युवा जोश और अनुभव का समनव्यय बनाने में जुटी कांग्रेस, चुनाव हारने के बाद पहली बार साथ बैठेंगे पटवारी-कमलनाथ
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युवा जोश और अनुभव का समनव्यय बनाने में जुटी कांग्रेस, चुनाव हारने के बाद पहली बार साथ बैठेंगे पटवारी-कमलनाथ

MP News: आगामी लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने कमर कस ली है. दिल्ली में मीटिंग के दौर के बीच अब मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में कांग्रेस नेताओं की मीटिंग बुलाई गई है. 8 जनवरी को होने वाली इस बैठक की खास बात यह है कि इस बैठक में कमलनाथ भी शामिल होने जा रहे हैं. 

भोपाल में होगी कांग्रेस की बड़ी बैठक

Loksabha Election 2024: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में मिली हार को भूलकर अब कांग्रेस आगे बढ़ने की तैयारी में नजर आ रही है. पार्टी के नए नवेले प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने लोकसभा चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं. खास बात यह है कि विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद तत्कालीन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ फिलहाल सियासी तौर एक्टिव नहीं थे, उन्होंने विधानसभा में शपथ भी नहीं ली है. लेकिन चुनाव के बाद पहली बार कमलनाथ और जीतू पटवारी एक साथ भोपाल में बैठक करेंगे. यह बैठक लोकसभा चुनाव के लिहाज से अहम मानी जा रही है. क्योंकि इसमें कांग्रेस के युवा जोश के साथ अनुभव का मिश्रण देखने को मिलेगा. 

युवा जोश और अनुभव का समन्वय बनाने में जुटी कांग्रेस 

दरअसल, कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद पार्टी में बड़ी सर्जरी की है. युवा नेता जीतू पटवारी को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी हैं, जबकि उमंग सिंघार को नेता प्रतिपक्ष और हेमंत कटारे को उपनेता प्रतिपक्ष बनाया है. यानि पार्टी की कमान फिलहाल पूरी तरह से युवा हाथों में हैं. लेकिन राजनीतिक जानकारों मानना है कि कांग्रेस युवा जोश के साथ अनुभव का भी लाभ लेना चाहती है. दरअसल, दिग्विजय सिंह और कमलनाथ मध्य प्रदेश कांग्रेस के ऐसे नेता हैं जो राज्य की राजनीति में पिछले तीन दशकों से एक्टिव हैं, दोनों को सूबे में होने वाली सियासत की नब्ज पता है. पार्टी उनके अनुभव को नजरअंदाज नहीं कर सकती है, ऐसे में माना जा रहा है कि कांग्रेस आलाकमान ने प्रदेश की यंग लीडरशिप को अनुभवी नेताओं के साथ समनव्य बनाकर चलने के निर्देश दिए हैं, जिसके चलते यह मीटिंग अहम मानी जा रही है. 

लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं कांग्रेस के बड़े नेता  

माना जा रहा है कि कांग्रेस लोकसभा चुनाव में अपने बड़े नेताओं को उतार सकती है. कमलनाथ, दिग्विजय सिंह, कांतिलाल भूरिया, अरुण यादव, सुरेश पचौरी और अजय सिंह जैसे नेताओं के लोकसभा चुनाव लड़ने की चर्चा प्रदेश के सियासी गलियारों में शुरू हो गई है. खास बात यह है इन सभी नेताओं को लोकसभा चुनाव लड़ने का अनुभव भी हैं, जबकि दिग्विजय सिंह और अजय सिंह को छोड़ दिया जाए तो बाकि के नेता यूपीए सरकारों में मंत्री भी रह चुके हैं. इसके अलावा जीतू पटवारी समेत चुनाव जीतने वाले कुछ युवा विधायक भी लोकसभा चुनाव में उतर सकते हैं. यानि कांग्रेस लोकसभा चुनाव फ्रंट पर आकर लड़ने की तैयारी में हैं. अगर ऐसा होता है तो मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव बेहद दिलचस्प नजर आएगा. क्योंकि बीजेपी भी विधानसभा चुनाव में मिली जीत से उत्साहित है और लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गई हैं. 

8  जनवरी को PCC में जुटेंगे दिग्गज 

कांग्रेस को विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद की दिल्ली में पार्टी आलाकमान के साथ बड़ी बैठक हो चुकी है, जिसमें कांग्रेस नेताओं ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और कांग्रेस नेता राहुल गांधी को रिपोर्ट सौंप दी है. बताया जा रहा है कि इस बैठक में पार्टी आलाकमान की तरफ से ही लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटने की हरी झंडी मिल चुकी है. ऐसे में अब 8 जनवरी को भोपाल में प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में बड़ी बैठक होगी. इस बैठक में पूर्व PCC चीफ कमलनाथ, दिग्विजय सिंह, सुरेश पचौरी, अरुण यादव, PCC चीफ जीतू पटवारी और कांतिलाल भूरिया सहित तमाम वरिष्ठ नेता शामिल होंगे. माना जा रहा है कि इस बैठक में लोकसभा चुनाव के लिए रणनीति तय हो सकती है. बताया जा रहा है कि इस बैठक में शामिल होने के लिए सभी जिला अध्यक्ष, जिला प्रभारी सहित सभी मोर्चा संगठन को बुलाया गया है. इस मीटिंग में विधानसभा चुनाव से पहले नियुक्त किए गए लोकसभा प्रभारियों को भी बुलाया गया है. 

कमलनाथ रहेंगे प्रदेश में एक्टिव 

विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद कमलनाथ ने छिंदवाड़ा जिले की सभा में बड़ा बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि वह मध्य प्रदेश में एक्टिव रहेंगे. ऐसे में माना जा रहा है कि वह एक बार फिर से प्रदेश की राजनीति में एक्टिव होंगे. चर्चा तो यह भी है कि कमलनाथ छिंदवाड़ा लोकसभा सीट से चुनाव भी लड़ सकते हैं. हालांकि अब तक इसको लेकर उनकी तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है. लेकिन लोकसभा चुनाव में कमनलाथ की भूमिका मध्य प्रदेश में अहम हो सकती है.  

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भारत जोड़ो न्याय यात्रा को लेकर बन सकती है रणनीति

8 जनवरी को होने वाली बैठक में लोकसभा चुनाव के अलावा राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' की रणनीति और तैयारियों पर भी चर्चा हो सकती है. बैठक में राहुल गांधी की यात्रा के लिए समितियों की गठन भी हो सकता है. राहुल की यात्रा प्रदेश की 6 लोकसभा सीटों को कवर करेगी. मध्य प्रदेश कांग्रेस पर समय-समय पर गुटबाजी के आरोप भी लगते रहे हैं, ऐसे में पार्टी राहुल की यात्रा में एकता का परिचय देने का संदेश देना चाहेगी, ताकि विधानसभा चुनाव की हार को भूलकर कांग्रेस के कार्यकर्ता लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुट जाए. 

एमपी के 9 जिलों को कवर करेगी यात्रा

कांग्रेस नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में 14 जनवरी को मणिपुर से भारत जोड़ो न्याय यात्रा शुरू होने वाली है. मणिपुर की राजधानी इंफाल से आगाज होने वाली इस यात्रा का समापन मुंबई में होगा. करीब 6,700 किलोमीटर लंबी यात्रा 67 दिनों में 15 राज्यों को कवर करेगी. इस यात्रा हो कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे हरी झंडी दिखाएंगे. ये यात्रा एमपी के 9 जिलों को भी कवर करेगी.

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