Good News : कॉलेज में प्रवेश लेने वाले छात्रों के लिए भूपेश सरकार फैसला, 10 दिन में बनेगी कार्ययोजना
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Good News : कॉलेज में प्रवेश लेने वाले छात्रों के लिए भूपेश सरकार फैसला, 10 दिन में बनेगी कार्ययोजना

छत्तीसगढ़ में स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल के बाद अब स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम आदर्श महाविद्यालय शुरू होने जा रहे हैं. इसे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का छात्रों के हित में बड़ा फैसला माना जा रहा है.

Good News : कॉलेज में प्रवेश लेने वाले छात्रों के लिए भूपेश सरकार फैसला, 10 दिन में बनेगी कार्ययोजना

रायपुर: छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार लगाता प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में अच्छे काम कर रही है. इसीक्रम में सरकार ने स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल के बाद अब स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम आदर्श महाविद्यालय शुरू करने का फैसला लिया है. इसे प्रदेश के छात्रों के हित में बड़ा फैसला माना जा रहा है. माना जा रहा है इन कॉलेजों के शुरू हो जाने से उच्च शिक्षा के लिए बच्चों को बाहर नहीं जाना पड़ेगा. वो अपने गृह क्षेत्र के आसपास ही रहकर अपनी शिक्षा पूरी कर सकेंगे.

पहले चरण में कम से कम 10 कॉलेज शुरू करने का लक्ष्य
प्रदेश में चरणबद्ध रूप से स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम आदर्श महाविद्यालय प्रारंभ होंगे. फिलहाक की प्लानिंग ये है कि आगामी शैक्षणिक सत्र जून 2023 से राज्य के प्रमुख नगरों में कम से कम 10 इंग्लिश मीडियम कॉलेज खुल दिए जाएं. इस संबंध में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मुख्य सचिव को 10 दिनों के भीतर कार्ययोजना प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं. इसके बाद माना जा रहा है आगामी सत्र में छात्रों को ये सुविधा मिल जाएगी.

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सीएम बघेल ने मुख्य सचिव को भेजे नोट में कहा कि शुरुआत में जून 2023 से शुरू होने वाले अगले शैक्षणिक सत्र से राज्य के प्रमुख शहरों में 10 अंग्रेजी माध्यम के कालेज खोले जाएंगे. बाद में इसे अगले तीन वर्षों में सभी जिला मुख्यालयों में चरणबद्ध तरीके से दोहराया जाएगा और कॉलेजों की सख्या बढ़ाई जाएगी.

अभी नहीं हैं इंग्लिश मीडियम सरकारी कॉलेज
वर्तमान में राज्य में इंग्लिश मीडियम के शासकीय महाविद्यालय नहीं होने के कारण राज्य के विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के लिए महानगरों के महाविद्यालय में प्रवेश लेना पड़ता है. महानगरों में प्रवेश लेने पर विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों पर बड़ा आर्थिक बोझ पढ़ता है. जिसमें बड़ी राशि व्यय होती है. कई बार बच्चे आर्थिक तंगी के कारण आगे की पढ़ाई भी नहीं कर पाते हैं.

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