Kuno National Park: कूनो नेशनल पार्क में मादा चीता 'दक्ष' की मौत! 40 दिनों में तीसरी जान गई
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Kuno National Park: कूनो नेशनल पार्क में मादा चीता 'दक्ष' की मौत! 40 दिनों में तीसरी जान गई

Kuno National Park: मध्य प्रदेश के मुख्य वन संरक्षक जेएस चौहान ने जानकारी दी कि दक्षिण अफ्रीका से लाई गई मादा चीता दक्ष की कूनो नेशनल पार्क में मौत हो गई है.यह अब तक की तीसरी मौत है.

 

Kuno National Park

Kuno National Park News: कूनो नेशनल पार्क से एक और बड़ी खबर आ रही है. वन अधिकारी ने सोमवार को जानकारी दी कि मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में मादा चीता 'दक्ष' की मौत हो गई है. गौरतलब है कि करीब 40 दिनों में कूनो नेशनल पार्क में ये तीसरी मौत है. बता दें कि 27 मार्च को नामीबियाई चीता साशा की जान चली गई थी.वहीं इसके बाद 23 अप्रैल को, फरवरी में दक्षिण अफ्रीका से लाए गए उदय नाम के छह वर्षीय नर चीते की मौत हो गई थी.

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प्रेस नोट ये बात आईं सामने
प्रेस नोट में बताया गया कि आज सुबह 10.45 बजे दक्षिण अफ्रीका से कूनो नेशनल पार्क में छोड़ी गई मादा चीता दक्ष निगरानी टीम को घायल अवस्था में मिली. जिसके बाद पशु चिकित्सकों द्वारा उसका इलाज किया गया, लेकिन दोपहर 12 बजे दक्ष चीता की दर्दनाक मौत हो गई. जानकारी दी गई कि बता दें कि दक्षिण अफ्रीका से लाए गए दक्ष चीता को बाड़ा नंबर 1 में छोड़ा गया था और चीता कोयिलशन वायु और  अग्नि को पास के बोमा नंबर 7 में छोड़ा गया था. वहीं 30.04.2023 को कूनो में हुई बैठक. जिसमें राष्ट्रीय बाघ संरक्षण महानिरीक्षक डॉ. अमित मलिक अथॉरिटी, भारतीय वन्यजीव संस्थान के डॉ. कमर कुरैशी, दक्षिण अफ्रीका से आए प्रो.एड्रियन टॉर्डिफ तथा दक्षिण अफ्रीका से आए चीता मेटा पॉपुलेशन इनिशिएटिव के विन्सेंट वैन डेर मार्व उपस्थित थे. इस बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार बाड़े नंबर 7 में मौजूद चीता मेल कोयलिशन अग्नि,वायु को मादा चीता दक्ष के साथ मिलाने का फैसला किया गया था. नतीजतन, बाड़े नंबर 7 और 1 के बीच का गेट 01.05.2023 को खोल दिया गया.  चीता मेल कोयलिशन ने दिनांक 06.05.2023 को बाड़े नंबर 7 से बाड़े नंबर 1 में प्रवेश किया. 

 

मौत का ये कारण आया सामना
अधिकारियों द्वारा बताया गया कि प्रथम दृष्टया मादा चीता दक्ष पर पाए गए घाव संभवत: संभोग के दौरान नर के साथ हिंसक मेटिंग के कारण प्रतीत होते हैं. संभोग के दौरान नर चीतों द्वारा मादा चीतों के प्रति हिंसक व्यवहार आम बात है. ऐसे में निगरानी दल के दखल की संभावना लगभग न के बराबर है. मृत मादा चीता का पशु चिकित्सा दल द्वारा नियमानुसार पोस्टमार्टम किया जा रहा है.

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