Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में कई धार्मिक कार्यक्रमों में शामिल होने आए शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने सोमवार को रायपुर में कई मुद्दों पर चर्चा की. उन्होंने ज्ञानवापी में पूजा, जातिगत जनगणना और गौ हत्या को लेकर बड़ा बयान दिया.
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Chhattisgarh News: जगतगुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सोमवार को रायपुर पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कई देश के कई मुद्दों पर बात की. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में गौ हत्या हमारे लिए सबसे बड़ा मुद्दा है. छग सरकार से गौ माता को राजमाता का दर्जा देने की मांग करेंगे, जिससे केंद्र सरकार भी गाय को राष्ट्रमाता का दर्जा दे सके. आजादी का अमृत काल चल रहा गौ हत्या बंद नहीं हुई, जो गौ हत्यारे दलों के साथ होगा उसे हिंदू नहीं मानेंगे. गौ हत्यारी पार्टियों को जो वोट देंगे वह गौ हत्या के पाप के भागी होंगे.
नक्सल को लेकर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद का ने कहा कि छत्तीसगढ़ में लोग नक्सलवाद को बढ़ावा अपने व्यक्तिगत स्वार्था के लिए देते हैं. नक्सलियों से परायापन हटाना पड़ेगा और बातचीत करनी पड़ेगी. उनको मुख्यधारा में शामिल करना पड़ेगा. संवाद स्थापित कर नक्सलियों के मन में जो गलतफैमियां हैं, उन्हें दूर करनी पड़ेगी. नक्सलियों को भड़काने वाले नेताओं के ऊपर कड़ाई करनी पड़ेगी.
कई कार्यक्रमों शामिल होंगे शंकराचार्य
जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद महाराज छत्तीसगढ़ दौरे को लेकर कहा कि छत्तीसगढ़ हमारा घर ही है. यहां हम आते ही रहते हैं. बेमेतरा जिले में सवाद लक्ष्मेश्वर धाम के संवाद लाख शिवलिंग का मंदिर बन रहा है. उसके कार्य की प्रगति देखना है और साथ ही साथ कवर्धा जिले में कुछ आयोजन हो रहे हैं. उसमें भाग लेना है. बेमेतरा जिले में कुछ आयोजन है उसमें भाग लेना है और यहां पर नई सरकार बनी है उसको शुभकामनाएं देते हैं. उनसे अनुरोध है कि गौ माता को राज्य माता घोषित करें.
ज्ञानवापी और जातिगत जनगणना पर बोले शंकराचार्य
शंकराचार्य ने ज्ञानवापी में पूजा शुरू होने पर कहा कि इसी तरह की जितनी भी व्यापियां हैं. जहां-जहां हमारे साथ अत्याचार हुआ है. वहां-वहां हम फिर से जाएंगे और जाकर के अपनी पूजा अर्चना प्रारंभ करेंगे. यह हिंदुओं का अधिकार है. उन्होंने कहा कि हम अपने पुराने स्थान को वापस लें इसमें खराबी क्या है. यही नहीं शंकराचार्य ने देश में जातिगत जनगणना के मुद्दे को लेकर कहा कि जातिगत जनगणना क्यों करना चाहते हैं. भारत के रहने वाले सब हम एक हैं. कोई व्यक्तिगत रूप से कोई जाति मान रहा है तो मानने दो. कोई धर्म की राजनीति रहे हैं. एक को जाति की राजनीति करना है. यह राजनीति ठीक नहीं है.