Modi Government: भारत ने ये खतरनाक हथियार खरीदने का लिया फैसला, मोदी सरकार के कदम से कांपा चीन!
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Modi Government: भारत ने ये खतरनाक हथियार खरीदने का लिया फैसला, मोदी सरकार के कदम से कांपा चीन!

China–India relations: चीन से भले ही सीमा विवाद नरम पड़ता दिख रहा है, लेकिन भारत फिर भी अपनी तरफ से कोई ढिलाई नहीं देना चाहता. इसलिए भारत ने 100 नई सेल्फ प्रोपेल्ड तोपों K-9 वज्र का खरीदी का फैसला किया है.

Modi Government: भारत ने ये खतरनाक हथियार खरीदने का लिया फैसला, मोदी सरकार के कदम से कांपा चीन!

K-9 Vajra Howitzer: भारत के साथ सीमा विवाद पर चीन के सुर नरम पड़ते जा रहे हैं. लेकिन भारत अपनी सैनिक तैयारियों में कोई ढील नहीं देना चाहता. लद्दाख और सिक्किम में चीन के साथ विवाद के इलाकों में तैनाती के लिए भारत ने 100 नई सेल्फ प्रोपेल्ड तोपों K-9 वज्र का खरीदी का फैसला किया है. ऐसी 100 तोपें पहले ही भारतीय सेना के पास हैं और इन्हें पिछले साल लद्दाख में तैनात किया गया था. ये तोपे वहां बहुत कारगर साबित हुई हैं इसलिए इनकी अतिरिक्त खरीदी का फैसला लिया गया है.

सीमा पर तैनात है दोनों देशों की सेनाएं

चीन की स्थापना के 73 वर्ष पूरे होने के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में भारत में चीनी राजदूत सुन वीदोंग ने कहा कि गलवान घटना के बाद पैदा हुआ संकट खत्म हो चुका है और दोनों देशों की सीमा पर माहौल सामान्य हो रहा है. मई 2020 में शुरू हुए सबसे बड़े सैनिक तनाव के बाद चीन ने पहली बार ये संकेत दिया है कि वो फिलहाल भारत से टकराव नहीं चाहता. चीन ने तनाव के मुख्य हिस्सों गोगरा, हाटस्प्रिंग से अपने सैनिक भी हटा लिए हैं. हालांकि अभी भी लद्दाख में सीमा के दोनों ओर तैनात 50-50 हजार सैनिक अभी भी अपनी जगह पर हैं और हथियारों की तैनाती भी है. इसलिए भारत ने अपनी सैनिक तैयारियों में कोई कमी नहीं की है. 27 सितंबर को भारत ने 100 नई सेल्फ प्रोपेल्ड तोपों K-9 वज्र की खरीदी पर हस्ताक्षर कर दिए हैं. भारत की योजना कुल 200 K-9 वज्र खरीदने की हैं जबकि 2016 में हुए सौदे की सभी 100 तोपें भारतीय सेना में शामिल हो चुकी हैं.

18 से 54 किमी तक है रेंज

K-9 वज्र लद्दाख और सिक्किम के उन इलाकों के लिए बहुत कारगर हथियार है जहां चीन के साथ सीमा विवाद चल रहा है. K-9 वज्र 155 मिमी कैलिबर की तोप है और इस कैलिबर की बोफोर्स तोप पहले ही कारगिल में अपनी ताकत दिखा चुकी है. इसकी रेंज 18 से 54 किमी तक है और ये हर उस तरह का गोला दाग सकती है जो बोफोर्स से फायर किया जाता है. लेकिन इसकी खासियत ये है कि ये किसी टैंक की तरह बख्तर से ढकी हुई है और तेज रफ्तार से किसी भी इलाके में चल सकती है. इसकी रफ्तार बिना सड़क के इलाके में भी 67 किमी तक की रफ्तार से चल सकती है. इसमें 5 सैनिकों का क्रू होता है जो अभेद्य बख्तर से सुरक्षित होता है और अंदर से ही दुश्मन पर बहुत दूर से सटीक हमला कर सकता है.

चीन के साथ तनाव के बीच लद्दाख में किया था तैनात

भारत ने चीन के साथ तनाव शुरू होने के बाद मई 2021 में पहली बार K-9 वज्र की तैनाती लद्दाख में की थी. किसी टैंक जैसी रफ्तार और सुरक्षा के साथ 155 मिमी तोप की रेंज का घातक मेल लद्दाख के लिए बहुत कारगर है. इन तोपों को पूरी सर्दियां शून्य से 30 डिग्री कम तापमान में रखा गया. सर्दियों में इन्हें काम करने लायक रखने के लिए खास विंटर किट इस्तेमाल की गई थी, जिसमें इतने काम तापमान में न जमने वाले तेल, ईंधर और लुब्रिकेंट थे. इस विंटर किट के सहारे K-9 वज्र ने पहली बार इतनी सर्दी में भी कामयाबी से अपने सारे परीक्षण पूरे किए. अब भारत नई 100 K-9 को भी जरूरत पड़ने पर लद्दाख या सिक्किम में तैनात करने की तैयारी कर रहा है.

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