Mehbooba Mufti ने जम्मू में नए मतदाताओं के पंजीकरण संबंधी निर्वाचन आयोग के आदेश की आलोचना करते हुए मंगलवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, जम्मू-कश्मीर को धार्मिक व क्षेत्रीय स्तर पर बांटने के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कथित प्रयासों को विफल किया जाना चाहिए.
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Jammu and Kashmir Voter List: पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने जम्मू में नए मतदाताओं के पंजीकरण संबंधी निर्वाचन आयोग के आदेश की आलोचना करते हुए मंगलवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा. जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, जम्मू-कश्मीर को धार्मिक व क्षेत्रीय स्तर पर बांटने के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कथित प्रयासों को विफल किया जाना चाहिए क्योंकि चाहे वह कश्मीरी हो या डोगरा, हमारी पहचान और अधिकारों की रक्षा तभी संभव होगी जब हम एकसाथ आकर कोशिश करेंगे.
महबूबा ने ट्वीट किया, निर्वाचन आयोग ने आदेश में नए मतदाताओं के पंजीकरण को मंजूरी देकर यह स्पष्ट कर दिया है कि जम्मू में भारत सरकार औपनिवेशिक सोच के तहत मूल निवासियों को विस्थापित कर नए लोगों को बसाने के लिए कार्रवाई कर रही है. जम्मू में अधिकारियों ने मंगलवार सुबह अधिकृत तहसीलदारों (राजस्व अधिकारियों) को एक वर्ष से अधिक समय से शीतकालीन राजधानी में रहने वाले लोगों को आवासीय प्रमाणपत्र जारी करने का अधिकार दिया था. इस कदम से मतदाता सूची के विशेष सारांश संशोधन में इन लोगों के नाम शामिल हो पाएंगे.
महबूबा मुफ्ती ने भाजपा पर बोला हमला
दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले में मुफ्ती ने कहा कि उनकी पार्टी पिछले कई साल से कह रही है कि अनुच्छेद 370 की धारा के कई प्रावधान हटाने के पीछे भाजपा की एक अनुचित मंशा थी. उन्होंने आरोप लगाया, उनका मकसद जम्मू-कश्मीर में जनसांख्यिकी अनुपात को बदलना है. यह जम्मू से शुरू होगा जब वहां बड़ी संख्या में बाहर के लोग आएंगे. इससे केवल डोगरा संस्कृति ही नहीं बल्कि व्यापार, रोजगार और संसाधन भी प्रभावित होंगे. बाहर के लोगों को यहां आने की अनुमति देने के बाद से ही अपराध दर कई गुना बढ़ गई है.
उन्होंने कहा, जम्मू-कश्मीर के लोगों को यह समझने की जरूरत है कि हमारा भविष्य, तकदीर और मकसद एक है. जिस तरह से करगिल व लेह, लद्दाख के लोगों ने भाजपा की ‘फूट डालो और राज करो’ की नीति को विफल कर दिया और अपनी जमीन व रोजगार बचाने के लिए एकजुट हुए, उसी तरह जम्मू-कश्मीर के लोगों को भाजपा के नापाक इरादों को नाकाम करने के लिए एकजुट होना होगा... क्योंकि बाहर के लोगों को इससे केवल यहां घर ही नहीं मिलेंगे बल्कि उन्हें मताधिकार भी मिलेगा जिसका मतलब जम्मू-कश्मीर के लोगों के वोट का महत्व कम होगा.
जिला निर्वाचन अधिकारी एवं उपायुक्त (जम्मू) अवनी लवासा ने पाया था कि कुछ पात्र मतदाता आवश्यक दस्तावेज ना होने की वजह से मतदाता के रूप में अपना पंजीकरण नहीं करा पा रहे हैं. इस समस्या पर गंभीरता से गौर करने के बाद उन्होंने यह निर्देश दिया.
नए मतदाताओं के पंजीकरण, मतदाता सूची से कुछ लोगों के नाम हटाने, सूची में सुधार करने के लिए 15 सितंबर से केंद्र शासित प्रदेश में मतदाना सूची का विशेष सारांश संशोधन शुरू किया गया था. कई राजनीतिक दलों ने मतदाता सूची में गैर-स्थानीय लोगों को शामिल करने को लेकर चिंता जाहिर की है. नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) ने कहा कि भाजपा चुनाव से ‘‘डरी’’ हुई है और उसे पता है कि उसकी बड़ी हार होगी.
नेशनल कॉन्फ्रेंस ने ट्वीट किया, सरकार जम्मू-कश्मीर में 25 लाख गैर-स्थानीय लोगों को मतदाता बनाने की अपनी योजना पर आगे बढ़ रही है. हम इस कदम का विरोध करना जारी रखेंगे.भाजपा चुनाव से डरी हुई है और उसे पता है कि उसे बड़ी हार का सामना करना पड़ेगा. जम्मू-कश्मीर के लोगों को चुनाव में इस साजिश का जवाब देना चाहिए.
पीपुल्स कॉन्फ्रेंस ने कहा कि गैर-स्थानीय लोगों के संबंध में जारी नया आदेश बेहद संदिग्ध है. पार्टी ने ट्वीट किया, जम्मू डीसी का एक वर्ष से अधिक समय से जम्मू में रहने वाले गैर-स्थानीय लोगों को आवासीय प्रमाण पत्र जारी करने के लिए राजस्व अधिकारियों को अधिकृत करने का नया आदेश बेहद संदिग्ध है और यह उन्हें मताधिकार देगा. यह मामले पर उच्चतम न्यायालय के फैसले के खिलाफ है.
पार्टी ने कहा, हमारे संदेह को गलत साबित करने की जिम्मेदारी एक बार फिर अब निर्वाचन आयोग और जम्मू-कश्मीर प्रशासन पर है. उन्हें स्पष्ट करना चाहिए कि क्या इस तरह के निर्देश दिए जा सकते हैं.
(इनपुट- एजेंसी)
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