Javed Ahmed Mattu: सिग्नल ऐप से PAK में बैठे आकाओं से करता था बात, घाटी को दहलाने का प्लान; आतंकी मट्टू के खौफनाक खुलासे
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Javed Ahmed Mattu: सिग्नल ऐप से PAK में बैठे आकाओं से करता था बात, घाटी को दहलाने का प्लान; आतंकी मट्टू के खौफनाक खुलासे

Jammu-Kashmir Terrorist Attack: पाकिस्तान में मौजूद हिजबुल के आतंकी इम्तियाज और अब्दुल माजिद सोफी उर्फ शाहीन से सिग्नल एप के जरिए मट्टू बात करता था और पाकिस्तान में बैठे ये दोनों हैंडलर जम्मू कश्मीर में बड़े आतंकी हमले से जुड़े निर्देश मट्टू को देते थे.

Javed Ahmed Mattu: सिग्नल ऐप से PAK में बैठे आकाओं से करता था बात, घाटी को दहलाने का प्लान; आतंकी मट्टू के खौफनाक खुलासे

Jamm-Kashmir News: आतंकी जावेद अहमद मट्टू ने दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की पूछताछ में कई बड़े खुलासे किए हैं. मट्टू ने बताया कि हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकियों के साथ मिलकर वह 26 जनवरी के मद्देनजर जम्मू-कश्मीर में बड़े आतंकवादी हमले की योजना बना रहा था. स्पेशल सेल के सूत्रों ने बताया कि आतंकी मट्टू पाकिस्तान स्थित दो हैंडलर्स के संपर्क में था, जो उसे एक जरूरी काम को अंजाम देने के लिए उकसा रहे थे.

पाकिस्तान में मौजूद हिजबुल के आतंकी इम्तियाज और अब्दुल माजिद सोफी उर्फ शाहीन से सिग्नल एप के जरिए मट्टू बात करता था और पाकिस्तान में बैठे ये दोनों हैंडलर जम्मू कश्मीर में बड़े आतंकी हमले से जुड़े निर्देश मट्टू को देते थे. पाकिस्तान में बैठे अपने आकाओं के आदेश पर जावेद का इरादा हिजबुल मुजाहिद्दीन के लिए जम्मू-कश्मीर में 26 जनवरी के मद्देनजर बड़े आतंकी हमले को अंजाम देने का था.

11 आतंकी घटनाओं में था शामिल

जावेद अहमद मट्टू जम्मू-कश्मीर की 11 आतंकी घटनाओं में शामिल था. दिल्ली की एक अदालत ने उसे बुधवार (17 जनवरी) को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया जबकि मामले के एक अन्य आरोपी को सबूत के अभाव में रिहा कर दिया.

 दिल्ली पुलिस ने जावेद अहमद मट्टू (32) को ड्यूटी मजिस्ट्रेट ईशा सिंह के सामने पेश किया. उन्होंने दिल्ली पुलिस की ओर से दायर आवेदन पर मट्टू को 31 जनवरी तक के लिए जेल भेज दिया. पुलिस ने बताया कि 10 लाख रुपये के इनामी आरोपी को दिल्ली के निज़ामुद्दीन इलाके से गिरफ्तार किया गया, जब उसे पकड़ा गया था तब वह चोरी की एक कार में सवार था.

मोहम्मद रफी नजर को रिहा करने का आदेश

 हालांकि, मजिस्ट्रेट ने पुलिस के एक आवेदन पर मोहम्मद रफी नज़र को रिहा करने का आदेश दिया, जिसमें कहा गया था कि उसके खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला. जज ने कहा, "आज की तारीख तक, आरोपी नज़र के खिलाफ कोई स्वीकार्य सबूत नहीं है और इसलिए, इस मामले में उसकी हिरासत का कोई आधार नहीं है." मामले में नजर को मट्टू के बयान के आधार पर गिरफ्तार किया गया था. उसने दावा किया था कि नज़र हिजबुल मुजाहिदीन के आर्थिक मामलों को देखता था. 

पुलिस ने नज़र को तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया था, जहां वह एक अन्य मामले में बंद था. हालांकि, नज़र अपने खिलाफ दर्ज दूसरे मामले में सलाखों के पीछे रहेगा. पुलिस ने बताया कि वह जम्मू-कश्मीर में अलग अलग घटनाओं में पांच ग्रेनेड हमलों और कम से कम पांच पुलिसकर्मियों की हत्या समेत 11 ज्ञात आतंकी हमलों में नामज़द है. पुलिस ने कहा कि मट्टू की अगुवाई में किए गए हमलों में दर्जनों पुलिस कर्मी भी जख्मी हुए. पुलिस ने दावा किया कि वह अन्य आतंकी संगठन अल बद्र से भी जुड़ा हुआ है.

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