Election News: विधानसभा चुनाव पर नजर रखने वाले राजनीतिक एक्सपर्ट्स कई तरह के कयास लगा रहे हैं. चुनाव बाद बीजेपी बहुमत ना पाने की स्थिति में किसके नजदीक जाएगी, इसको लेकर भी तरह-तरह की चर्चाएं हैं. उनमें से एक चर्चा राम माधव के प्लान पर भी है.
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Jammu Kahsmir Chunav: इन दिनों जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज है. इसी बीच आरएसएस की पृष्ठभूमि से आने वाले बीजेपी नेता राम माधव भी अब घाटी में सक्रिय हो चुके हैं. उधर नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा कि इन विधानसभा चुनावों के दौरान बीजेपी नेता राम माधव की जम्मू-कश्मीर में वापसी, जम्मू-कश्मीर में बीजेपी के पिछले सहयोगियों के साथ उनके रास्ते खोलने का संकेत है.
असल में उमर अब्दुल्ला ने कहा कि राम माधव केवल पीडीपी के ही करीबी रहे हैं और ऐसा लगता है कि वे अभी भी पार्टी के संपर्क में हैं. उन्होंने कहा 2015 में पीडीपी-बीजेपी गठबंधन के पीछे वे ही थे.
विचारधारा में बदलाव आया..?
हुर्रियत नेता सलीम गिलानी के पीडीपी में शामिल होने पर उमर ने कहा कि यह स्पष्ट है कि अलगाववादी खेमे में कई लोगों की विचारधारा में बदलाव आया है और अब वे चुनाव लड़ने के लिए आगे आ रहे हैं. उमर ने कहा कि उनकी पार्टी का शुरू से ही रुख हिंसा का विरोध करने और संविधान के दायरे में समस्याओं के समाधान के लिए लड़ने का रहा है.
उमर अब्दुल्ला को जीत का भरोसा
उमर अब्दुल्ला गुज्जर नेता मेहर अली के साथ थे, जो नेशनल कॉन्फ्रेंस के वरिष्ठ नेता और सांसद मियां अल्ताफ के बेटे हैं, बेटे ने कंगन विधानसभा से अपना नामांकन पत्र दाखिल किया, जबकि एनसी उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा कि उन्हें मेहर की जीत का भरोसा है क्योंकि परिवार की चौथी पीढ़ी चुनाव में हिस्सा ले रही है.
मेहर अली के साथ रिटर्निंग ऑफिसर के कार्यालय में जाते समय उमर ने कहा, "मेहर अली के रूप में, यह मियां परिवार की चौथी पीढ़ी होगी जो कंगन से चुनाव में हिस्सा लेगी. मुझे यकीन है कि वह लोगों की सेवा करने में अपने पूर्वजों और पिता का अनुसरण करेंगे. वह विरासत को आगे बढ़ाएंगे.