सड़कों पर बहते सीवर, खुली नालियां, टूटी सड़कें, कूड़े के ढेर, नल में पानी नहीं… ये नर्क नहीं, दिल्ली के बवाना का हाल है. स्वाति मालीवाल ने आगे कहा कि ऐसी सुंदरता देख लंदन-पेरिस में जगह-जगह धरने हो रहे हैं, वहां की जनता मांग कर रही है कि हमें भी ऐसा विकास चाहिए.
विकासपुरी के हालात ऐसे है कि यहां लोगों का रहना बेहाल है. सड़क पर कूड़े के ढेर लगे हुए है. जब प्रशासन और निगम ने इस समस्या की तरफ ध्यान नहीं दिया तो स्वाति मालीवाल ने अपनी टीम के साथ मिलकर सफाई अभियान चलाया.
विकासपुरी इलाके में सड़कों पर सालों से कूड़े के ढेर लगे हैं. स्वाति मालीवाल खुद कूड़े की सफाई कर रही है. उन्होंने कहा कि पूरी दिल्ली में गंदगी और बदबू से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
स्वाति मालीवाल ने कहा कि कुछ लोग दिल्ली को Venice बनाना चाहते थे, लेकिन लोग नर्क में जी रहे हैं. दिल्ली का रंगपुरी और बिजवासन किसी Venice से कम नहीं है. नाले का पानी नदी की तरह गलियों में बह रहा है. बारिशों में पूरा इलाका डूब जाता है. जनता अपने पैसों से सड़क और नाली बनवाती है. औरतें पानी के लिए घंटों लाइन में लगती हैं, 4 टूटी से हज़ारों लोग पानी लेते हैं.
साउथ दिल्ली के देवली इलाके में गलियां के अंदर जलभराव की समस्या बनी हुई है. लोगों को आने जाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा रहा है. इस समस्या की तरफ न तो प्रशासन का ध्यान और ना ही स्थानीय पार्षद का.
स्वाति मालीवाल ने कहा कि ये है साउथ दिल्ली का देवली इलाका है. यहां सभी पार्कों में कूड़ा ही कूड़ा और जंगली सूअर रहते है. पूरे इलाके में ना सड़क है, ना नाली और ना सीवर. एक-एक पार्क के रखरखाव के लिए लाखों का फंड होता है. इलाके के विकास के लिए करोड़ों का फंड.