'शराब में राजनीति की मिलावट' से थमा सिसोदिया और केजरीवाल का 25 साल पुराना 'साथ'
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'शराब में राजनीति की मिलावट' से थमा सिसोदिया और केजरीवाल का 25 साल पुराना 'साथ'

बेहदी कम लोग जानते हैं कि दिल्ली के सीएम और मनीष सिसोदिया की दोस्ती वर्षों पुरानी है. 1998 में दोनों पहली बार मिले. उन दिनों केजरीवाल IRS ऑफिसर थे और समाजसेवा का काम करते थे और इन्हीं दिनों में मनीष सिसोदिया ने केजरीवाल की स्टोरी कवर की थी और यहीं से दोनों की दोस्ती की शुरुआत हुई थी.

अन्ना आंदोलन के दौरान मनीष सिसोदिया हर कदम पर केजरीवाल के साथ खड़े रहे

Manish Sisodia: इन दिनों दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया शराब घोटाले में फंसे हुए है. इस मामले में बीते रविवार को CBI ने गिरफ्तार किया था. इस बीच मनीष सिसोदिया ने मंगलवार यानी की आज अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. इतना ही नहीं बीते सोमवार को कोर्ट ने मनीष सिसोदिया को पांद दिन की रिमांड पर भेज दिया था, जिसके बाद सिसोदिया आज सुप्रीम कोर्ट पहुंते, लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ.

पत्रकार से ऐसे बने नेता

उत्तर प्रदेश के आम परिवार में जन्मे मनीष सिसोदिया पत्रकारिता में भी अपनी किस्मत आजमा चुके है. एक आम पत्रकार से लेकर दिल्ली के शिक्षा मंत्री तक का सफर कैसा रहे? कैसे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीव से मुलाकात हुई और कैसे दोनों ने एक साथ मिलकर इस सफर की शुरुआत की? तो चलिए जानते हैं. पत्रकारिता में डिप्लोमा करने के बाद सिसोदिया ने प्रिंट मीडिया से लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया तक में काम किया. इसी के साथ उन्होंने रेडिया में भी काम किया.

इतना ही नहीं 1996 से लेकर 2005 तक वह निजी न्यूज चैनल में रिपोर्टर के तौर पर भी काम किया, इसके बाद उन्होंने 2006 में पत्रकारिता से हमेशा-हमेशा के लिए अलविदा कह दिया. बेहदी कम लोग जानते हैं कि दिल्ली के सीएम और मनीष सिसोदिया की दोस्ती वर्षों पुरानी है. 1998 में दोनों पहली बार मिले. उन दिनों केजरीवाल IRS ऑफिसर थे और समाजसेवा का काम करते थे और इन्हीं दिनों में मनीष सिसोदिया ने केजरीवाल की स्टोरी कवर की थी और यहीं से दोनों की दोस्ती की शुरुआत हुई थी.

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इसके बाद दोनों ने मिलकर 'पब्लिक कॉज रिसर्च फाउंडेशन' की स्थापना की और इसके बाद दोनों ने 'परिवर्तन' एनजीओ की स्थापना की. वहीं, एक इंटरव्यू में केजरीवाल ने बताया था कि उस दौरान सिसोदिया पहले से ही एक 'कबीर' नाम का एनजीओ चलाते थे. 2006 के बाद सिसोदिया ने नौकरी छोड़कर एनजीओ में ही पूरी तरह से काम करना शुरू कर दिया.

इस आंदोलन के बाद राजनीति में रखा था कदम

बताते चले कि 2011 में जनलोकपाल बिल को लेकर अन्ना हजारे ने आंदोलन शुरू किया था और मनीष सिसोदिया और अरविंद केजरीवाल ने पूरे आंदोलन में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया था. इसके बाद 2 अक्तूबर, 2012 को अरविंद केजरीवाल अन्ना हजारे से अगल हो गए और एक नई पार्टी बनाने का बड़ा ऐलान किया. इस दौरान भी मनीष सिसोदिया भी केजरीवाल के साथ कदम से कदम मिलाकर चलते रहे.

2013 में दिल्ली विधानसभा चुनाव में सिसोदिया ने पटपड़गंज विधानसभा से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. इसके बाद 2015 के में सिसोदिया को पटपड़गंज से जीत हासिल की. उन्होंने विनोद कुमार बिन्नी को मात दी. इस जीत के बाद केजरीवाल सीएम और सिसोदिया डिप्टी सीएम बने. इसके बाद मनीष सिसोदिया को सर्विस, महिला और बाल विकास, कला, संस्कृति, एजुकेशन, फाइनेंस, योजना, भूमि और भवन, विजिलेंस जैसे पद संभालने को मिले.

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इन आरोपों से घिर चुके हैं सिसोदिया

आपको बता दें कि 17 नवंबर, 2021 को दिल्ली सरकार ने राज्य में नई शराब नीति को लागू किया था. इस नई नीति के तहत राजधानी दिल्ली में 32 जोन बनाए गए थे और हर जोन में 27 दुकानें खुलनी थीं. इसके तहत 849 दुकानें खुलनी थीं. नई शराब नीति के चलते दिल्ली की सभी शराब की दुकानों को प्राइवेट कर दिया. क्योंकि इससे पहले दिल्ली में शराब की 60 प्रतिशत दुकानें सरकारी और 40 प्रतिशत प्राइवेट थीं.

इसी को लेकर दिल्ली के डिप्टी सीएम पर नई शराब नीति में घोटाले का आरोप लगा. इतना ही नहीं उनके घर पर CBI का छापा भी पड़ चुका है. रविवार को उनसे लंबी पूछताछ के बाद CBI ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया.

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