Delhi Service Bill: विपक्ष के खेमे में लगी सेंध? जयंत चौधरी ने दिल्ली सेवा बिल पर क्यों नहीं दिया वोट, खुद बताई वजह
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Delhi Service Bill: विपक्ष के खेमे में लगी सेंध? जयंत चौधरी ने दिल्ली सेवा बिल पर क्यों नहीं दिया वोट, खुद बताई वजह

Delhi Service Bill: राज्यसभा में दिल्ली सेवा बिल पास होने के बाद सवाल उठने लगा है कि क्या मोदी सरकार ने विपक्ष के खेमे में सेंध लगा दी है? क्योंकि, दिल्ली सेवा बिल को लेकर वोटिंग में कई सांसदों ने हिस्सा नहीं लिया, जिसमें आरएलडी अध्यक्ष जयंत चौधरी (Jayant Chaudhary) भी शामिल हैं.

Delhi Service Bill: विपक्ष के खेमे में लगी सेंध? जयंत चौधरी ने दिल्ली सेवा बिल पर क्यों नहीं दिया वोट, खुद बताई वजह

Delhi Ordinance Bill Passed in Rajya Sabha: दिल्ली सेवा बिल (Delhi Service Bill) सोमवार को राज्यसभा में पास हो गया है, जिससे विपक्षी गठबंधन इंडिया (INDIA) को बड़ा झटका लगा है. बिल के समर्थन में 131 वोट, जबकि विपक्ष में 102 वोट मिले. वोटिंग के बाद यह सवाल उठने लगा है कि क्या बीजेपी (BJP) के नेतृत्व वाली एनडीए (NDA) सरकार को हटाने के लिए बना इंडिया गठबंधन खुद एकजुट नहीं है. क्या मोदी सरकार ने विपक्ष के खेमे में सेंध लगा दी है? क्योंकि, दिल्ली सेवा बिल को लेकर वोटिंग में कई सांसदों ने हिस्सा नहीं लिया, जिसमें आरएलडी अध्यक्ष जयंत चौधरी (Jayant Chaudhary) भी शामिल हैं. जयंत चौधरी की पार्टी आरएलडी इंडिया गठबंधन का हिस्सा है, लेकिन वो वोटिंग के दौरान राज्यसभा में मौजूद नहीं थे.

जयंत चौधरी ने खुद बताई वोट नहीं देने की वजह

मोदी सरकार द्वारा दिल्ली में ट्रांसफर और पोस्टिंग संबंधी बिल पास कराना विपक्ष के लिए बड़ा झटका है. अब आरएलडी अध्यक्ष जयंत चौधरी (Jayant Chaudhary) इस बिल के विरोध में वोट नहीं देने की वजह बताई है. इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया है कि वह उस दौरान राज्यसभा क्यों मौजूद नहीं थे. जयंत चौधरी ने Zee News से फोन पर बातचीत में बताया, 'पत्नी का अस्पताल में इलाज चल रहा था और मेडिकल इमरजेंसी थी. इसलिए कल राज्यसभा में शामिल नहीं हो पाया.'

19 मई को केंद्र सरकार लाई थी अध्यादेश

बता दें कि 19 मई को केंद्र सरकार दिल्ली सरकार में तैनात अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग से जुड़ा एक अध्यादेश लाई थी. इस अध्यादेश में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के उस फैसले को पलट दिया, जिसमें अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार दिल्ली सरकार को दिया गया था. अब यही विधेयक राज्यसभा में पेश किया गया था, जिसे लोकसभा की मंजूरी पहले ही मिल चुकी है. अब राष्ट्रपति की स्वीकृति मिलने के उपरांत यह विधेयक कानून में तब्दील हो जाएगा.

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