भिंड से मानवता को शर्मसार करने वाली तस्वीरें सामने आई हैंं. गांव में मुक्तिधाम ना होने के चलते ग्रामीणों ने बीच रोड पर महिला का अंतिम संस्कार किया गया.
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प्रदीप शर्मा/भिंड: मध्य प्रदेश के भिंंड जिले के एक गांव से मानवता को शर्मसार करने वाली तस्वीरें सामने आई हैंं. यहां एक वृद्ध महिला को मरने के बाद अंतिम संस्कार के लिए मुक्तिधाम तक नसीब नहीं हुआ जिसके चलते परिजनों को बीच सड़क पर उसका अंतिम संस्कार करना पड़ा. बताया जा रहा है कि आज तक गांव में मृतकों को जलाने के लिए शांतिधाम ही नहीं बनाया गया है.
मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहा गांव
मध्य प्रदेश सरकार ग्रामीण इलाक़ों को विकसित कराने के लिए हर साल करोड़ों रुपये खर्च करती है. मनरेगा जैसी योजनाएं गांव के विकास और ग्रामीणों की सुविधाएं उपलब्ध कराने का काम करती है लेकिन भिंड के मेहगांव विधानसभा क्षेत्र का ग्राम अजनौल आज भी मूलभूत ज़रूरतों के लिए जद्दोजहद कर रहा है.
किसी ने भी मुक्तिधाम बनवाने का नहीं किया प्रयास
गांव में वर्षों से शांतिधाम की दरकार है लेकिन किसी ज़िम्मेदार ने आज तक मुक्तिधाम बनवाने का प्रयास तक नहीं किया है. लिहाजा स्थानीय लोग मृतकों का अंतिम संस्कार अपने खेतों पर करते हैं. बरसात में जब खेतों तक जाने के लिए रास्ता नहीं होता है तो अंतिम संस्कार के लिए इसी तरह की तस्वीरें सामने आती हैं.
अधिकारियों से लगाई गुहार लेकिन कोई सुनवाई नहीं
ग्रामीणों ने बताया कि कई बार इस सम्बंध में गांव के सरपंच, जनपद में मौजूद अधिकारियों से गुहार लगाई है लेकिन किसी से सुनवाई नहीं होती है. जब किसी का कोई परिजन स्वर्ग सिधार जाता है तो उसका अंतिम संस्कार अपने-अपने खेतों पर कर लेते हैं. बारिश के मौसम में तो परिस्थितियां ऐसा भी नहीं करने देतीं. आज भी कई लोग गांव में ऐसे हैं जो भूमिहीन हैं, वे बेचारे क्या करें.
सड़क पर ही कर दिया अंतिम संस्कार
शनिवार को भी अजनौल गांव के निवासी हरभजन सिंह की मां बिटोली बाई का निधन हो गया. मृतक के अंतिम संस्कार की बारी आई तो शांतिधाम तो है ही नहीं और खेतों में बारिश की वजह से पानी भर जाने से वहां भी अंतिम क्रिया नहीं की जा सकी. ऐसे में गुस्साए और परेशान ग्रामीणों ने अजनौल के आम रास्ते पर सड़क पर ही अंतिम संस्कार कर दिया. अब ग्रामीणों की एक बार फिर मांग है कि कोई उनकी सुनवाई कर ले और गांव में एक मुक्तिधाम बनवा दे. हरभजन सिंह को अपनी वृद्ध मां की मौत का इतना दुख नहीं है जितना दुख गांव में मुक्तिधाम ना होने के चलते उनका अंतिम संस्कार भी रीति-रिवाज से ना हो करके बीच सड़क पर करना पड़ा.
सिस्टम की खामियों की वजह से आई शर्मसार करने वाली तस्वीरें
इस मामले में कांग्रेस ज़िला अध्यक्ष मान सिंह कुशवाहा का कहना है कि, अजनौल में स्थिति सिस्टम की खामियों की वजह से शर्मसार कर देने वाली स्थिति से ग्रामीणों को गुजारना पड़ा है. आज भी लोग इन परिस्थितियों में जी रहे हैं. जब सरकार और बीजेपी प्रदेश के अंतिम छोर के व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुंचाने के दावे करती हैं तो ऐसी तस्वीरे उनकी पोल खोलती हैं जहां मूलभूत सुविधाओं के लिए भी लोग तरस रहे हैं. कांग्रेस जिला अध्यक्ष का कहना है कि वे इस सम्बंध में जिम्मेदार अफसरों से मिलकर निराकरण कराने का प्रयास करेंगे. इस समस्या के निदान के लिए कांग्रेस ग्रामीणों के साथ है.
एसडीएम ने दिया आश्वासन
वहीं, एसडीएम वरुण अवस्थी का कहना है कि मामला उनके संज्ञान में आया है और जांच करवा रहे हैं. अगर गांव में वाकई मुक्तिधाम नहीं है तो उसके निर्माण की जल्द से जल्द प्रक्रिया की जाएगी ताकि और कोई दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी. यह गांव में हाल तब है जब मेहगांव विधानसभा से विधायक ओपीएस भदौरिया मध्य प्रदेश सरकार में आवास एवं पर्यावरण मंत्री हैंं और उन्हीं की विधानसभा के अंतर्गत ग्राम अजनौल आता है. उपचुनाव 2020 में अजनौल गांव के लोगों ने एक तरफा भाजपा प्रत्याशी और वर्तमान मंत्री ओपीएस भदौरिया के लिए 90 प्रतिशत वोटिंग की थी.
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