स्मार्ट सिटी के टेंडर में घोटाले की बू, शिवराज सरकार खंगालेगी फाइलें
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स्मार्ट सिटी के टेंडर में घोटाले की बू, शिवराज सरकार खंगालेगी फाइलें

नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के सभी सात स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट्स की प्रगति की समीक्षा की है. 

शिवराज सिंह चौहान, मुख्यमंत्री, मध्य प्रदेश

भोपालः मध्य प्रदेश में अब स्मार्ट सिटी पर सियासत शुरू हो गई है, कल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नगरीय प्रशासन विभाग के साथ बैठक कर अधिकारियों को स्मार्ट सिटी के कामों में हो रही लापरवाही पर जमकर फटकार भी लगाई थी. सीएम ने हर सोमवार को स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत चल रहे कामों की समीक्षा करने के आदेश भी दिए हैं. वहीं कमलनाथ सरकार के दौरान स्मार्ट सिटी योजना में दिए गए टेंडर्स की जांच के निर्देश भी दिए गए हैं. 

चहेते ठेकेदारों को दिए टेंडर 
नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने बताया कि ''मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के सभी सात स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट्स की प्रगति की समीक्षा की है, इसमें यह सामने आया कि प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के समय स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट्स के नाम पर करोड़ों रुपये बर्बाद किये गए हैं. कांग्रेस की तत्कालीन सरकार ने अपने चहेते ठेकेदारों को बिना किसी नियम तथा प्रक्रिया के करोड़ों रुपये के ठेके दे दिए थे. यहां तक कि उस सरकार ने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट्स में कई गैर-जरूरी काम भी स्वीकृत कर दिए थे. जिससे इन पैसों की बर्बाद हुई है.''

सागर में समीक्षा करेंगे मुख्यमंत्री 
भूपेंद्र सिंह ने बताया कि कल की बैठक में मुख्यमंत्री ने निर्णय लिया है कि इन प्रोजेक्ट्स के तहत उपलब्ध बजट के आधार पर कार्यों की प्राथमिकता तय की जाएगी. ताकि उपलब्ध धनराशि का जनकल्याण में अधिक से अधिक इस्तेमाल सुनिश्चित किया जा सके. मुख्यमंत्री 10 दिसंबर को सागर में स्मार्ट सिटी के कामों और प्रगति की समीक्षा करेंगे. मंत्री ने बताया कि सीएम का दिसंबर और जनवरी के लिए सभी अन्य स्मार्ट सिटी वाले स्थानों में जाने का भी कार्यक्रम बन रहा है, जिसके तहत वह सभी स्थानों पर राज्य सरकार के विकास के विजन के आधार पर विकास सुनिश्चित किया जाएगा. 

पिछली सरकार में दिए गए टेंडर जांच भी होगी 
नगरीय प्रशासन मंत्री ने कहा कि ''सीएम शिवराज ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि अब किसी भी हालत में स्मार्ट सिटी के काम में अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी. कोई भी किसी भी एजेंसी को कुछ भी काम स्वीकृत दे, ऐसा कतई नहीं होने दिया जाएगा. भूपेंद्र ने कहा कि कमलनाथ सरकार के दौरान दिए गए ठेकों की जांच भी होगी. स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में कांग्रेस की तत्कालीन सरकार के समय बड़े पैमाने पर धांधली हुई हैं. अपनों को उपकृत करने के लिए कांग्रेस सरकार में मनमर्जी से ठेके दिए गए हैं और करोड़ों रुपए की बर्बादी हुई है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पूरे मामले में जांच के आदेश दिए हैं. जांच में गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ एक्शन होगा.''

सरकार के मंत्री ने उठाया था मुद्दा 
दरअसल, शिवराज सरकार में कद्दावर मंत्री गोपाल भार्गव ने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत चल रहे कामों का मुद्दा उठाकर अपनी ही सरकार पर सवाल उठा दिया था. गोपाल भार्गव ने कहा कि स्मार्ट सिटी में क्या स्मार्ट काम हो रहे हैं. पता नहीं जिसके बाद शिवराज सरकार एक्शन मोड में आ गई और अब मुख्यमंत्री ने हर मामले की जांच की बात कही है. जिसके बाद कल हुई बैठक में सीएम शिवराज ने कहा कि पुरानी सरकार में तो लूट ही मची थी, टेंडर भी लूटने के लिए निकले थे, स्मार्ट सिटी को लेकर, हमें प्राथमिकता तय करनी चाहिए कि पहले क्या करना है. इसलिए पहले खराब सड़कें सुधारे. ताकि लोगों को आवगमन में परेशानी न हो. बैठक में सीएम ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि 7 स्मार्ट शहरों में ट्रैफिक प्रबंधन प्रणाली शुरू की जाए. सभी शहरों में एकीकृत कमांड एन्ड कंट्रोल सेंटरों की भी शुरूआत की जाए. मुख्यमंत्री ने कहा कि अब से हर सोमवार को स्मार्ट सिटी का रिव्यू होगा, जबकि स्मार्ट सिटी में जो काम हो रहा है उसके नतीजे आने चाहिए.

एमपी के ये शहर है स्मार्ट सिटी में शामिल 
दरअसल, मध्य प्रदेश के सात शहर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में शामिल हैं, जिनमें राजधानी भोपाल सहित इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन, सतना और सागर शामिल हैं. इन सभी सात शहरों में स्मार्ट सिटी के तहत करोड़ों रुपए के निर्माण कार्य चल रहे हैं. जिन पर अब शिवराज सरकार सख्त नजर आ रही है. 

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