Calcutta High Court Updates: कदाचार और कुछ राजनीतिक दलों के साथ मिलीभगत के आरोपों पर कलकत्ता हाई कोर्ट के 2 जज आपस में भिड़ गए हैं. इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सुप्रीम कोर्ट शनिवार को अर्जेंट हियरिंग करने जा रहा है.
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Dispute between two judges of Calcutta High Court: सुप्रीम कोर्ट में एक ऐसा अजीबोगरीब मामला सामने आया है, जिसने सबको हैरानी में डाल दिया है. रिपोर्ट के मुताबिक कलकत्ता हाई कोर्ट के एक जज ने दूसरे साथी जज के खिलाफ कुछ राजनीतिक दलों के लिए स्पष्ट रूप से काम करने और डराने-धमकाने का आरोप लगाया है. सुप्रीम कोर्ट ने दो जजों के बीच हुए इस विवाद को गंभीरता से लेते हुए मामले का स्वत संज्ञान लिया है. कोर्ट ने इस मामले को सुनवाई के लिए 27 जनवरी यानी शनिवार के लिए लिस्टेड किया है. इस दिन अदालत इस मामले पर सुनवाई कर निर्देश जारी करेगा.
'राजनीतिक दल के लिए कर रहे काम'
रिपोर्ट के मुताबिक कलकत्ता हाई कोर्ट के जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने साथी जज जस्टिस सौमेन सेन के खिलाफ 'कदाचार' के गंभीर आरोप लगाए हैं. जस्टिस गंगोपाध्याय के आरोप हैं कि जस्टिस सौमेन सेन पश्चिम बंगाल में कुछ राजनीतिक दल के लिए स्पष्ट रूप से कार्य कर रहे हैं. इसके साथ ही वे एक राजनीतिक नेता के पक्ष में दूसरे न्यायाधीश को डराने-धमका रहे हैं. हाईकोर्ट जज के इन आरोपों ने सुप्रीम कोर्ट को भी सकते में डाल दिया है.
क्या है मामला?
कलकत्ता हाई कोर्ट में 24 जनवरी को दायर एक याचिका में पश्चिम बंगाल में बड़े पैमाने पर फर्जी जाति प्रमाण पत्र जारी होने को लेकर चिंता जताई गई थी. याचिकाकर्ता ने दावा किया कि कई व्यक्तियों ने मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश पाने के लिए वे फर्जी प्रमाणपत्र हासिल किए थे. इसके बाद यह मामला जांच के लिए बुधवार सुबह जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय की सिंगल बेंच के सामने लाया गया. मामले की गंभीरता को देखते हुए कोर्ट ने न केवल पश्चिम बंगाल पुलिस और बंगाल सरकार की आलोचना की, बल्कि मामले की सीबीआई जांच का आदेश भी जारी कर दिया.
डबल बेंच के आदेश से भड़के जज
जस्टिस गंगोपाध्याय की बेंच के इस आदेश के खिलाफ ममता बनर्जी सरकार ने जस्टिस सौमेन सेन की खंडपीठ के सामने अपील की, जिसने सिंगल बेंच के आदेश पर अंतरिम रोक लगाने का आदेश जारी दिया. बाद में जस्टिस गंगोपाध्याय ने निर्देश दिया कि खंडपीठ के आदेश के बावजूद सीबीआई की जांच जारी रहेगी.
जस्टिस गंगोपाध्याय ने हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को आदेश दिया कि वे उनके इस आदेश की एक प्रति भारत के मुख्य न्यायाधीश और कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को तुरंत भेजें.
'पारित आदेशों को फिर से देखने की जरूरत'
जस्टिस गंगोपाध्याय ने कहा, 'जस्टिस सेन स्पष्ट रूप से इस राज्य में कुछ राजनीतिक दल के लिए काम कर रहे हैं और इसलिए अगर माननीय सुप्रीम कोर्ट ऐसा सोचता है, तो राज्य से जुड़े मामलों में पारित आदेशों को फिर से देखने की आवश्यकता है.'
उन्होंने कहा, 'जस्टिस सेन ने आज जो किया है, वह इस राज्य में सत्ता में कुछ राजनीतिक दल को बचाने के लिए अपने व्यक्तिगत हित को आगे बढ़ाने के लिए है. इसलिए, उनके कार्य स्पष्ट रूप से कदाचार के समान हैं.'