स्वास्थ्य मंत्री का बड़ा फैसला, 2 बच्चों की मौत के बाद छत्तीसगढ़ में इस वैक्सीन पर प्रतिबंध
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स्वास्थ्य मंत्री का बड़ा फैसला, 2 बच्चों की मौत के बाद छत्तीसगढ़ में इस वैक्सीन पर प्रतिबंध

Bilaspur News: बिलासपुर के कोटा क्षेत्र में टीकाकरण के बाद दो नवजात शिशुओं की मौत के बाद स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने वैक्सीन पर राज्यव्यापी प्रतिबंध लगाया और जांच के आदेश दिए.

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Bilaspur Vaccination Case: बिलासपुर में टीकाकरण के बाद बच्चों की तबीयत बिगड़ने और दो की मौत की खबर से हड़कंप मच गया. मामले को लेकर स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि 30 अगस्त को पटैता के आंगनबाड़ी केंद्र में 8 बच्चों को पेंटावैलेंट वैक्सीन दी गई थी, जिसमें से दो बच्चों की मौत हो गई. मामले की गंभीरता को देखते हुए वैक्सीन पर राज्यव्यापी प्रतिबंध लगाया गया और जांच के लिए राज्य स्तरीय जांच दल का गठन किया गया है.

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जानिए पूरा मामला?
दरअसल, बिलासपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोटा अंतर्गत ग्राम पंचायत पटैता के कोरी पारा में दो नवजात शिशुओं की मृत्यु हो गई. मामले में स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि 30 अगस्त को पटैता के आंगनबाड़ी केंद्र में 8 बच्चों को पेंटावैलेंट वैक्सीन लगाया गया था, जिसमें एक बच्चे की मृत्यु 30 अगस्त को और दूसरे की 31 अगस्त को हुई. अभी भी 6 बच्चों को अस्पताल में ऑब्जर्वेशन में रखा गया है और उन बच्चों में अभी किसी प्रकार की दिक्कत नहीं है.

स्वास्थ्य मंत्री का बयान और वैक्सीन पर प्रतिबंध
साथ ही स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि पूर्व में भी बिलासपुर जिले में इसी बैच के 9 हजार टीके बच्चों को स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा लगाए गए हैं. अभी तक किसी की शिकायत और परेशानी नहीं आई है. पटैता के कोरी पारा में दो नवजात शिशुओं की मृत्यु हो गई है, जो कि जांच का विषय है कि किन कारणों से नवजात शिशुओं की मौत हुई है. जांच के लिए राज्य स्तरीय जांच दल का गठन किया गया है. जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, इस टीके (पेंटावैलेंट वैक्सीन) को प्रदेश में बैन कर दिया गया है.

मामले पर सियासत
रविवार को बिलासपुर में पूर्व स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंह देव ने जिला अस्पताल का दौरा कर बीमार बच्चों का हाल जाना और उनके परिजनों से मुलाकात की. उन्होंने संदिग्ध टीके पर तुरंत रोक लगाने और घटना की विस्तृत जांच की मांग की. सिंह देव ने कोटा क्षेत्र में शिशु रोग विशेषज्ञ की कमी पर भी सवाल उठाए और कहा कि पोस्टमार्टम से मौत की सच्चाई सामने आनी चाहिए.

रिपोर्ट: सरवर अली

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