Bihar News: अस्पताल में बढ़ती भीड़ को देखते हुए झाड़फूंक करने वाले ओझा तांत्रिक फरार हो गया. वहीं मीडिया के जरिए खबर मिलने पर सीएस डॉ नरेश कुमार भिमसारिया ने अपने स्टाफ को भविष्य में तांत्रिक को अस्पताल परिसर में प्रवेश से रोकने का निर्देश दिया है.
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Bihar News: बिहार के मधुबनी जिले के सदर अस्पताल में लोगों की आंखे उस वक्त फटी की फटी रह गईं, जब वहां डॉक्टरों के बजाए बीमार मरीजों का इलाज झाड़फूक से होते मिला. ये खबर जंगल में लगी आग की तरह फैली. जिसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर देखते देखते वायरल होने लगीं. क्योंकि एक सरकारी अस्पताल में अंधविश्वास का नजारा, लोगों को देखने को मिल रहा था. खबरों के मुताबिक इस अस्पताल परिसर में काफी समय से बीमार मरीजों का इलाज झाड़फूक से किया जाता है. हैरानी इसलिए भी क्योंकि अस्पताल के एक्सरे रूम के सामने एक बीमार महिला की झाड़फूक चलती रही लेकिन उसे रोकने अस्पताल का कोई स्टाफ या सिक्योरिटी गार्ड आगे नहीं आया.
मेंटल हेल्थ की परेशान दिख रही थी, ओझा झाड़फूंक कर रहा था
जब कुछ पत्रकार मौके पर पहुंचे तो एक बुजुर्ग और एक अन्य महिला का भूत भगाने के लिए झाड़फूंक कर रहे थे. इस दौरान झाड़फूंक करने वाला कथित तांत्रिक महिला के बाल पकड़कर खींचते हुए ये कहता नजर आया कि इसके अंदर की आत्मा जल्द बाहर निकलो. फिर उस तांत्रिक ने मरीज के कान में कुछ बुदबुदाया और फिर तेज आवाज में चिल्लाने लगा... 'भूत निकल गया. अब भूत निकल गया.' इस दौरान अस्पताल प्रशासन ऐसे इलाज से पूरी तरह बेखबर बना रहा.
मानवता हुई शर्मसार
एक ओर देश की सरकारें गरीब जनता को निशुल्क इलाज मुहैया कराने का दावा करती हैं. वहीं दूसरी ओर आज भी बहुत से लोग इस तरह इलाज कराने के लिए झोलाछाप डॉक्टरों या ऐसे तांत्रिकों की झाड़फूंक या टोने टोटके के सहारे खुद का इलाज कराने को मजबूर हैं. ऐसे में जब इस केस में बेचारी महिला को एक तांत्रिक उसे भूत से छुड़ाने का दावा कर रहा था तो दूसरी ओर न सिर्फ पूरी मानवता शर्मसार हो रही थी, बल्कि बिहार का पूरा हेल्थ सिस्टम शर्मिदां हो रहा था.
फरार हुआ ओझा
अस्पताल में बढ़ती भीड़ को देखते हुए झाड़फूंक करने वाले ओझा तांत्रिक फरार हो गया. उधर मीडिया के जरिए खबर मिलने पर सीएस डॉ नरेश कुमार भिमसारिया ने अपने स्टाफ को भविष्य में तांत्रिक को अस्पताल परिसर में प्रवेश से रोकने का निर्देश दिया है. इसके साथ ही उन्होंने अस्पताल में तैनात सुरक्षा कर्मियों को भी कड़ी हिदायत दी है. बहरहाल अस्पताल परिसर में झाड़फूंक से हो रहे इलाज से अंधविश्वास को बढ़ावा मिल रहा है. वहीं अस्पताल प्रशासन पर भी घोर लापरवाही का आरोप लग रहा है.