MP famous museums: मध्य प्रदेश के म्यूजियम मौर्य, गुप्त, मुगल, मराठा के स्वर्ण युग की याद दिलाते हैं. प्रदेश में ऐसे कई म्यूजियम हैं जो प्रचीन काल की कई अनसुनी सच्चाइयों को दर्शाते हैं. जाने उन्हीं म्यूजियम के बारे में.
मध्य प्रदेश के म्यूजियम मौर्य, गुप्त, मुगल, मराठा के स्वर्ण युग की याद दिलाते हैं. प्रदेश में ऐसे कई म्यूजियम हैं जो प्रचीन काल की कई अनसुनी सच्चाइयों को दर्शाते हैं. जाने उन्हीं म्यूजियम के बारे में.
सन् 1919 में सांची म्यूज़ियम का निर्मान सर जॉन मार्शल ने किया था जब वह भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के निदेशक थे. अशोक की प्रसिद्ध शेर की मूर्ति इस म्यूज़ियम का हिस्सा है. यहां का समय प्रातः 10:00 बजे से सायं 05:00 बजे तक.
बूढ़ी चंदेरी के खंडहर मंदिरों की 10वीं और 11वीं शताब्दी की मूर्तियां यहां पाई जाने वाली प्रसिद्ध चीजों में से एक हैं.
खजुराहो का पुरातत्व म्यूज़ियम एक खुली गैलरी है जो खजुराहो के आसपास की मूर्तियों के अभिलेखागार और संग्रह को प्रदर्शित करती है. म्यूज़ियम में 3200 मूर्तियां हैं, इसे चार दीर्घाओं-वैष्णव,शैव,जैनऔर विविध में विभाजित किया गया है.
केंद्रीय संग्रहालय की संरचना अद्वितीय है, यहां तक कि इसके बगीचे भी प्राचीन मूर्तियों से भरे हुए हैं. संग्रहालय के प्रवेश द्वार पर पर्यटकों को भगवान विष्णु और तीर्थंकर आदिनाथ की प्रतिमा दिखाई देगी. म्यूज़ियम में हिंगलाजगढ़, परमार मूर्तिकला, भगवान विष्णु और तीर्थंकर आदिनाथ की मूर्तियों का दुर्लभ संग्रह है.
यह संग्रहालय गुप्त और कलचुरी काल की तांबे की प्लेटों, प्रदर्शन शिलालेखों, लिंगों और छवियों का भंडार है. यहां शक्ति पंथ की मूर्तियों और जैन छवियों के संग्रह की एक विस्तृत विविधता भी है.
रानी दुर्गावती संग्रहालय एक प्रसिद्ध गैलरी है जो छोटेसे शहर, जबलपुर में स्थित है. यह म्यूज़ियम आदिवासी लोगों की रोजमर्रा की जीवनशैली के बारे में दर्शाता है.
यहां शाही संग्रह,जीवाश्म, प्रागैतिहासिक लेख, मूर्तियां, वृत्तचित्र और वस्त्र जैसी ऐतिहासिक कलाकृतियाँ हैं.
महाराजा रघुराज सिंहजी, महाराजा गुलाब सिंहजी और स्वर्गीय एचएच मार्तंड सिंहजी के दुर्लभ चित्रों का संग्रह है.
लाल बाग पैलेस के बारे में सब कुछ क्लासिक है, यह औपनिवेशिक युग की याद दिलाता है.
यह म्यूज़ियम मध्य प्रदेश की आदिवासी संस्कृति को दर्शाता है.
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