जम्मू कश्मीर और लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद कुछ ही दिन पहले आपने अपना जनरल नॉलेज ठीक किया होगा कि देश में 9 केंद्र शासित प्रदेश है. अब फिर से अपना जनरल नॉलेज को ठीक करने के लिए तैयार हो जाइए.
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नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर और लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद कुछ ही दिन पहले आपने अपना जनरल नॉलेज ठीक किया होगा कि देश में 9 केंद्र शासित प्रदेश है. अब फिर से अपना जनरल नॉलेज को ठीक करने के लिए तैयार हो जाइए.
दादरा और नगर हवेली, दमण और दीव दो अलग अलग केंद्र शासित प्रदेश अब एक होंगे. इसके लिए गृह मंत्रालय ने लोकसभा में विधेयक पेश किया है, विधेयक का नाम है- The Dadara and Nagar Haveli and Daman Diu(Merger of Union Territorries )Bill 2019
अभी तक दोनों केंद्र शासित प्रदेश में बहुत से सीनियर एडमिन स्टाफ दोनों जगह काम करते हैं. एक दिन इधर दूसरे दिन उधर बेसिस पर भी काम होता है. हालांकि मातहत कर्मचारी दोनों के अलग अलग हैं. पर इससे काम में डुप्लीकेसी होती है, इंफ्रास्ट्रक्चर और मैनपॉवर पर पैसे भी खर्च होते हैं इसलिए सरकार ने इसे मिनिमम गवर्नमेंट मैक्सिमम गवर्नेंस के हिसाब से इसे एक करने का फैसला किया है.
इससे खर्च कम होगा कार्यक्षमता बढ़ेगी ,पेपर वर्क कम होगा, पॉलिसी और स्कीम में एकरूपता आएगी प्रोजेक्ट और स्कीम की मॉनिटरिंग अच्छे से होगी ,कैडर और कर्मचारियों की देखरेख भी ठीक होगी.
गुजरे वक्त ये दोनों केंद्र शासित प्रदेश बहुत लंबे वक्त तक पुर्तगाल शासन के अधीन रही . पुर्तगाली शासन के कानून से ये दिसंबर 1961 को ही मुक्त हुए. दादरा नगर हवेली पर पुर्तगाली कब्ज़ा 1783 में हुआ था. वो पुर्तगाल के कब्जे में 1954 तक रहा . फिर यहां लोगों के द्वारा बनाई गई वरिष्ठ पंचायत का कानून चला जो इसके 1961 में भारत में विलय के बाद खत्म हुआ.
जबकि दमण दीव 1961 से 1987 तक तत्कालीन केंद्र शासित प्रदेश गोवा का हिस्सा रहा . गोवा के अलग राज्य बनने के बाद ये केंद्र शासित प्रदेश बना रहा. और अब दादरा नगर हवेली और दमण दीव एक हो रहे हैं.