Nuh Crime: डाकघर घोटाले में पकड़े गए एजेंट से रिकवरी और अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग
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Nuh Crime: डाकघर घोटाले में पकड़े गए एजेंट से रिकवरी और अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग

नूंह डाकखाना एजेंट पवन कालडा, उसकी पत्नी अंशु कालडा, सहायक सुनील कुमार के अलावा डाकखाना अधिकारी और कर्मचारियों द्वारा शहरवासियों के आरडी, एफडी के नाम पर करोड़ों रुपये के हुए फर्जीवाडे का मामला दर्ज किया गया.

Nuh Crime: डाकघर घोटाले में पकड़े गए एजेंट से रिकवरी और अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग

Nuh Crime News: नूंह डाकखाना एजेंट पवन कालडा, उसकी पत्नी अंशु कालडा, सहायक सुनील कुमार के अलावा डाकखाना अधिकारी और कर्मचारियों द्वारा शहरवासियों के आरडी, एफडी के नाम पर करोड़ों रुपये के हुए फर्जीवाडे का मामला दर्ज किया गया. इसमें पुलिस द्वारा केवल एक आरोपी को पकड़ने और अन्य आरोपियों को राहत देने पर पीड़ित उपभोक्ताओं के गुस्से में उबाल आ गया और सोमवार शाम नूंह में मिडिया के सामने अपनी बात रखी.

उपभोक्ताओं ने कहा कि पुलिस को जल्द से जल्द आरोपी अंशु कालडा समेत अन्य आरोपियों को दबौचकर उनसे रिकवरी की जाए, जिससे कि उनका आर्थिक नुकसान दूर हो सके. उन्होंने बताया कि डाकखाना भारत सरकार की एजेंसी है और उन्होंने इस पर विश्वाास करके ही अपने लाखों रुपये जमा कराये हैं. जिनको पवन कालडा व अन्यों ने आपस में साजबाज होकर फर्जी हस्ताक्षर करके निकालकर गबन कर गए हैं.

बता दें कि, पवन कालडा पुत्र हुकमचंद कालड़ा निवासी नूंह अपने परिवार के साथ पुख्ता मकानात बनाकर रह रहा था, उसके पिता भी डाकखाना के एजेंट थे और पवन कालडा भी नूंह शहर का होने और हर सामाजिक कार्य में बढ़-चढ़कर लेने के चलते लोगों का विश्वास उस पर पूरी तरह से जम गया. रेहड़ी लगाने, रिक्शा चलाने, चाय बेचने वाले के अलावा गरीब मजदूर, व्यापारी, नौकरीपेशा आदि करने वालों ने पवन कालडा के जरिये अपनी एफडी, आरडी वगैरा बनवाकर खाता खुलवाया हुआ था, लेकिन पवन कालडा एक पखवाडा पूर्व सारा जमाराशि को फर्जी साईन कर निकालकर करोडों का गबन कर भगा गया.

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आरोपी, उसकी पत्नी, डाकघर कर्मचारियों के अलावा अन्यों के खिलाफ दर्जनों शिकायतें पहुंचने पर पुलिस ने मुकदमा दर्जकर लिया और आरोपी को न्यायालय में पेश करके 3 दिन की पुलिस रिमांड ली है. इससे पहले आरोपी ने पुलिस के समक्ष अपने बयानों में कहा कि वह और उसकी पत्नी अंशु कालडा 2006 से डाकघर की एजेंट थी, लेकिन दिन-प्रतिदिन खर्चें व गंदी आदते बढ़ने के कारण मैने उपभोक्ताओं के फर्जी हस्ताक्षर करके उनके खातों में पैसे निकाल लिए, शिकायकर्ता जवाहरलाल पुत्र दीप नारायण निवासी लघु सचिवालय नूंह का भी खाता उसके पास था. 

मैंने फर्जी हस्ताक्षर करके उसके खातों से लाखों रुपये निकाल लिए थे. निकाले पैसों में पत्नी के लिए 20-25 लाख के जेवरात खरीदे, 30-35 लाख रुपये भाई मनोज को व्यापार करने के लिए दिए, 20 लाख जीजा सुनील को दिए, 30 लाख रुपये का घर खरीदा, 10 लाख रुपये वर्कर सुनील पुत्र प्रकाश को दिए, 20 लाख रुपये दिल्ली स्थित बहन के पास छिपाये, 25 लाख रुपये पोस्टमार्टर कमरूदीन निवासी कोट के पास है और काफी पैसा सहारा इंडिया कम्पनी में लगा दिए है. पुलिस ने जेवरात, नकदी आदि बरामद के लिए रिमांड लिया है.

INPUT: ANIL MOHANIA

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