पंचायत चुनाव में परिवारवाद का साया! शिवराज के कद्दावर मंत्री के बेटे ने कही बड़ी बात
Advertisement

पंचायत चुनाव में परिवारवाद का साया! शिवराज के कद्दावर मंत्री के बेटे ने कही बड़ी बात

मंत्री के बेटे ने पंचायत चुनाव को लेकर अपनी ही पार्टी के नेताओं को नसीहत दी है. जो चर्चा का विषय बनी हुई है. 

मंत्री गोपाल भार्गव के पुत्र अभिषेक भार्गव

भोपालः देश की राजनीति में वंशवाद और परिवाद का मुद्दा कोई नया नहीं है, राजनीतिक दल एक दूसरे पर परिवारवाद की राजनीतिक का आरोप लगाते रहते हैं. मध्य प्रदेश के पंचायत चुनाव में भी परिवारवाद का मुद्दा उछला है, शिवराज सरकार में शामिल एक सीनियर मंत्री के बेटे ने बीजेपी के नेताओं को बड़ी नसीहत दी है. जिसकी चर्चा राजनीतिक गलियारों में तेजी से चल रही है. 

मंत्री गोपाल भार्गव के बेटे ने उठाया मुद्दा 
दरअसल, पूरा मामला लोक निर्माण विभाग मंत्री गोपाल भार्गव के बेटे अभिषेक भार्गव से जुड़ा हुआ है. अभिषेक भार्गव ने सोशल मीडिया के माध्यम से पंचायत चुनाव में बीजेपी की परिवारवाद पर बनी गाईड लाईन का अनुसरण मध्यप्रदेश के पंचायत चुनाव में भी भाजपा से जुड़े हुए नेताओं को करने की नसीहत दी है. 

मंत्री पुत्र ने संगठन से की यहा मांग 
मंत्री पुत्र ने बीजेपी के प्रदेश संगठन से मांग की है कि पंचायत एवं नगरीय निकाय चुनावों में वंशवाद और परिवारवाद के आधार पर टिकिटों का चयन नहीं होना चाहिए. इन चुनावों में वंशवाद नहीं चलना चाहिए, सभी नेताओं को बीजेपी की परिवारवाद पर बनी गाइडलाइन का पालन करना चाहिए और एक अच्छा संदेश देना चाहिए. 

एक परिवार में दो जनप्रतिनिधि नहीं हो सकते 
अभिषेक भार्गव ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट करते हुए लिखा कि ''भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व द्वारा परिवारवाद पर बनी गाईड लाईन का अनुसरण मध्यप्रदेश के पंचायत चुनाव में भी भाजपा से जुड़े हुए नेताओं को करना चाहिए, अगर पूर्व से ही किसी के परिवार में विधायक या सांसद है तो फिर उसे अपने परिवार से किसी अन्य सदस्य को सरपंच, जनपद, या जिला पंचायत का चुनाव नहीं लड़ाना चाहिए. एक साथ एक परिवार में दो लोग जनप्रतिनिधि नहीं हों सकते. सिर्फ पार्टी के सिंबल पर होने वाले चुनावों में ही नहीं अन्य सभी चुनावो में भी भाजपा को अपने नेताओं से इसका अनुसरण सुनिश्चित करवाना चाहिए. ताकि जनता के सामने हम अच्छी नजीर पेश कर सके.''

अपनी उम्मीदवारी वापस ले चुके हैं अभिषेक 
दरअसल, मंत्री गोपाल भार्गव के पुत्र अभिषेक भार्गव की गिनती राज्य के उन नेता पुत्रों में होती है, जो भविष्य में अपने पिता की राजनीतिक विरासत को संभालने की तैयारी में जुटे हैं, अभिषेक भार्गव बीजेपी युवा मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं. खास बात यह है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में होने उन्होंने बीजेपी की तरफ से दमोह, सागर और खुजराहो सीट से अपनी दावेदारी जताई थी. उनका खास फोकस दमोह सीट पर था. लेकिन चुनाव से पहले अभिषेक भार्गव ने अपनी दावेदारी परिवारवाद और वंशवाद के नाम पर वापस ले ली थी. 

अभिषेक ने तब बीजेपी की गाइडलाइन के तहत अपनी दावेदारी वापस ले ली थी, उन्होंने तब भी सोशल मीडिया पर इसका ऐलान किया था. अभिषेक का कहना था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पार्टी में परिवारवाद और वंशवाद को लेकर जो गाइडलाइन की बात कही थी, हम उसका पालन कर रहे हैं.  खास बात यह है कि अभिषेक भार्गव का के मंत्री पिता का प्रभाव दमोह और सागर जिले में हैं, यहां बीजेपी के कई नेता ऐसे हैं जिनके परिवार के लोग कई राजनीतिक पदों पर बैठे हैं, ऐसे में सवाल यह है कि कही उन्होंने अपनी ही पार्टी के उन्हीं नेताओं पर यह निशाना तो नहीं साधा है. लेकिन मंत्री पुत्र की इस नसीहत की चर्चा पूरे प्रदेश में शुरू हो गई है. 

ये भी पढ़ेंः MP पंचायत चुनावः पहले और दूसरे चरण के लिए जारी है नामांकन, अब तक इतने फॉर्म हुए जमा

WATCH LIVE TV

Trending news