Atalji Birth Anniversary: अटल बिहारी वाजपेयी का सफरनामा, जानें 1924 से 2018 तक हर सवाल का जवाब
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Atalji Birth Anniversary: अटल बिहारी वाजपेयी का सफरनामा, जानें 1924 से 2018 तक हर सवाल का जवाब

Atalji Birth Anniversary: आज पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) का जन्मदिन है. भारत रत्न अटलजी एक राजनेता होने के साथ-साथ हिंदी के कवि, पत्रकार और प्रखर वक्ता भी थे. यहां हम दे रहे हैं उनसे जुड़े कुछ सवालों के जवाब...

Atalji Birth Anniversary: अटल बिहारी वाजपेयी का सफरनामा, जानें 1924 से 2018 तक हर सवाल का जवाब

Atalji Birth Anniversary: श्यामदत्त चतुर्वेदी/नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की आज जन्म जयंती है. 25 दिसंबर 1924 को मध्य प्रदेश के ग्वालियर में में जन्मे वाजपेयी साल 2018 में हमें छोड़ कर चले गए, लेकिन उनकी जीवन से जुड़े चर्चे आज भी लोगों के जहन में जिंदा हैं. आज आपको अटल बिहारी वाजपेयी की जिंदगी से जुड़े सवालों के जवाब दे रहे हैं, जिन्हें अक्सर हर कोई जानना चाहता है. इन सवालों के जरिए यहां आप अटल बिहारी वाजपेयी का काफी हद तक जान पाएंगे.

अटल बिहारी वाजपेयी कौन थे ?
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी तीन बार देश के प्रधानमंत्री बने. वे हिंदी कवि, पत्रकार और प्रखर वक्ता भी थे. वह जनसंघ के संस्थापकों में से एक थे. वाजपेयी एक ऐसे नेता थे जिन्हें हर राजनीतिक दल स्वीकार करता था.

जन्म कब और कहां हुआ था?
अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म मध्य प्रदेश के ग्वालियर ( gwalior ) में हुआ था. उनके पिता ग्वालियर रियासत में शिक्षक थे. शिन्दे की छावनी में 25 दिसंबर 1924 को वाजपेयी जन्मे थे. उनके पिता कृष्ण बिहारी वाजपेयी उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के मूल निवासी थे.

वाजपेयी की शिक्षा कहां-कहां से हुई?
वाजपेयी की बीए की शिक्षा ग्वालियर के विक्टोरिया कॉलेज (वर्तमान में लक्ष्मीबाई कॉलेज) में हुई. छात्र जीवन से वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक बने तभी से राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में भाग लेते रहे. इसके बाद कानपुर के डीएवी कॉलेज से राजनीति शास्त्र में एमए की परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की. इसके बाद उन्होंने कानपुर से ही पिता के साथ LLB की पढ़ाई की.

राजनीतिक जीवन कैसा था?
- अटल बिहारी वाजपेयी जनसंघ के संस्थापकों में से एक थे. वह 1968 से 1973 तक जनसंघ राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे. 1952 में वो पहली बार लोकसभा चुनाव लड़े, लेकिन हार गए. इसके बाद 1957 में यूपी के बलरामपुर सीट से बतौर जनसंघ प्रत्याशी उन्होंने जीत हासिल की.

- 1967 से 1977 तक जनता पार्टी की स्थापना के बाद से बीस साल तक लगातार संसदीय दल के नेता रहे. मोरारजी देसाई की सरकार में 1977 से 1979 तक विदेश मंत्री रहे और विदेश में भारत के साथ ही हिंदी की छवि बनाई.

- 1980 में जनता पार्टी से असंतुष्ट होकर उन्होंने भारतीय जनता पार्टी की स्थापना में मदद की. इसके बाद 6 अप्रैल 1980 को बनी भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष भी बने. वह दो बार राज्यसभा के लिए चुने गए.

कब-कब बने देश के प्रधानमंत्री ?
- 1996 में पहली बार देश के प्रधानमंत्री बने, लेकिन, संख्याबल नहीं होने के चलते यह सरकार महज 13 दिन में 1996 को गिर गई
- 1998 में दोबारा पीएम बने, लेकिन, 13 महीने बाद 1999 की शुरुआत में उनके नेतृत्व वाली सरकार दोबारा गिर गई
- 1999 में ही उनके नेतृत्व में 13 दलों की गठबंधन सरकार बनी, जिसने सफलतापूर्वक पांच साल का कार्यकाल पूरा किया, जो अपना कार्यकाल पूरा करने वाली पहली गैर कांग्रेसी सरकार थी

 प्रधानमंत्री के रूप में वाजपेयी के बड़े काम?
- 11 और 13 मई 1998 को पोखरण में पांच भूमिगत परमाणु परीक्षण विस्फोट करके भारत को परमाणु शक्ति संपन्न देश घोषित किया था
- उन्होंने पाक से संबंध सुधारने के उद्देश्य से 19 फरवरी 1999 को सदा-ए-सरहद नाम से दिल्ली से लाहौर तक बस सेवा शुरू की थी
- साल 1990 में अटल सरकार के कार्यकाल में करगिल युद्ध में पाक के अवैध कब्जे से भारत भूमि को छुड़ाया
- स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना, जिसने भारत के चारों कोनों ( दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई ) को सड़क मार्ग से जोड़ा, इसकी शुरुआत वाजपेयी के कार्यकाल में हुई

स्वतंत्रता आंदोलन में क्या योगदान था?
ब्रिटिश शासन का विरोध करने के चलते वाजपेयी को किशोरावस्था में कुछ समय के लिए जेल भेजा गया. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और जनसंघ से जुड़ने से पहले वाजपेयी कुछ समय तक साम्यवाद के संपर्क में भी आए. बाद में दक्षिणपंथी संगठनों से जुड़ाव हो गया.

वाजपेयी के प्रमुख कविताएं ?
मेरी इक्यावन कविताएं अटल बिहारी वाजपेयी के प्रसिद्ध काव्यसंग्रह है. रग-रग हिंदू मेरा परिचय, मृत्यु या हत्या, अमर बलिदान (लोकसभा में वाजपेयी के वक्तव्यों का संग्रह), संसद में तीन दशक, अमर आग है आदि उनकी प्रमुख रचनाओं में शामिल हैं.

अटल बिहारी को मिले पुरस्कार मिले
- वाजपेयी को 1992 में पद्म विभूषण
- 1993 में कानपुर विश्वविद्यालय से डी लिट की उपाधि मिली थी
- 1994 में वाजपेयी को लोकमान्य तिलक पुरस्कार
- 1994 में श्रेष्ठ सांसद पुरस्कार और भारत रत्न पंडित गोविंद वल्लभ पंत पुरस्कार से नवाजा गया
- 2015 में मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय जिया लाल बैरवा (देवली) से डी लिट की उपाधि मिली
- बांग्लादेश सरकार की तरफ से 'फ्रेंड्स ऑफ बांग्लादेश लिबरेशन वॉर अवॉर्ड'
- भारत सरकार की ओर से देश के सबसे बड़े पुरस्कार भारतरत्न से सम्मानित किया गया

अटल बिहारी वाजपेयी की मृत्यु कैसे हुई?
अटल बिहारी वाजपेयी को साल 2009 में एक दौरा पड़ा था. इसके बाद वो बोलने में काफी हद तक अक्षम हो गए थे. 11 जून 2018 में किडनी में संक्रमण और कुछ अन्य स्वास्थ्य समस्याओं की वजह से उन्हें अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती कराया गया था, जहां 16 अगस्त 2018 को उनकी मृत्यु हो गई.

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