छत्तीसगढ़ में तबादलों पर लगा बैन हट गया है. अब छत्तीसगढ़ के सरकारी कर्मचारियों का तबादला हो सकेगा. इस नीति में सीएम भूपेश बघेल ने तीन अहम निर्देश दिए थे. उस निर्देश के आधार पर बदलाव किया जाएगा.
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रजनी ठाकुर/रायपुर: छत्तीसगढ़ में भूपेश सरकार ने कर्मचारियों के तबादलों पर लगे बैन को हटाने का फैसला लिया है. इस संबंध में आदेश जारी जारी कर स्थानांतरण (तबादला) नीति वर्ष 2022 को पेश किया गया है. इसमें राज्य, जिला और स्कूल शिक्षा विभाग में स्थानांतरण के नियम तय किए गए हैं. इससे पहले कैबिनेट की अनुशंसा पर बनी मंत्रिमंडलीय उप समिति ने मुख्यमंत्री को रिपोर्ट सौंप दी थी. सीएम ने उसका अनुमोदन किया.
स्कूल शिक्षा विभाग के लिए विशेष उपबंध
ऐसे स्थानांतरण नहीं किये जायेंगे जिनके फलस्वरूप कोई स्कूल शिक्षक विहीन या एकल शिक्षकीय हो जाए.
ऐसे स्थानांतरण नहीं किये जायेंगे जिनके फलस्वरूप किसी स्कूल में किसी विषय को पढ़ाने वाले शिक्षकों की संख्या शून्य हो जाये.
ऐसे स्थानांतरण नहीं किये जायेंगे जिनके फलस्वरूप किसी स्कूल में छात्र- शिक्षक 33 अनुपात 40 से अधिक या 20 से कम हो जाये.
अनुसूचित क्षेत्रों से कोई भी स्थानांतरण एवजीदार की पदस्थापना किये बिना नहीं किया जायेगा.
जिला स्तर पर स्थानांतरण
- 15 अगस्त, 2022 से 10 सितम्बर, 2022 तक जिला स्तर के तृतीय श्रेणी तथा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के स्थानांतरण जिले के प्रभारी मंत्री के अनुमोदन से कलेक्टर द्वारा किये जा सकेंगे. प्रभारी मंत्री के अनुमोदन उपरान्त स्थानांतरण आदेश तदानुसार प्रसारित होंगे. कलेक्टर यह सुनिश्चित करेंगे कि स्थानांतरण किये जाने वाले पद जिला संवर्ग क्या है तथा स्थानांतरण करने का अधिकार जिला स्तर पर है या नहीं.
- स्थानांतरण प्रस्ताव संबंधित विभाग के जिला स्तरीय अधिकारी द्वारा विस्तृत परीक्षण उपरान्त तैयार किया जाकर कलेक्टर के माध्यम से प्रभारी मंत्री को प्रस्तुत किये जाएंगे और प्रभारी मंत्री के अनुमोदन उपरान्त जिले के कलेक्टर द्वारा आदेश प्रसारित किये जाएंगे.
- तृतीय श्रेणी के कर्मचारियों के मामलों में उनके संवर्ग में कार्यरत कर्मचारियों की कुल संख्या के अधिकतम 10 प्रतिशत एवं चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के मामलों में अधिकतम 10 प्रतिशत तक स्थानातरण किये जा सकेंगे.
- स्थानांतरण के समय ध्यान रखा जाएगा कि यदि अनुसूचित क्षेत्रों के शासकीय सेवक का गैर-अनुसूचित क्षेत्र में स्थानांतरण करने के प्रस्ताव है तो उसके एवजीदार का भी प्रस्ताव (जो गैर-अनुसूचित क्षेत्र से हो) अनिवार्यत हो. इसके पीछे कारण ये है कि ग्रामीण क्षेत्र में जितने प्रतिशत पद रिक्त है. शहरी क्षेत्रों में लगभग उसी के अनुरूप पद रिक्त रह सकें. ऐसा न हो की शहरों के सभी पद भरे हो और गावों के सभी पद खाली हो.
- जिन पदों एवं स्थानों पर अधिकारी / कर्मचारी का आधिक्य है. ऐसे स्थानों से स्थानांतरण न्यूनता (Deficit) वाले स्थान हेतु किया जा सकेगा, लेकिन न्यूनता (Deficit) वाले स्थान से आधिक्य वाले स्थान में स्थानांतरण नहीं किया जाएगा.
- ऐसे शासकीय सेवक जो एक ही स्थान पर दिनांक 15 अगस्त, 2021 अथवा उससे पूर्व से कार्यरत हों, केवल उन्ही के स्थानांतरण किये जायेंगे. दिव्यांग शासकीय सेवकों की पदस्थापना यथासंभव आवागमन की दृष्टि से सुविधाजनक स्थान पर की जाएगी.
- जिला स्तर पर स्थानांतरण आदेशों का क्रियान्वयन 15 दिवस के भीतर तक सुनिश्चित किया जाएगा तथा स्थानांतरण पश्चात् नवीन पदस्थापना स्थान पर निर्धारित अवधि 15 दिन में कार्यभार ग्रहण नहीं करने पर संबंधित अधिकारी / कर्मचारियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी. इसका दायित्व कलेक्टर का होगा.
राज्य स्तर पर स्थानांतरण
राज्य स्तर पर स्थानांतरण 10 सितम्बर 2022 से 30 सितम्बर, 2022 तक विभाग द्वारा स्थानांतरण किये जा सकेंगे. इस हेतु विभाग द्वारा स्थानांतरण प्रस्ताव तैयार किया जाएगा. प्रत्येक श्रेणी के स्थानांतरण विभाग के मंत्री के अनुमोदन से ही किये जा सकेंगे.
- राज्य स्तर पर स्थानांतरण प्रथम और द्वितीय श्रेणी के अधिकारियों के मामलों में उनके संवर्ग में कार्यरत् अधिकारियों की कुल संख्या के अधिकतम 15-15 प्रतिशत तथा तृतीय श्रेणी एवं चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के मामलों में उनके संवर्ग में कार्यरत् अधिकारियों की कुल संख्या के अधिकतम 10-10 प्रतिशत तक स्थानांतरण किये जा सकेंगे.
- विभागीय मंत्री से अनुमोदन प्राप्त करने हेतु स्थानांतरण प्रस्ताव विभागाध्यक्ष से सीधे मंत्री को प्रस्तुत नहीं किये जायेंगे प्रस्ताव / नस्ती आवश्यक रूप से छत्तीसगढ़ कार्यपालक शासन के कार्य नियम तथा उन नियमों के अधीन जारी किये गये निर्देश तथा अनुदेश अर्थात् प्रशासकीय विभाग की सचिवालयीन प्रक्रिया अनुसार अपर मुख्य सचिव / प्रमुख सचिव / सचिव / विशेष सचिव (स्वतंत्र प्रभार) के माध्यम से ही मंत्री को अनुमोदन हेतु प्रस्तुत किये जाएंगे और अनुमोदन उपरान्त आदेश तद्नुसार विभाग द्वारा प्रसारित किये जाएंगे.
- विभागों का यह दायित्व होगा कि यदि अनुसूचित क्षेत्रों के शासकीय सेवक का गैर-अनुसूचित क्षेत्र में स्थानांतरण करने के प्रस्ताव है, तो उसके एवजीदार का भी प्रस्ताव (जो गैर-अनुसूचित क्षेत्र से हो) अनिवार्यत रखा जाए. शहरी क्षेत्र एवं ग्रामीण क्षेत्रों में रिक्तियों का जो असंतुलन (इमबैलेंस है, उसे संतुलित (बैलेंस) करने का विशेष ध्यान रखा जाए.
- जिन पदों एवं स्थानों पर अधिकारी / कर्मचारी का आधिक्य है से स्थानों से स्थानांतरण न्यूनता (Deficit) वाले स्थान पर होगा. किसी भी परिस्थिति में न्यूनता (Deficit) वाले स्थान से आधिक्य वाले स्थान में स्थानातरण नहीं किया जाएगा. ताकि संतुलन बना रहे एवं कमी वाले क्षेत्रों में पदों की पूर्ति हो सके.
बस्तर एवं सरगुजा के लिए विशेष ध्यान
बस्तर एवं सरगुजा संभाग में शासकीय योजनाओं के सुचारूप से क्रियान्वयन हेतु विभिन्न विभागों में रिक्त पदों की पूर्ति सर्वोच्च प्राथमिकता के आधार पर की जाएगी. दिव्यांग शासकीय सेवकों की पदस्थापना यथासंभव आवागमन की दृष्टि से सुविधाजनक स्थान पर की जाए.
समकक्ष अधिकारी की पदस्थापना के संबंध में
सामान्यतः स्थानांतरण द्वारा रिक्त होने वाले पद की पूर्ति उसी पद के समकक्ष अधिकारी की पदस्थापना से की जाए. वरिष्ठ अधिकारी का स्थानांतरण कर उस पद का प्रभार कनिष्ठ अधिकारी अथवा अन्य विभाग के अधिकारी को न दिया जाए. जिन कर्मचारियों की नियुक्ति विशेष कनिष्ठ कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा स्थानीय निवासी होने के आधार पर जिला विशेष में किये गये हैं, उनका स्थानांतरण उस जिले के बाहर नहीं किया जायेगा. किन्तु अधिसूचित जिलों में परस्पर (आपसी) स्थानांतरण किये जा सकेंगे.
विभागीय सचिवों की होगी ये जिम्मेदारी
विभागीय सचिव यह सुनिश्चित करेंगे कि स्थानांतरण आदेश पूर्व परीक्षण आधारित हो और उनका क्रियान्दयन 15 दिवस के भीतर किया जाएगा तथा स्थानांतरण आदेश निरस्त नहीं किये जाएंगे स्थानांतरण पश्चात् नवीन पदस्थापना स्थान पर निर्धारित अवधि में कार्यभार ग्रहण नहीं करने पर संबधित अधिकारी / कर्मचारियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाए.