भारतीय राजनीति इतिहास में इन दो प्रधानमंत्रियों को नहीं मिला लाल किले से झंडा फहराने का मौका, वजह है चौंकाने वाली
Advertisement
trendingNow12380471

भारतीय राजनीति इतिहास में इन दो प्रधानमंत्रियों को नहीं मिला लाल किले से झंडा फहराने का मौका, वजह है चौंकाने वाली

Independence Day 2024: भारत देश 15 अगस्त को अपना 78वां स्वतंत्रता दिवस मनाएगा. जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाल किले की प्राचीर से झंडा फहराएंगे. हालांकि भारतीय राजनीति के इतिहास में दो प्रधानमंत्री ऐसे भी हुए हैं, जो पीएम होते भी लाल किले की प्राचीर से झंडा नहीं फहरा सके.

Former Prime Ministers Gulzarilal Nanda and Chandra Shekhar

Independence Day 2024: भारत देश हर साल 15 अगस्त को अपना स्वतंत्रता दिवस मनाता है. यह स्वतंत्रता दिवस उन शहीद क्रांतिकारियों की याद दिलाता है, जिन्होंने आजादी की लड़ाई में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. 15 अगस्त 2024 को भारत 78वां स्वतंत्रता दिवस मनाएगा. जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाल किले पर तिरंगा फहराएंगे, लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में ऐसे भी दो प्रधानमंत्री हुए हैं, जो प्रधानमंत्री होते हुए भी लाल किले की प्राचीर से भारत का झंडा नहीं फहरा पाए.

इन दो प्रधानमंत्रियों ने नहीं फहराया झंडा

स्वतंत्रता दिवस पर भारत के प्रधानमंत्री द्वारा लाल किले से झंडा फहराया जाता है. हालांकि भारत के इतिहास में गुलजारीलाल नंदा और चंद्रशेखर ऐसे प्रधानमंत्री रहे हैं, जो प्रधानमंत्री रहते हुए भी लाल किले की प्राचीर से भारत का झंडा नहीं फहरा पाए. दरअसल इसका कारक उनका अल्प कार्यकाल था. दोनों प्रधानमंत्री कार्यकाल कम होने की वजह से लाल किले से तिरंगा नहीं फहरा सके.

गुलजारीलाल नंदा दो बार रहे प्रधानमंत्री

भारतीय राजनीति के इतिहास में गुलजारीलाल नंदा दो बार प्रधानमंत्री बने. हालांकि दोनों बार उनका कार्यकाल मात्र 13-13 दिनों का रहा. उन्होंने पहली बार 27 मई 1964 को प्रधानमंत्री पद की शपथ ली और 9 जून 1964 तक उनका कार्यकाल चला. वहीं दूसरी बार वह 11 जनवरी 1966 को प्रधानमंत्री बने. इस बार भी उनका कार्यकाल सिर्फ 13 दिन का रहा और 24 जनवरी 1966 को उन्हें प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा. इसका कारण यह था कि वह दोनों बार कार्यवाहक प्रधानमंत्री थे. 

6 महीने के कार्यकाल के बाद भी चंद्रशेखर नहीं फहरा सके झंडा

भारत के 8वें प्रधानमंत्री चंद्रशेखर ने 6 महीने तक प्रधानमंत्री पद संभाला. दरअसल 90 के दशक में देश में राजनीतिक अस्थिरता थी. ऐसे कठिन समय में उन्होंने 10 नवबंर 1990 को कांग्रेस के समर्थन से सरकार बनाई. हालांकि यह सरकार ज्यादा समय तक नहीं चल सकी और 6 महीने के अंदर उन्हें प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा. चंद्रशेखर ने 21 जून 1991 को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दिया और इस दौरान अगस्त माह आया ही नहीं, जिसके चलते वह लाल किले से तिरंगा नहीं फहरा पाए.

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news