ओशो के नाम पर होगा MP का ये फेमस कॉलेज, आचार्य रजनीश के 10 साल गुजरे थे यहां
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ओशो के नाम पर होगा MP का ये फेमस कॉलेज, आचार्य रजनीश के 10 साल गुजरे थे यहां

Acharya Rajneesh Osho: मध्य प्रदेश में शहरों स्टेशनों के नाम बदलने के सिलसिले में अब कॉलेज भी शामिल होने जा रहा है. जबलपुर की शासकीय महाकौशल कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय का नाम बदलने के लिए प्रबंधन ने प्रशासन को प्रस्ताव भेजा है.

ओशो के नाम पर होगा MP का ये फेमस कॉलेज, आचार्य रजनीश के 10 साल गुजरे थे यहां

Acharya Rajneesh Osho: जबलपुर। मध्य प्रदेश में कुछ दिनों से शहरों और स्टेशनों के नाम बदले का दौर चला. उस समय प्रदेश पूरे देश में सुर्खियों में रहा. अब शहरों और रेलवे स्टेशन नाम बदलने के इस सिलसिले में कॉलेज भी शामलि हो गए हैं. पहले मांग जबलपुर से सामने आई है. यहां के शासकीय महाकौशल कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय प्रबंधन से प्रशासन को कॉलेज का नाम बदलने को लेकर एक प्रस्ताव भेजा है.

ओशो के नाम पर नामकरण का प्रस्ताव
अगर प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई तो जबलपुर के शासकीय महाकौशल कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय का नाम अब बदल दिया जायेगा. कॉलेज प्रबंधन ने नाम बदलने के लिए भेजे गए अपने लेटर में कॉलेज का नाम रजनीश 'ओशो' के नाम पर करने का प्रस्ता दिया है. अगर इसे मंजूरी मिल जाती है तो कॉलेज का नाम ओशो शासकीय महाकौशल कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय हो जाएगा.

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यहां प्रोफेसर रहे हैं रजनीश ओशो
महाविद्यालय के प्राचार्य एसी तिवारी ने बताया कि 1957 से करीब 10 सालों तक महाकौशल महाविद्यालय में रजनीश ओशो दर्शन शास्त्र के प्रोफेसर रहे हैं. जबलपुर उनकी कर्मभूमि रही है. देश और विदेश में उन्हें अच्छी ख्याति प्राप्त है. यही वजह है कि कॉलेज के द्वारा जिस कुर्सी पर बैठकर छात्रों को पढ़ाया करते थे उसे भी सहेज कर रखा गया है

कॉलेज के लिए गर्व का विषय
एसी तिवारी ने बताया कि जिला प्रशासन को कॉलेज द्वारा प्रस्ताव बनाकर नाम बदलने के लिए भेज दिया गया है. जैसे ही वहां से अनुमति मिलती है तो कॉलेज का नाम बदल कर ओशो शासकीय महाविद्यालय कर दिया जाएगा. ये हमारे कॉलेज के लिए गर्व की बात है कि रजनीश ओशो ने यहां अपना समय दिया. इसी कारण नाम बदलने की मांग की गई है.

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पूर्व छात्रों ने एक स्वर में की थी मांग
बता दें 13 दिसंबर को ही महाकौशल महाविद्यालय के पूर्व छात्रों ने ओशो महोत्सव व छात्र मिलन कार्यक्रम आयोजित किया था. इसमें देश-प्रदेश के अनेक शहरों से अनेक छात्रों (जो अब कही न कही बड़े ओहदों पर हैं) ने भाग लिया था. इसी कार्यक्रम के दौरान एक स्वर में महाविद्यालय का नाम ओशो महाविद्यालय किए जाने की मांग उठी थीं. अब इसपर अमल करते हुए प्रबंधन ने अपनी ओर से कार्रवाई शुरू की है.

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