Prashant Kishore: बिहार के किस जिले में है प्रशांत किशोर का पुश्तैनी घर, कौन हैं उनकी पत्नी?
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Prashant Kishore: बिहार के किस जिले में है प्रशांत किशोर का पुश्तैनी घर, कौन हैं उनकी पत्नी?

Prashant Kishore News: चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर बिहार में जन सुराज यात्रा निकाल रहे हैं. किशोर अपने राजनीतिक बयानों को लेकर तो चर्चा में बने रहते हैं लेकिन उनकी निजी जीवन की चर्चा कम ही होती है. 

Prashant Kishore: बिहार के किस जिले में है प्रशांत किशोर का पुश्तैनी घर, कौन हैं उनकी पत्नी?

Prashant Kishore Family: चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की राजनीतिक पारी की शुरुआत का सबको इंतजार है. फिलहाल वह बिहार में जन सुराज यात्रा निकाल राज्य की जमीनी हकीकत को समझने की कोशिश कर रहे हैं. किशोर अपने राजनीतिक बयानों को लेकर तो चर्चा में बने रहते हैं लेकिन उनकी निजी जीवन की चर्चा कम ही होती है. आज उनके परिवार और रिश्तेदारों के बारे में जानेंगे.

प्रशांत किशोर जन्म बिहार के रोहतास जिले के कोनार गांव में हुआ 20 मार्च 1977 को हुआ. कोनार गांव में प्रशांत किशोर का दो मंजिला पुश्तैनी मकान आज भी है. मकान काफी पुराना है और रख रखाव के बिना अब उसकी हालत जर्जर होती जा रही है. पुश्तैनी मकान के दरवाजे पर जन सुराज यात्रा का एक बोर्ड लगा हुआ है. प्रशांत कभी-कभी अपने गांव आते रहते हैं.

प्रशांत के माता-पिता
प्रशांत किशोर के पिता श्रीकांत पांडेय डॉक्टर थे और नौकरी के सिलसिले में उनक अलग-अलग शहरों में ट्रांसफर हुआ जिसके चलते प्रशांत किशोर का बचपन अलग-अलग शहरों में बीता. प्रशांत किशोर की मां उत्तर प्रदेश के बलिया जिले की रहने वाली हैं. वह और बच्चों की शिक्षा को लेकर बेहद जगरूक थी.

विदेश में नौकरी और शादी
प्रशांत किशोर को काफी अच्छी शिक्षा मिली और पढ़ाई के बाद वह विदेश में नौकरी भी करने लगे. प्रशांत किशोर जब विदेश में नौकरी कर रहे थे तो उन्हें पेश से डॉक्टर जाह्नवी दास से शादी कर ली. जाह्नवी दास को एक बेटा हैं. प्रशांत किशोर के दो भाई हैं. वे दोनों नौकरी करते हैं और उनका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है. उनका पूरा परिवार शिक्षित और परिवार के अधिकांश सदस्य अच्छी पदों पर नौकरी करते हैं. उनके चाचा बलिराम पांडेय एक्जीक्यूटिव इंजीनियर रहे.

परिवार के लोग बताते हैं कि जब तक प्रशांत किशोर ने चुनावी रणनीतिकार के रूप में काम किया तब तक कम ही लोग जानते थे कि वह रोहतास जिले के रहने वाले हैं. कोनार गांव के कुछ लोग जन सुराज यात्रा में शामिल भी हुए हैं.

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