महाराष्ट्र की बेटी की शादी मध्यप्रदेश के खरगोन में हुई. शादी के बाद महाराष्ट्र की बेटी को मध्यप्रदेश में सभी अधिकार मिले, लेकिन वह पार्षद चुनाव लड़ने के अधिकार से वंचित हो गई.
Trending Photos
खरगोन: महाराष्ट्र की बेटी की शादी मध्यप्रदेश के खरगोन में हुई. शादी के बाद महाराष्ट्र की बेटी को मध्यप्रदेश में सभी अधिकार मिले, लेकिन वह पार्षद चुनाव लड़ने के अधिकार से वंचित हो गई. यह मामला खरगोन नगर पालिका के वार्ड क्रमांक 10 का है, जहां कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में लड़ रही प्रतिभा पाटिल का नामांकन फार्म निरस्त हो गया. अब महिला ने हाईकोर्ट की शरण ली है.
छत्तीसगढ़ के इन जिलों में थाने बने कबाड़खाने! जानिए ऐसा क्या हुआ
दरअसल खरगोन नगर पालिका के वार्ड-10 से प्रतिभा कांग्रेस की अधिकृत प्रत्याशी है. उनके फार्म निरस्त का कारण जाति ओबीसी नहीं होना सामने आया हैं. क्योंकि चुनाव आयोग ने पाटिल समाज को ओबीसी दर्जा महाराष्ट्र में नहीं होना बताया है जबकि महिला के पिता का जाति प्रमाण पत्र ओबीसी का है. मध्यप्रदेश के खरगोन में नूतन नगर निवासी महिला के पति सुनील पाटिल का जाति प्रमाण पत्र भी ओबीसी का है. ऐसे में महिला को जो कारण बताया गया है, उसमे पिता का ओबीसी में आना उसकी शादी के बाद हुआ है. उससे पहले महाराष्ट्र में पाटिल समाज सामान्य वर्ग में आता था.
हाईकोर्ट में जाउंगी
महिला प्रत्याक्षी पहली बार चुनाव लड़ रही है. उसने अपने पार्षद पद का नामांकन फार्म जाति के कारण निरस्त होने को महिलाओ का अपमान बताया है. महिला प्रतिभा ने गुस्सा जाहिर करते हुए बताया कि शादी के बाद महिला के पिता का नाम हटाया जाता है, उसका सरनेम हटाया जाता है और पति का नाम दिया जाता है. तो अब जाति में मेरे पिता की जाति से जोड़कर लाभों से वंचित किया जा रहा है. आज पिता की जाति सामान्य में होने से मेरा पार्षद प्रत्याक्षी का नामांकन निरस्त हुआ है. अब मैं हाई कोर्ट तक यह लड़ाई लडूंगी.
इकबाल कासकर को प्रज्ञा ठाकुर की चुनौती, साध्वी ने कहा- मुझे ठोकना भी आता है
इधर शहर कांग्रेस अध्यक्ष पूर्णा ठाकुर ने आपत्ति जताते हुए कहा कि शादी के बाद महाराष्ट्र की बेटी को मध्यप्रदेश में सभी अधिकार मिले, लेकिन वह चुनाव लड़ने के अधिकार से वंचित हो गई हैं. वहीं वार्ड 10 से कुल पांच प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किए थे. जिसमें प्रतिभा पाटील कांग्रेस से और भाजपा महिला प्रत्याक्षी सहित चार अन्य महिला प्रत्याक्षी मैदान में है. इस मामले में जिला निर्वाचन अधिकारी कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने दो दिनों तक नामांकन फार्म की पड़ताल में और भी फार्म निरस्त होने पर सभी की बात एक साथ करने की बात कही है. फिलहाल उन्होंने इस संबंध में मीडिया को ऑफिशल कुछ नहीं बताया है.