गुरुग्राम स्वास्थ्य विभाग ने गुरुग्राम में स्थित प्राइवेट अस्पतालों से टीबी मरीजों का डाटा मांगा है. इसमें से अधिकांश प्राइवेट अस्पताल टीबी के मरीजों की जानकारी नहीं दे रहे हैं, जिस पर स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि यदि कोई अस्पताल यह डाटा उपलब्ध नहीं कराता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
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देवेंद्र भारद्वाज/गुरुग्राम: प्रधानमंत्री के आह्वान के बाद अब गुरुग्राम ने भी 2025 तक टीबी मुक्त करने के अपने अभियान को तेज कर दिया है. इसी कड़ी में स्वास्थ्य विभाग की तरफ से प्राइवेट अस्पताल को भी हिदायत दी गई है कि वह सभी टीबी के मरीजों का डाटा स्वास्थ्य विभाग को मुहैया कराए.
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देश को पोलियो से मुक्ति दिलाने के बाद अब टीबी जैसे बीमारी से मुक्ति दिलाने के लिए सरकार की तरफ से लगातार प्रयास किए जा रहे है. इस कड़ी में प्रधानमंत्री ने यह आह्वान किया है कि 2025 तक देश को पूरी तरह से टीबी फ्री बनाना है. गुरुग्राम के स्वास्थ्य विभाग ने अभी से ही रफ्तार को तेज कर दिया है और योजनाबद्ध तरीके से पूरे शहर में एक मुहिम चलाई जाएगी, जिसमें न केवल टीबी के टेस्ट किए जाएंगे. बल्कि लोगों को जागरूक भी किया जाएगा. स्वास्थ्य विभाग अलग-अलग इलाकों में अपने कैंप लगाकर लोगों के फ्री में टीबी टेस्ट करेगा और टीबी जैसी बीमारी से बचाव के तमाम उपचार भी बताए जाएंगे.
गुरुग्राम में सरकारी डेटा के अनुसार करीब 9 हजार टीबी के मरीजों की होने की संभावना है. हालांकि अभी तक स्वास्थ्य विभाग के सामने पुख्ता आंकड़े नहीं है. इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग की तरफ से यह भी साफ कर दिया गया है कि प्राइवेट अस्पताल भी अपना टीबी बीमारी से संबंधी मरीजों का डाटा उन्हें उपलब्ध कराएं. गुरुग्राम में करीब 225 प्राइवेट अस्पताल है. इसमें से अधिकांश प्राइवेट अस्पताल स्वास्थ्य विभाग को टीबी के मरीजों की जानकारी नहीं दे रहे हैं, जिसको मद्देनजर रखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने साफ कर दिया है कि इस मुहिम के तहत सभी अस्पताल अपना डाटा उपलब्ध कराएं. इसके बाद युद्धस्तर पर काम कर टीबी मुक्त गुरुग्राम बनाया जा सकता है. स्वास्थ्य विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि कोई अस्पताल यह डाटा उपलब्ध नहीं कराता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
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