पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन सीमा से शुभ संकेत हैं. गश्त पर समझौता होने के बाद चीन के तंबू उखड़ गए हैं और अब आज दिवाली पर दोनों पक्षों के बीच कुछ मीठा होने वाला है. जी हां, करीब पांच साल बाद दोनों पक्षों के सैनिकों में टकराव वाली स्थिति खत्म हुई है.
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Diwali 2024 India China Border: बॉर्डर पर भारत और चीन के सैनिकों के लिए करीब 5 साल बाद ऐसा मौका आया है. दिवाली पर आज फिर से दोनों पक्षों के बीच मिठाई का आदान-प्रदान होगा. कुछ दिन पहले एक महत्वपूर्ण समझौते के बाद पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर गतिरोध वाले दो स्थानों डेमचोक और देपसांग से सैनिकों की वापसी पूरी हो गई है. जल्द ही इन जगहों पर गश्त भी शुरू कर दी जाएगी. भारतीय सेना के सूत्रों ने बताया है कि बृहस्पतिवार को आज दिवाली के मौके पर दोनों पक्षों के बीच मिठाइयों का आदान-प्रदान होगा.
चीन के राजदूत ने क्या कहा
भारत में चीन के राजदूत शू फेइहोंग ने कोलकाता में एक कार्यक्रम के दौरान सैनिकों की वापसी से जुड़े सवाल पर कहा, 'मुझे उम्मीद है कि इस सहमति के तहत भविष्य में संबंध सुचारू रूप से आगे बढ़ेंगे और दोनों पक्षों के बीच असहमति से प्रतिबंधित या बाधित नहीं होंगे. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि मतभेदों से कैसे निपटा जाए.'
पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर गश्त और सैनिकों को पीछे हटाने के लिए दोनों देशों के बीच बनी सहमति को चार साल से अधिक समय से जारी गतिरोध को समाप्त करने की दिशा में एक बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है. जून 2020 में गलवान घाटी में हुई भीषण झड़प के बाद पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर गतिरोध बरकरार था और भारत-चीन संबंध निचले स्तर पर पहुंच गए थे.
भारत के लिए बड़ी जीत
सेना के सूत्रों ने बताया कि सैनिकों के पीछे हटने के बाद सत्यापन का काम प्रगति पर है और स्थानीय कमांडरों के बीच बातचीत के जरिए गश्त के तौर-तरीके तय किए जाएंगे. उन्होंने कहा, 'स्थानीय कमांडर स्तर पर बातचीत जारी रहेगी.' सूत्रों ने 25 अक्टूबर को बताया था कि सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया 28-29 अक्टूबर तक पूरी होने की संभावना है. दिवाली पर दोनों पक्षों के बीच मिठाइयों के आदान-प्रदान की योजना के बारे में पूछे जाने पर एक सूत्र ने कहा कि यह सैन्य और कूटनीतिक दोनों लिहाज से एक 'बड़ी जीत' है.
हालांकि, फिलहाल यह पता नहीं चला है कि मिठाइयों का आदान-प्रदान कहां किया जाएगा. भारतीय और चीनी सैनिकों ने पिछले वर्षों में त्योहारों और दूसरे महत्वपूर्ण मौकों पर पूर्वी लद्दाख सहित एलएसी पर कई सीमा चौकियों पर मिठाइयों और शुभकामनाओं का आदान-प्रदान किया है. सूत्रों ने पहले कहा था कि सैनिकों की तैनाती और गश्त अप्रैल 2020 से पहले की स्थिति के अनुसार किए जाने की संभावना है. उन्होंने कहा था कि पिछले हफ्ते शुरू हुई सैनिकों की वापसी पूरी होने के बाद इन स्थानों पर गश्त शुरू कर दी जाएगी और दोनों पक्ष अपने-अपने सैनिकों को हटाने के साथ ही अस्थायी संरचनाओं को नष्ट कर देंगे.
सूत्रों के मुताबिक समझौते की रूपरेखा पर पहले राजनयिक स्तर पर हस्ताक्षर किए गए और फिर सैन्य स्तर की बातचीत हुई. उन्होंने कहा कि समझौते की बारीकियों पर कोर कमांडर स्तर की वार्ता के दौरान काम किया गया था. दोनों पक्षों के बीच हुए समझौते का पालन करते हुए इन क्षेत्रों में तैनात भारतीय सैनिकों ने अपने उपकरण हटाने शुरू कर दिए. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने 23 अक्टूबर को रूस के कजान शहर में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के इतर हुई मुलाकात में पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर गतिरोध वाले शेष स्थानों से सैनिकों की वापसी और गश्त को लेकर भारत-चीन में बनी सहमति का स्वागत किया था.
दोनों नेताओं ने विभिन्न द्विपक्षीय वार्ता तंत्र को फिर से शुरू करने के निर्देश दिए थे, जिसे 2020 में हुई सैन्य झड़प के बाद प्रभावित हुए संबंधों को सामान्य बनाने के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है. ‘मर्चेंट चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री’ द्वारा कोलकाता में बुधवार को आय़ोजित एक सत्र को संबोधित करते हुए शू फेइहोंग ने कहा कि भारत-चीन संबंधों को सुधारने तथा विकसित करने पर मोदी और शी के बीच महत्वपूर्ण आम सहमति बनी और उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों को पटरी पर लाने की रूपरेखा तय की.
फेइहोंग ने कहा, 'यह बैठक बहुत रचनात्मक थी और इसका काफी महत्व था.' वहीं, अमेरिका ने मंगलवार को कहा कि वह भारत-चीन सीमा पर तनाव में किसी भी तरह की कमी का स्वागत करता है. अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने वाशिंगटन में कहा, 'हम (भारत और चीन के बीच) घटनाक्रमों पर करीबी नजर रख रहे हैं.' एक सवाल के जवाब में मिलर ने कहा कि अमेरिका ने इसमें कोई भूमिका नहीं निभाई. (भाषा)