संभल दंगे का एक महीना हो गया है. वहां दंगाइयों पर धड़पकड़ से इतर संभल नगरी में एक के बाद एक मंदिर और कूप मिल रहे हैं. संभल में लाडम सराय मस्जिद से करीब 50 मीटर की दूरी पर एक और प्राचीन कुआं मिला है. जब कुएं की खुदाई शुरु हुई तो स्थानीय लोगों ने विरोध कर दिया.
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Sambhal news: संभल दंगे का एक महीना हो गया है. वहां दंगाइयों पर धड़पकड़ से इतर संभल नगरी में एक के बाद एक मंदिर और कूप मिल रहे हैं. संभल में लाडम सराय मस्जिद से करीब 50 मीटर की दूरी पर एक और प्राचीन कुआं मिला है. जब कुएं की खुदाई शुरु हुई तो स्थानीय लोगों ने विरोध कर दिया. जिसके बाद टकराव की स्थिति पैदा हो गई. विरोध के चलते 1 घंटे से से ज्यादा खुदाई का काम रोकना पड़ गया. इसके बाद पुलिस और सुरक्षा बलों ने स्थानीय लोगों को समझ बुझाकर पीछे किया. तब जाकर खुदाई शुरू हो पाई. बताया जा रहा है कि स्थानीय लोगों ने इस कुएं में कूड़ा भर दिया था.
संभल में एक के बाद एक सनातन के सबूत मिल रहे हैं. जिसके बाद हिंदू समुदाय एक बार फिर अपने पवित्र स्थलों पर पूजा अर्चना करने पहुंच रहा है. संभल के खग्गू सराय में 46 साल बाद जिस मंदिर के कपाट खुले थे. आज वहां भक्तों की भारी भीड़ जुटी. बजरंगबली के इस मंदिर में मंगलवार को भक्तों ने भजन कीर्तन किया.
संभल टू गाजियाबाद कितने शिवालय मिले?
एक तरफ जहां संभल में एक के बाद एक मंदिर, बावड़ी और कूप मिल रहे हैं. वहीं यूपी के कई अन्य जिलों से भी ऐसी खबरें सामने आ रही हैं. हाल ही में मुरादनगर से कब्रिस्तान में शिवलिंग की तस्वीरें सामने आई थीं. जहां सालों बाद पूरा अर्चना की गई. हिंदूवादी संगठन के लोगों ने जलाभिषेक किया. लेकिन आज इस कब्रिस्तान से अलग ही तस्वीरें सामने आईं. जिस जगह पर शिवलिंग मिला हैवहां रातो-रात दीवार बनवाई गई. जिसके बाद मजार और शिवलिंग का रास्ता अलग अलग किया गया.
कट्टरपंथियों की करामात ऐसी की शिवलिंग के इर्द गिर्द कब्रिस्तान बन गया. यही नहीं शिवलिंग के पास मजार भी बना दी गई. सालों से महादेव यहां यूं ही विराजमान थे. लेकिन सनातन के साक्ष्यों को एक बार फिर जागृत करने का जो सिलसिला संभल से शुरु हुआ अब वो आगे बढ़ चुका है. इसी सिलसिले में हिंदूवादी संगठनों ने गाजियाबाद के मोदीनगर में कब्रिस्तान में एक शिवलिंग को ढूंढ निकाला. पहले साफ सफाई और पूजा पाठ का इंतजाम किया गया. लेकिन बीती रात शिवलिंग और मजार के बीच सनातनी दीवार खड़ी कर दी है.
रातो रात ईंटे और कारीगर लगाए गए. सुबह होते होते मजार और शिवलिंग के बीच दीवार खड़ी की गई. जिसके बाद यहां भक्तों का आना भी शुरु हो गया है. हिन्दू पक्ष ने शिवलिंग का जलाभिषेक कर शुद्धिकरण किया. साथ ही अब तक शिवलिंग की उपेक्षा पर नाराज़गी भी ज़ाहिर की.
कब्रिस्तान में मजार के पास शिवलिंग का मिलना. यहां हिंदुओं का पहुंचना. मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए प्रशासन ने भी अपनी तैयारी रखी है ताकि माहौल न बिगड़े. इलाके के मुस्लिम पक्ष ने भी वहां सालों से शिवलिंग और मज़ार होने का दावा करके हुए प्रशासन के फैसले का स्वागत किया.
गाजियाबाद में आज की तारीख में दोनों पक्ष सौहार्द से रहने का दावा कर रहे हैं. मुस्लिम पक्ष भी शिवलिंग को लेकर शांति का मैसेज दे रहा है. लेकिन यहां सवाल तो ये है कि आखिर सालों से शिवलिंग बुरी हालत में क्यों था. सालों तक यहां हिंदुओं को पूजा करने का अधिकार क्यों नहीं दिया.