चंबल का पारा हाई ! रविदास के बहाने बहेगी सियासी बयार, CM शिवराज, सिंधिया, कमलनाथ करेंगें इस अंकगणित का खेल
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चंबल का पारा हाई ! रविदास के बहाने बहेगी सियासी बयार, CM शिवराज, सिंधिया, कमलनाथ करेंगें इस अंकगणित का खेल

Chambal Political: आज चंबल का राजनीतिक पारा हाई रहने वाला है. यहां रविदास जयंती (Ravidas Jayanti) पर सीएम शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj) , ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) और कमलनाथ (Kamalnath) के कार्यक्रम हो रहे हैं. जानिएं क्या रविदास के बहाने बहेगी सियासी बयार?

चंबल का पारा हाई ! रविदास के बहाने बहेगी सियासी बयार, CM शिवराज, सिंधिया, कमलनाथ करेंगें इस अंकगणित का खेल

Chambal Political: ग्वालियर। मध्य प्रदेश की राजनीति में अहम रोल निभाने वाले ग्वालियर चंबल अंचल (Gwalior Chambal) का आज रविदास जयंती (Ravidas Jayanti) के मौके पर सियासी पारा चढ़ने (Poletical Importenc) वाला है. क्योंकि आज यहां राज्य के दिग्गजों मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj), ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) और पूर्व सीएम, कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के कार्यक्रम एक साथ होने जा रहे हैं. सीएम शिवराज भिंड में विकास यात्रा के शुभारंभ के लिए पहुंच रहे हैं. वहीं सिंधिया ग्वालियर तो कमलनाथ (Kamalnath) मुरैना और ग्वालियर में रविदास जयंती के कार्यक्रमों में हिस्सा लेने वाले हैं.

रविदास के सहारे 2023 का चुनाव
अंचल में एक साथ दिग्गजों का फोकस इस बात को दिखाता है कि इस इलाके के राजनीतिक मायने काफी अहम हैं. संत रविदास के सहारे के सहारे क्षेत्र में आना आगानी चुनाव में अपने-अपने 'रवि' का उदय करने के प्रयास के साथ ही अंचल के वोटरों के साधना है. आज के कार्यक्रम इस बात को भी साफ जाहिर कर रहे हैं कि दोनों दल वर्ग विशेष (दलितों) पर भी फोकस बनाए हुए हैं.

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सत्ता की सीढ़ी कहा जाता है ग्वालियर-चंबल
मध्य प्रदेश की राजनीति में ग्वालियर-चंबल इलाके को सत्ता की सीढ़ी कहा जाता है. माना जाता है कै कि जिस पार्टी ने यहां बहुमत हासिल कर लिया भोपाल में कुर्सी उसी की रहती है. 2018 में यहां भाजपा को बड़ा नुकसान झेलना पड़ा था. इलाके की 34 में से कांग्रेस ने 26 सीटे जीतकर सरकार बना ली थी. हालांकि, बा में सिंधिया के बीजेपी ज्वाइन करने के बाद सत्ता बीजेपी के पास चली गई.

ग्वालियर मुरैना हार गई है बीजेपी
निकाय चुनावों में ग्वालियर और मुरैना से दो बड़े चेहरे ज्योतिरादित्य सिंधिया और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के आने के बाद भी बीजेपी को यहां करारी हार का समाना करना पड़ा था. यही वजह है कि कांग्रेस इस इलाके में वोटरों के बीच बने महौल को भुना लेना चाहती है. वहीं भाजपा का पूरा प्रयास है कि वो विधानसभा चुनाव में रिकवरी कर पाए.

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कांग्रेस के कार्यक्रम का स्थान खास
कांग्रेस का कार्यक्रम  ग्वालियर पूर्व विधानसभा क्षेत्र के थाटीपुर में होगा. इसी इलाके में 2018 में दलित और सवर्ण संघर्ष के बाद विवाद पूरे चंबल में पहुंच गया था. इस कारण यहां बीजेपी को 7 आरक्षित सीटों में से केवल एक पर ही जीत मिली थी. अब कांग्रेस रविदास जयंती के बहाने बीजेपी के खिलाफ अपने आप को मजबूत करने के प्लान में है.

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