UCC के विरोध के लिए मुखर हुए मुस्लिम संगठन, संसद में कानून रोकने के लिए बनाई ये रणनीति; जुमे की नमाज पर करेंगे 'यौम-ए-दुआ'
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UCC के विरोध के लिए मुखर हुए मुस्लिम संगठन, संसद में कानून रोकने के लिए बनाई ये रणनीति; जुमे की नमाज पर करेंगे 'यौम-ए-दुआ'

Muslim organizations on UCC: मुस्लिम संगठनों ने एकजुट होकर प्रस्तावित समान नागरिक संहिता (UCC) का विरोध शुरू कर दिया है. इस मुद्दे पर उत्तर से लेकर दक्षिण तक सारे मुस्लिम संगठन एक हो गए हैं. 

 

UCC के विरोध के लिए मुखर हुए मुस्लिम संगठन, संसद में कानून रोकने के लिए बनाई ये रणनीति; जुमे की नमाज पर करेंगे 'यौम-ए-दुआ'

Muslim organizations on UCC: देश में समान नागरिक संहिता (UCC) कब लागू होगी, अभी किसी को पता नहीं है लेकिन मुस्लिम संगठनों ने इसके विरोध में कमर कस ली है.  जमीयत उलमा-ए-हिंद ने ऐलान किया है कि 14 जुलाई शुक्रवार को होने वाली नमाज पर 'यौम-ए-दुआ' (प्रार्थना दिवस) की जाएगी. वहीं AIMIM ने इस प्रस्तावित कानून के खिलाफ गैर-बीजेपी सरकारों से विरोध की अपील की है. 

UCC के खिलाफ मुखर हुई जमीयत

जानकारी के मुताबिक जमीयत उलमा-ए-हिंद की वर्किंग कमेटी की सोमवार को अहम बैठक हुई. इसमें UCC के विरोध में अहम फैसले लिए गए. बैठक में काफी विचार-विमर्श के बाद विशेषज्ञ वकीलों की ओर से तैयार किए गए जवाब को कुछ बदलावों के साथ मंजूरी दी गई. इस जवाब को भारत के विधि आयोग के कार्यालय में दर्ज करा दिया गया है. 

बैठक में फैसला लिया गया कि समान नागरिक संहिता के संबंध में मुस्लिम समुदाय के सर्वसम्मत रुख से अवगत कराने के लिए सभी मुख्यमंत्रियों और राजनीतिक दलों के अध्यक्षों के नाम पत्र लिखा जाए. इसके साथ ही भारत के राष्ट्रपति से भी मिलने का प्रयास किया जाए.  

विरोध के लिए बनाई ये रणनीति

बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि विभिन्न दलों से संबंध रखने वाले मुस्लिम और गैर-मुस्लिम संसद सदस्यों को इकट्ठा कर उनसे चर्चा की जाए. इसके साथ ही उन्हें संसद में समान नागरिक संहिता के नकारात्मक प्रभावों पर आवाज उठाने के लिए सहमत किया जाए. 

कार्यकारिणी समिति ने अपने महत्वपूर्ण निर्णय में यह घोषणा की कि सार्वजनिक प्रदर्शनों से बचा जाए. हालांकि केंद्रीय और प्रदेश स्तर पर संयुक्त प्रतितिधि सभाएं आयोजित की जाएंगी, जिनमें विभिन्न वर्गों से संबंध रखने वाले लोग और प्रभावशाली व्यक्तित्व भाग लेंगे. बैठक में यह भी फैसला लिया गया कि यूसीसी के विरोध में 14 जुलाई शुक्रवार को ’यौम-ए-दुआ (प्रार्थना दिवस) के रूप में मनाया जाएगा.

ओवैसी ने KCR से मांगा समर्थन

उधर AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने सोमवार को तेलंगाना के सीएम के. चंद्रशेखर राव से मुलाकात की. मुलाकात के बाद उन्होंने कहा, 'UCC हमारे लिए अच्छी बात नही है. आज AIMPLB के सभी मेंबर और तेलांगना के मुस्लिम संगठनो के हेड हैं, उनकी अध्यक्षता में सीएम से मुलाकात हुई. 
हमने गुजारिश की कि बीजेपी की तरफ से जो UCC लाने की बात कही जा रही है, BRS को उसका विरोध करना चाहिए.' 

ओवैसी ने कहा, 'हमने सीएम को याद दिलाया कि पिछले 10 साल से उनकी सरकार है. प्रदेश में 10 साल में अमन चैन बढ़ा है. हमने सीएम से कहा कि CAA का रेसोलेशन विधानसभा में पास कराया. UCC हमारे लिए अच्छी बात नही है. AIMPLB बोर्ड ने 74 पेज का नोट दिया है. बीजेपी इस देश के seculirism को खत्म कर देना चाहती है.'

ईसाइयों और आदिवासियों की ली आड़

AIMIM के अध्यक्ष ने कहा, 'ये मसला christian और ट्राइबल से भी जुड़ा है. ये हिंदू भाइयों के लिए भी अच्छी नहीं होगी. ये मुल्क के लिए ठीक नहीं है. भारत के पीएम pluralism को पसंद नही करते. बीजेपी सभी दूसरी चीजो पर नाकाम रही है इसलिए ऐसा कर रही है.' 

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