'भारत की RAW ने 'मोसाद' की तरह अपने दुश्मन को चुन-चुनकर मारा', पाकिस्तान में एक रिपोर्ट से मच गया हाहाकार
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'भारत की RAW ने 'मोसाद' की तरह अपने दुश्मन को चुन-चुनकर मारा', पाकिस्तान में एक रिपोर्ट से मच गया हाहाकार

India killings in Pakistan like mossad: भारत सरकार ने उन दावों को खारिज कर दिया है, जिसमें आरोप लगाया गया था कि 'मोसाद' की तरह भारत ने पाकिस्तान में आतंकियों को चुन-चुनकर मारा है. भारतीय विदेश मंत्रालय ने 'द गार्जियन' की  रिपोर्ट को "झूठा और दुर्भावनापूर्ण भारत विरोधी प्रचार" बताया है.

'भारत की RAW ने 'मोसाद' की तरह अपने दुश्मन को चुन-चुनकर मारा', पाकिस्तान में एक रिपोर्ट से मच गया हाहाकार

India rejects allegations of targeted killings in Pakistan: ब्रिटेन के अखबार 'द गार्जियन' ( UK daily The Guardian) की एक रिपोर्ट ने पूरे पाकिस्तान और दुनिया में हलचल पैदा कर दिया है. गार्जियन की रिपोर्ट में बताया गया कि भारत की रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) पाकिस्तान में आतंकवादियों को टॉरगेट करके मार रहा है.

'मोसाद की स्टाइल में भारत अपने दुश्मन को मार रहा'
इसी रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि विदेशों में आतंकवादियों को खत्म करने की भारत की रणनीति 2019 में पुलवामा हमले के बाद शुरू हुई. 'द गार्जियन' की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद (Mossad) और रूस की केजीबी (KGB) की तरह अपने टॉरगेट आतंकियों को मार रहा है. 

जिसके बाद भारत सरकार ने ब्रिटेन के 'द गार्जियन' की एक रिपोर्ट में कही गई उन बातों को खारिज किया है. जिसमें भारत पर आतंकवादियों को खत्म करने के लिए पाकिस्तान में टारगेट किलिंग करने का आरोप लगाया गया है. भारतीय विदेश मंत्रालय ने इसे "झूठा और दुर्भावनापूर्ण भारत विरोधी प्रचार" कहा है. वहीं विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि अन्य देशों में टॉरगेट हत्याएं “भारत सरकार की नीति नहीं थीं”.

जानें ब्रिटेन के 'द गार्जियन' की क्या है पूरी रिपोर्ट
'द गार्जियन' ने गुरुवार को एक रिपोर्ट जारी की. जिसके बाद पूरी दुनिया में हलचल पैदा हो गई. इसमें दावा किया कि भारत सरकार ने विदेशी धरती पर रहने वाले अपने टॉरगेट आतंकवादियों को मारने का प्लान दिल्ली में बनाया. जिसमें सबसे अधिक हत्या पाकिस्तान में हुई. रिपोर्ट में यह दावा भारत और पाकिस्तान के कुछ ख़ुफिया अधिकारियों के हवाले से किया गया है. लंदन से निकलने वाले अखबार ने दावा किया कि उनके पास ऐसे  दस्तावेज हैं जो इस बात पर जोर देते हैं कि भारत की विदेशी खुफिया एजेंसी ने कथित तौर पर विदेशों में व्यक्तियों को खत्म करने के लिए ऑपरेशन चलाए. 

पुलवामा हमले के बाद भारत ने बनाया हमले का प्लान
रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत ने 2019 में हुए पुलवामा आतंकी हमला के बाद इस तरह का प्लान बनाया और अपने दुश्मनों को मारने का काम शुरू किया. रिपोर्ट के मुताबिक, 2020 के बाद से पाकिस्तान में अब तक लगभग 20 हत्या हो चुकी है. ‌जिन्हें अज्ञात बंदूकधारियों ने अंजाम दिया है.

पाकिस्तान ने भारत पर हत्या कराने का लगाया था आरोप
2023 में जब पाकिस्तान की धरती पर मुहम्मद रियाज और शाहिद लतीफ की गोली मारकर हत्या कर दी गई, तो इस्लामाबाद ने इन हत्याओं के पीछे भारत की ख़ुफिया एजेंसी का हाथ होने का आरोप लगाया था. उस समय नई दिल्ली ने तुरंत आरोपों को खारिज कर दिया था और इसे "दुर्भावनापूर्ण भारत विरोधी प्रचार" करार दिया था. लंदन के अखबार ने पाकिस्तानी जांचकर्ताओं की तरफ से शेयर की गई जानकारी के आधार पर बताया कि  ब्‍योरे का हवाला देते हुए कहा कि "ये मौतें भारतीय खुफिया स्लीपर सेल द्वारा कराई गईं, जो ज्यादातर संयुक्त अरब अमीरात से संचालित होती थीं".

2023 के बाद हत्या बढ़ने लगी
पाकिस्तान में अज्ञात लोगों की तरफ से हत्या की घटना 2023 से  बढ़ने लगी. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ने पाकिस्तान में पैसा देकर लोकल लोगों के जरिए इन हत्याओं को अंजाम दिया है. रिपोर्ट में दो भारतीय खुफिया अधिकारियों के हवाले से कहा गया है कि जासूसी एजेंसी की कार्रवाई 2019 में पुलवामा हमले से शुरू हुई थी, जिसे पाकिस्तान स्थित आतंकी समूह जैश-ए-मोहम्मद ने अंजाम दिया था. रिपोर्ट यह भी कहती है कि "पुलवामा हादसे के बाद देश के बाहर के तत्वों को हमला करने या कोई गड़बड़ी पैदा करने से पहले निशाना बनाने के लिए दृष्टिकोण बदला गया".

जानें कब-कब पाकिस्तान में हुई हत्या
रिपोर्ट के अनुसार, एक रॉ हैंडलर ने कथित तौर पर दोषी कश्मीरी आतंकवादी जहूर मिस्त्री के उपनाम जाहिद अखुंद के बारे में जानकारी के लिए भुगतान किया था, जो एयर इंडिया की उड़ान के अपहरण में शामिल था. रिपोर्ट में कहा गया है, "मार्च 2022 में कराची में गोलीबारी को अंजाम देने के लिए अफगान नागरिकों को कथित तौर पर लाखों रुपये का भुगतान किया गया था। वे सीमा पार भाग गए लेकिन उनके आकाओं को बाद में पाकिस्तानी सुरक्षा एजेंसियों ने गिरफ्तार कर लिया।"

पाकिस्तानी अधिकारियों का दावा
रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तानी जांचकर्ताओं ने पाया कि उस व्यक्ति को लतीफ का पता लगाने के लिए एक गुप्त भारतीय एजेंट द्वारा कथित तौर पर 15 लाख पाकिस्तानी रुपये का भुगतान किया गया था और बाद में उसे और 15 लाख पाकिस्तानी रुपये के साथ संयुक्त अरब अमीरात में अपनी कैटरिंग कंपनी देने का वादा किया गया था.

रिपोर्ट में कहा गया है कि युवक ने सियालकोट की एक मस्जिद में लतीफ की गोली मारकर हत्या कर दी, लेकिन उसके तुरंत बाद उसे उसके साथियों के साथ गिरफ्तार कर लिया गया. रिपोर्ट के मुताबिक, आतंकवादी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन के कमांडर बशीर अहमद पीर और भारत की मोस्टवांटेड सूची में शामिल सलीम रहमानी की हत्या की योजना भी कथित तौर पर संयुक्त अरब अमीरात से बाहर रची गई थी. दुबई से लेन-देन की रसीदों से पता चलता है कि हत्यारों को लाखों रुपये का भुगतान किया गया था.

भारत ने रिपोर्ट को बताया प्रोपागंडा 
उधर जैसे ही यह रिपोर्ट आई भारत ने इसे पूरी तरह दावों को खारिज कर दिया. भारतीय विदेश मंत्रालय ने 'द गार्जियन' की संबंधित रिपोर्ट को "झूठा और दुर्भावनापूर्ण भारत विरोधी प्रचार" कहा है. उनका साफ-साफ कहना है कि दिल्ली ने "उन लोगों को निशाना बनाने की नीति लागू की है जिन्हें वह भारत के प्रति शत्रुतापूर्ण मानता है."

 

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