Madhya Pradesh News: राजस्थान के कोटा से उत्तर प्रदेश के इटावा तक बन रहे चंबल एक्सप्रेसवे यानी अटल एक्सप्रेसवे के निर्माण को लेकर एक ओर तो चंबल के लोगों में उत्साह का माहौल है, वहीं दूसरी ओर विधानसभा में इसका विरोध किया गया है. जौरा से कांग्रेस विधायक पंकज उपाध्याय ने एक्सप्रेसवे की खामियां गिनाईं.
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Chambal Expressway: जौरा विधानसभा से कांग्रेस विधायक पंकज उपाध्याय ने विधानसभा में शून्य काल में चर्चा करते हुए कहा कि अटल एक्सप्रेसवे यानी चंबल एक्सप्रेसवे में सड़क के दोनों और 500-500 मी का इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बनाने का बजट में प्रावधान रखा गया है. इसके अलावा दोनों और पांच पांच किलोमीटर का बफर जोन भी प्रस्तावित है. पहले इस योजना को परिवहन मंत्रालय ने पूरी तरह रद्द कर दिया था, लेकिन अब इसे वापस राज्य बजट में जोड़ा गया है. इससे पूरी चंबल घाटी तबाह हो जाएगी.
उपाध्याय ने कहा कि परियोजना में किसानों को मुआवजा देने के भी कोई नीति घोषित नहीं की गई है. एक्सप्रेसवे से कहीं किसी ग्रामीण को आज तक कोई लाभ नहीं मिला है. यमुना एक्सप्रेस इसका एक उदाहरण है, जिसमें लोगों को अपने खेत पर जाने के लिए कई किलोमीटर घूमना पड़ता है. यह योजना केवल बड़े उद्योगपतियों को लाभ देने के लिए बनाई गई है.
कौड़ियों के भाव में ली जाएगी जमीन: पंकज उपाध्याय
उपाध्याय ने कहा कि इस योजना में हमारे विधानसभा के सैकड़ो गांव प्रभावित हो रहे हैं. हमारे किसान भाइयों की जमीन कौड़ियों के भाव ले ली जाएगी. लघु सीमांत और छोटे किसान बर्बाद हो जाएंगे. हम चाहते हैं एक्सप्रेसवे का निर्माण पुराने एलाइनमेंट यानी बीहड़ में से निकले, जिससे हमारी उपजाऊ जमीन बर्बाद ना हो. सरकार बात नहीं मानती तो पूरी ताकत से विरोध किया जाएगा.
3 राज्यों से गुजरेगा चंबल एक्सप्रेसवे
अटल प्रोग्रेस-वे, जिसे चंबल एक्सप्रेसवे के नाम से भी जाना जाता है. एक स्वीकृत 404 किमी लंबा 6 लेन का एक्सेस-कंट्रोल ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे है, जो राजस्थान के कोटा शहर को उत्तर प्रदेश के इटावा शहर से जोड़ेगा, जो मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध शहर ग्वालियर से होकर गुजरेगा. यह तीन राज्यों- राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश से होकर गुजरेगा. एक्सप्रेसवे भारतमाला परियोजना का एक हिस्सा है. सरकार का उद्देश्य एक्सप्रेसवे के माध्यम से मध्य प्रदेश के चंबल संभाग और ग्वालियर संभाग के आर्थिक रूप से पिछड़े क्षेत्रों का विकास करना है.
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