Maiden Pharmaceuticals: क्या हरियाणा की फार्मा कंपनी का कफ सिरप सच में ले रहा बच्चों की जान? मामले में हुआ बड़ा खुलासा!
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Maiden Pharmaceuticals: क्या हरियाणा की फार्मा कंपनी का कफ सिरप सच में ले रहा बच्चों की जान? मामले में हुआ बड़ा खुलासा!

Maiden Pharmaceuticals Cough Syrup:  मैडन फार्मास्यूटिकल कंपनी की मैन्युफैक्चरिंग में खामियां पाए जाने की वजह से इस प्लांट की सभी मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियों को तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया है.

Maiden Pharmaceuticals: क्या हरियाणा की फार्मा कंपनी का कफ सिरप सच में ले रहा बच्चों की जान? मामले में हुआ बड़ा खुलासा!

Maiden Pharmaceuticals Cough Syrup News: हरियाणा की दवा कंपनी मेडेन फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड के कफ सिरप के खिलाफ डब्ल्यूएचओ ने अलर्ट जारी किया था. जिसके बाद से यह मुद्दा खासा चर्चा में है. अब इस बारे में स्वास्थ्य मंत्रालय के उच्च सूत्रों के हवाले से बड़ा खुलासा हुआ है. सिलसिलेवार तरीके से यह सामने आया है कि 29 सितंबर 2022 को डब्ल्यूएचओ ने भारत के ड्रग कंट्रोलर को यह बताया की गांबिया में कुछ बच्चों के मौत की वजह एक कफ सिरप हो सकता है.

जांच में डब्ल्यूएचओ को कुछ कफ सिरप के सैंपल्स में एक विशेष तरह का केमिकल भी मिला. इस केमिकल का नाम Diethylene glycol और Ethylene glycol है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने साफ किया है कि कफ सिरप के जो 23 सैंपल जांच के लिए उठाए गए उनमें से 4 में यह केमिकल पाया गया है.

डब्ल्यूएचओ ने नहीं सौंपा जांच से जुड़ा कोई कागज
हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस जांच से जुड़ा कोई भी कागज सीडीएससीओ को नहीं सौंपा है. सीडीएससीओ (CDSCO) डब्ल्यूएचओ से दो बार गुजारिश कर चुका है. इसीलिए गांबिया में हुई बच्चों की मौतों का कफ सिरप से सीधा रिश्ता है या नहीं, यह भी साबित नहीं हो पाया है.

कंपनी की मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियों पर लगाई गई रोक
अहम बात यह है कि सीडीएससीओ ने कफ सिरप के वह चारों सैंपल चंडीगढ़ की लैब में जांच के लिए भेज दिए हैं जिनके बारे में डब्ल्यूएचओ ने केमिकल पाए जाने की बात कही है. इस टेस्ट के नतीजे आने अभी बाकी है. साथ ही मैडन फार्मास्यूटिकल कंपनी की मैन्युफैक्चरिंग में खामियां पाए जाने की वजह से इस प्लांट की सभी मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियों को तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया है.

निर्यात के लिए कफ सिरप बनाती है हरियाणा की यह कंपनी
सरकार के सूत्रों के मुताबिक हरियाणा की मैन्युफैक्चरिंग कंपनी यह कफ सिरप  सिर्फ और सिर्फ निर्यात के लिए बनाती है और कंपनी ने यह कफ सिरप केवल गांबिया ही भेजे थे. हालांकि नियमों के मुताबिक जो देश बाहर से दवाई हासिल करता है वह अपने देश में भी दवाओं की जांच करता है. अभी तक यह साफ नहीं हुआ है की गांबिया ने इन कफ सिरप को जांच करने के बाद रिलीज किया या पहले.

इस मामले की जांच के लिए भारत की ड्रग कंट्रोलर एजेंसी सीडीएससीओ ने 1,3, 6 और 11 अक्टूबर को हरियाणा राज्य के साथ मिलकर इस कफ सिरप की मैन्युफैक्चरिंग कंपनी मेडन फार्मास्यूटिकल के प्लांट की जांच की है.

सरकार की तरफ से 4 विशेषज्ञों की कमेटी इस मामले की जांच कर रही है जो जल्द ही अपनी रिपोर्ट डब्ल्यूएचओ से साझा करेंगी.

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