ईसाई मिशनरियों के समर्थन में उतरे गैर ईसाई, धर्मांतरण के मुद्दे पर सियासत शुरू
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ईसाई मिशनरियों के समर्थन में उतरे गैर ईसाई, धर्मांतरण के मुद्दे पर सियासत शुरू

ईसाई मिशनरियों का समर्थन करने वाले लोगों पर राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो भड़क गए हैं. उन्होंने एक ट्वीट करते हुए ईसाई मिशनरियों का समर्थन करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.

ईसाई मिशनरियों के समर्थन में उतरे गैर ईसाई, धर्मांतरण के मुद्दे पर सियासत शुरू

महेंद्र दूबे/दमोहः मध्य प्रदेश में हाल के दिनों में धर्मांतरण के कई मामले सामने आए हैं. जिसके बाद इस मामले पर सियासत भी शुरू हो गई है. खासकर दमोह धर्मांतरण को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा में है. राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो खुद इस मामले में खासे सक्रिय हैं. अब हाल ही में इस मामले में नया मोड़ आया, जब गैर ईसाई समुदाय के लोग ईसाई मिशनरियों के समर्थन में उतर गए. 

बता दें कि दमोह में बीते दिनों धर्मांतरण के आरोप में पुलिस ने ईसाई मिशनरी से जुड़े लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 10 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली थी. अब मंगलवार को दमोह की सड़कों पर बड़ी संख्या में गैर ईसाई समुदाय के लोग उतर गए. दरअसल ये लोग ईसाई मिशनरियों में काम करने वाले लोग थे, जो ईसाई मिशनरियों के खिलाफ कार्रवाई का विरोध कर रहे थे. गैर ईसाई समुदाय के लोगों ने बड़ी संख्या में इकट्ठा होकर केंद्रीय जलशक्ति राज्यमंत्री प्रहलाद पटेल से मुलाकात की और उन्हें ज्ञापन सौंपा. 

वहीं ईसाई मिशनरियों का समर्थन करने वाले लोगों पर राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो भड़क गए हैं. उन्होंने एक ट्वीट करते हुए ईसाई मिशनरियों का समर्थन करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. प्रियंक कानूनगो ने लिखा कि दमोह के आधारशिला संस्थान के अजय लाल उनकी शिकायत में नामजद आरोपी हैं. वह इस तरह के जुलूस निकलवाकर दबाव बनाना चाहते हैं. 

अपने एक अन्य ट्वीट में प्रियंक कानूनगो ने लिखा कि दमोह मिशनरियों के पक्ष में बिना सरकारी अनुमति के निकाले गए जुलूस में शामिल लोगों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए. प्रियंक कानूनगो के ये ट्वीट सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहे हैं.  

बता दें कि बीती 13 नवंबर को राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने दमोह में मिशनरी द्वारा संचालित बाल गृहों का दौरा किया था. इस निरीक्षण के बाद उन्होंने मिशनरियों पर बच्चों को पादरी बनने की शिक्षा देने का आरोप लगाया. इसके बाद उन्होंने दमोह के आधारशिला संस्थान के संचालक और मिड इंडिया क्रिश्चियन सर्विसेज के सदस्य डॉ. अजय लाल समेत 10 लोगों पर धर्मांतरण का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई थी. एक अन्य मामले में भी 8 लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई. हालांकि अभी तक अजय लाल समेत सभी आरोपी फरार हैं.

धर्मांतरण के आरोपी लोगों की अभी तक गिरफ्तारी नहीं होने से हिंदू संगठनों के लोग भी नाराज हैं. हिंदू संगठनों ने प्रशासन पर आरोपियों को संरक्षण देने का आरोप लगाया. इसे लेकर हिंदू संगठनों ने शहर की सड़कों पर जुलूस भी निकाला. 

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