Hathras Stampede: बाबा के चरणों की धूल के लिए टूटे लोग और फिर मच गई भगदड़.... जानें कैसे हुई हाथरस घटना
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Hathras Stampede: बाबा के चरणों की धूल के लिए टूटे लोग और फिर मच गई भगदड़.... जानें कैसे हुई हाथरस घटना

Hathras Stampede Reason: हाथरस में साकार विश्व हरि के सत्संग में मची भगदड़ से आज 107 से ज्यादा लोगों की जान चली गई. सत्संग में आखिर ऐसा क्या हो गया था कि लोग भागने लगे. इसकी वजह अब सामने आ गई है. 

 

Hathras Stampede: बाबा के चरणों की धूल के लिए टूटे लोग और फिर मच गई भगदड़.... जानें कैसे हुई हाथरस घटना

Who is Sakar Vishwa Hari: यूपी के हाथरस में साकार विश्व हरि यानी भोले बाबा के सत्संग में हिस्सा लेने पहुंचे श्रद्धालुओं के बीच आज समापन के दौरान भगदड़ मच गई, जिसमें 107 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है. बताया जा रहा है कि जब बाबा ने अपना प्रवचन खत्म किया तो लोगों में उनके चरणों की धूल माथे पर लगाने की होड़ मच गई. इस वजह से 50 हजार लोगों से भरे पंडाल में भगदड़ मची और लोगों की बड़ी संख्या में मौत हो गई. सीएमओ डॉ उमेश कुमार त्रिपाठी ने मौत के आंकड़ों की पुष्टि की है. बताया जा रहा है कि सत्संग में भीषण गर्मी की वजह से भक्तों की स्थिति खराब हो गई. सत्संग में हिस्सा लेने पहुंचे कई लोगों ने आपबीती सुनाई.

सत्संग खत्म होने के बाद मची भगदड़

सत्संग में हिस्सा लेने पहुंची एक महिला ने बताया, 'हम कई लोगें के साथ एक गाड़ी में सत्संग में हिस्सा लेने पहुंचे थे. लेकिन अब हमें पता नहीं है कि कुल कितने थे, लेकिन मैं एक बात कह सकती हूं कि हमारे साथ कई लोग थे. सभी एक-दूसरे पर चढ़ रहे थे. एक दूसरे को धक्का दे रहे थे, जिसमें कई लोग दब गए. सत्संग समाप्त होने के बाद जब हम जा रहे थे, तभी लोग एक दूसरे को धक्का देने लगे. एक-दूसरे को कुचलने लगे.'

वहीं सत्संग में हिस्सा लेने पहुंची ज्योति नाम की युवती ने भी वहां की स्थिति के बारे में विस्तार से बताया. उन्होंने कहा, 'हम कई लोगों के साथ सत्संग में हिस्सा लेने पहुंचे थे. वहां बहुत सारे लोग थे. शुरू में तो सब कुछ ठीक ही था, लेकिन सत्संग समाप्त होने के बाद सभी लोग एक दूसरे पर चढ़ गए. पता ही नहीं चला कि ये सब कैसे हो गया. हमें बाहर निकलने की जगह ही नहीं मिल पा रही थी. सत्संग में कई लोग शामिल थे, जिसमें कइयों की मौत हो चुकी है.'

अस्पताल में लगा लाशों का ढेर

सत्संग में हिस्सा लेने वाले लोगों ने अस्पताल की अव्यवस्था पर भी आक्रोश जताया. लोगों का कहना है कि अस्पताल परिसर में लाशों का ढेर पड़ा हुआ है, लेकिन एक भी डॉक्टर किसी का भी उपचार करने के लिए तैयार नहीं हुए. अस्पताल में महज एक ही डॉक्टर है. लोगों ने अपना रोष जाहिर करते हुए कहा कि पुलिस प्रशासन की लापरवाही की वजह से यह सब कुछ हआ. लोगों ने कहा कि कल रात से ही रोड पर जाम लगा हुआ था. पुलिस ने वो जाम खुलवा दिया, जिसकी वजह से यह हादसा हुआ. 

लोगों ने कहा कि अस्पताल में लाशों का ढेर लग चुका है, लेकिन अस्पताल में एक ही डॉक्टर है. लोगों ने बताया कि अस्पताल में ऑक्सीजन तक नहीं है. ऐसे में यह कैसे किसी का उपचार कर सकेंगे. पुलिस से लेकर चिकित्सक से जुड़े सभी अधिकारी लापरवाही बरत रहे हैं. हमारी बात कोई सुनने के लिए तैयार नहीं है.

कौन हैं भोले बाबा?

भोले बाबा का असली नाम सूरजपाल है. वह मूल रूप से कांशीराम नगर (कासगंज) में पटियाली गांव का रहने वाला है. पहले वह उत्तर प्रदेश पुलिस में भर्ती हुआ था. लेकिन 18 साल की नौकरी के बाद वीआरएस ले लिया. इसके बाद वह अपने गांव में ही झोपड़ी बनाकर रहने लगा और साथ ही यूपी के अलावा आसपास के राज्यों में घूम कर लोगों को भगवान की भक्ति पढ़ाने का काम करने लगा. 

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रजपाल से बन गया साकार विश्व हरि

सूरजपाल ने बाबा का चोला ओढ़ने के बाद अपना नाम बदलकर साकार विश्व हरि कर लिया. उनके समर्थक उसे भोले बाबा के नाम से पुकारते हैं. पटियाली के पास सूरज पाल ने अपना आश्रम बनाया हुआ है. भोले बाबा के अनुयायियों की तादाद लाखों में बताई जाती है. सवाल-जवाब के डर से वह कभी मीडिया के सामने नहीं आता है और उसके आश्रमों और सत्संगों का सारा काम उसके चेले संभालते हैं. वह कोट- पैंट और टाई लगाकर अपने समर्थकों को संबोधित करता है. प्रवचन के दौरान वह अपनी पत्नी को भी मंच पर बिठाता है.

भगदड़ के लिए ये हैं बड़े गुनाहगार

उसने अपना प्रभाव बढ़ाने के लिए एक संस्था भी बना रखी है, जिसका नाम मानव मंगल मिलन सद्भावना समिति है. इस समिति की ओर से 2 जुलाई को हाथरस में सिकंदराराऊ के फुलरई गांव में एक दिन का सत्संग बुलाया गया था. इस सत्संग के आयोजन में महेश चंद्र, अनार सिंह, संजू यादव, चंद्रदेव और रामप्रकाश ने प्रमुख भूमिका निभाई और सोशल मीडिया के जरिए तमाम प्रचार करके ज्यादा से ज्यादा लोगों को सत्संग में पहुंचने की अपील की गई.

50 हजार से ज्यादा पंडाल में थे मौजूद

इस अपील पर यूपी, राजस्थान, एमपी और बिहार जैसे राज्यों से करीब 50 हजार लोग सत्संग स्थल पर पहुंचे थे. जितने लोगों को सत्संग में बुलाया गया था, उसकी तुलना में वहां पर इंतजाम नाकाफी थे. उमस भरी तेज गर्मी ने भी हालात बिगाड़ने में योगदान दिया. पंडाल में तेज गर्मी और भारी भीड़ की वजह से लोगों का दम घुटने लगा. जैसे ही सत्संग खत्म हुआ, लोगों में पंडाल से बाहर निकलने की होड़ मच गई, जिसके चलते भगदड़ मची और लोग नीचे गिरकर दबते चले गए. 

घटना पर एसएसपी ने क्या कहा?

हाथरस के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार सिंह ने मीडिया को बताया, 'सिकंदराराऊ के पास हाथरस जनपद स्थित एक गांव में सत्संग हो रहा था, जिसमें भगदड़ मच जाने से कई लोगों को मौत हो गई. वहीं कई घायल हो गए. सभी घायलों को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. वहां भोलेबाला का सत्संग चल रहा था, जिसमें कई लोग हिस्सा लेने पहुंचे थे. सूचना मिली कि भगदड़ मचने से यह हादसा हुआ. यह बहुत दुखद घटना है.“

सीएम योगी ने घटना की जांच के दिए आदेश

इस हादसे पर सीएम योगी की भी प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने जनपद हाथरस में हुए हादसे में मृतकों के शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की. साथ ही घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है. उन्होंने जिला प्रशासन के अधिकारियों को घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचा कर उनके समुचित उपचार कराने और मौके पर राहत कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने एडीजी आगरा और कमिश्नर अलीगढ़ के नेतृत्व में घटना के कारणों की जांच के निर्देश दिए हैं.

(एजेंसी इनपुट आईएएनएस)

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