भिंड कलेक्टर के एक फैसले ने उड़ा दी थी अधिकारियों की नींद, अब बदलना पड़ा अपना फैसला
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भिंड कलेक्टर के एक फैसले ने उड़ा दी थी अधिकारियों की नींद, अब बदलना पड़ा अपना फैसला

जी मीडिया की खबर का असर एक बार फिर देखने को फिर मिला है. दो दिन पहले कलेक्टर के फरमान से अधिकारियों और कर्मचारियों में हड़कंप मच गया था, जिस खबर को जी मीडिया ने प्रमुखता से दिखाया था.

भिंड कलेक्टर के एक फैसले ने उड़ा दी थी अधिकारियों की नींद, अब बदलना पड़ा अपना फैसला

प्रदीप शर्मा/ भिंड: जी मीडिया की खबर का असर एक बार फिर देखने को फिर मिला है. दो दिन पहले कलेक्टर के फरमान से अधिकारियों और कर्मचारियों में हड़कंप मच गया था, जिस खबर को जी मीडिया ने प्रमुखता से दिखाया था. खबर में बताया गया था कि कलेक्टर को अपने इस आदेश के बारे में एक बार फिर विचार जरूर करना चाहिए, जिसके बाद कलेक्टर ने खबर पर संज्ञान लेते हुए आदेश के बारे में विस्तार से बताया. कलेक्टर भिंड सतीश कुमार एस ने बताया कि अब कर्मचारियों को डरने जैसी कोई बात नहीं है.

दरअसल किसी भी कर्मचारी को चुनाव ड्यूटी से मुक्त होने के लिए मांगी गई छुट्टी पर जबरदस्ती वीएसआर देने की बात सामने आई थी. इसपर सतीश कुमार एस ने बताया कि ऐसा नहीं होगा.  जबरदस्ती वीएसआर नहीं दिया जाएगा. प्रशासन चाहता है कि छोटी-मोटी बीमारियों के चलते कर्मचारी छुट्टियों के आवेदन लेकर ना आए, क्योंकि चुनाव एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, जिसको संपन्न कराना कर्मचारियों की जिम्मेदारी भी है. जो किसी कर्मचारी को तत्काल कोई गंभीर समस्या आती है या वो बीमारी से पीड़ित है, तो उसको निश्चित ही चुनाव ड्यूटी से मुक्त किया जाएगा. चुनाव आयोग के निर्देशों के अनुसार ड्यूटी में लगाए गए कर्मचारियों को ड्यूटी पर भेजा जाएगा. कलेक्टर ने बताया कि भिंड में आधा सैकड़ा से अधिक ड्यूटी निरस्त करने के आवेदन आए हैं, जिनमें कई कर्मचारियों को लंबे समय से शुगर, बीपी, थायरॉयड अथवा अन्य रूटीन बीमारियों के जिनके चलते चुनाव से अवकाश नहीं दिया जा सकता है.

भिंड कलेक्टर ने बताया कि अगर किसी कर्मचारी को तत्काल कोई गंभीर समस्या है तो उसका अवकाश स्वीकृत किया जाएगा, वही कलेक्टर ने मेडिकल बोर्ड द्वारा कर्मचारियों को दिए गए प्रमाण पत्रों पर मीडिया द्वारा उठाये गए सवाल पर कहा कि उन्होंने मेडिकल बोर्ड को आदेशित किया है कि अगर किसी कर्मचारी को गंभीर बीमारी है तो ही सर्टिफिकेट जारी किया जाए अन्यथा रूटीन बीमारियों में बीमारी का सर्टिफिकेट जारी ना किया जाए. प्रशासन द्वारा इस प्रकार का आदेश जारी करने का एकमात्र उद्देश्य ही था कि ज्यादा से ज्यादा कर्मचारी ड्यूटी पर आएं, क्योंकि चुनाव के लिए समय कम बचा है और पांच चरणों में पंचायत और नगरीय निकाय के चुनावों को संपन्न कराना है.

 

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