐसा मंद‍िर है जहां कच्‍ची म‍िट्टी का पांच प्रत‍िमाएं बनी हैं. यहां के लोगों का दावा है क‍ि मंद‍िर के आसपास शेर के पंजों के न‍िशान भी देखे गए हैं.   

खंडेरा का दुर्गा मंद‍िर.

राजक‍िशोर सोनी/रायसेन: जिला मुख्यालय से 18 किमी दूर सागर रोड पर विध्यांचल पर्वत श्रृंखला पर प्राचीन तालाब के किनारे ग्राम खण्डेरा स्थित प्रसिद्व छोले वाली माता के दरबार में शारदीय नवरात्र के दौरान भक्तों का तांता लगा हुआ है. यूं तो देश भर में माता रानी के कई शक्ति पीठ हैं लेकिन खण्डेरा का दरबार उनसे कुछ अलग और खास है. यह देश का पहला और एक मात्र ऐसा मंदिर है जहां मिट्टी की मूर्तियों की पूजा की जाती है. यहां स्थित भव्य मंदिर के अंदर आज भी मां का चबूतरा कच्ची मिट्टी का बना हुआ है जिसमें विराजी मां शेरावाली अपने सभी भक्तों की मुराद पूरी करती हैं. 

परंपराएं भी हैं खास 
माता के चमत्कार और यहां की परम्पराएं भी कुछ खास है. यहां मप्र के सीएम के अलावा दूर-दूर से भक्त यहां आकर उपासना करते हैं.

मां कच्ची पीली मिट्टी के चबूतरें पर हैं विराजमान
खंडेरा में प्रसिद्व छोले वाली मैया का दरबार में आज भी मां कच्ची पीली मिट्टी के चबूतरें पर विराजमान है. यहां की सबसे बडी खासियत यही है कि देश भर में यह सबसे प्राचीन मंदिर है जहां मैया पांच पिंडियों में मिट्टी की मूर्ति के रूप में विराजी हुई जिसका यहां के ग्रामीण पूरा ख्याल रखते है और साल में दो बार इस स्थान को ताजी मिट्टी से दोबारा व्यवस्थित करते हैं. चबूतरे की छबाई में गांव की कुवांरी लड़कियों के द्वारा कराई जाती है. इस प्रकार की अनूठी पंरपरा सिर्फ खण्डेरा मंदिर में देखी जाती है. यहां विशेष पूजा होली की दूज और दीपावली की दूज पर आयोजित की जाती है. 

मंदिर के पास कई बार शेर के पंजे के निशान द‍िखे
चबूतरे की छबाई के बाद विधि-विधान से मां की पूजा अर्चना की जाती है और होली की दूज पर मां के समक्ष एक बकरी की बलि दी जाती है. लोगों ने मंदिर के पास कई बार शेर के पंजे के निशान देखे हैं. खण्डेरा में छोले वाली मैया के दरबार की महिमा कुछ ऐसी है कि यहां आए हर भक्त की मां इच्छा पूरी करती है. मां के लिए यहां के ग्रामीण दो दिन तक धातु का प्रयोग नहीं करते. न तो लोग सुपारी काटते हैं और न ही सब्जी काटी जाती है. यहां तक क‍ि इस दौरान स्थानीय लोग मसाला भी नहीं पीसते हैं. बस पूरा गांव मां की भक्ति में लीन हो जाता है और मान्यताओं के मुताबिक पूजा पाठ किया जाता है. 

मैया के दरबार की प्रसिद्व दूर-दूर तक फैली
खण्डेरा में छोले वाली मैया के दरबार की प्रसिद्व दूर-दूर तक फैली हुई है. यहां आए एक भक्त ने बताया कि यह स्थान लोगों की आस्था का केन्द्र है. इस स्थान पर जो भी भक्त सच्चे मन से मुराद मांगता है. माता रानी उनकी हर मुराद पूरी करती है. नवरात्र के दौरान यहां हजारों की संख्या में भक्त दर्शन के लिए यहां आते हैं. 

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