Rama Ekadashi 2024: रमा एकादशी हिन्दू धर्म में एक महत्वपूर्ण दिन है, जिसे विशेष रूप से भगवान विष्णु की पूजा के लिए मनाया जाता है. यह दिन भक्तों के लिए अपने पापों का प्रायश्चित करने और मोक्ष प्राप्त करने का अवसर प्रदान करता है.
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Rama Ekadashi 2024: रमा एकादशी हिन्दू धर्म में एक महत्वपूर्ण दिन है, जिसे विशेष रूप से भगवान विष्णु की पूजा के लिए मनाया जाता है. यह दिन भक्तों के लिए अपने पापों का प्रायश्चित करने और मोक्ष प्राप्त करने का अवसर प्रदान करता है. रमा एकादशी के दिन विशेष पूजा विधियों का पालन करना आवश्यक है, जिससे भक्तों को अधिकतम लाभ मिल सके.
पूजा की तैयारी
रमा एकादशी की पूजा से पहले भक्तों को अपने घर को स्वच्छ करना चाहिए. घर की सफाई के साथ-साथ, पूजा स्थान को भी अच्छे से सजाना चाहिए. इसके अलावा, भक्तों को उपवास रखने की सलाह दी जाती है, जिससे वे भगवान की कृपा प्राप्त कर सकें. उपवास के दौरान फल और दूध का सेवन किया जा सकता है.
पूजा विधि
पूजा विधि में सबसे पहले भगवान विष्णु की प्रतिमा या चित्र का स्नान कराना चाहिए. इसके बाद उन्हें फूल, फल और मिठाई अर्पित करनी चाहिए. दीप जलाना और अगरबत्ती लगाना भी महत्वपूर्ण है. रमा एकादशी की पूजा में विशेष मंत्रों का जाप करना चाहिए, जिससे भगवान की कृपा प्राप्त हो सके.
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क्या करें और क्या न करें
रमा एकादशी के दिन कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए. पूजा के दौरान भक्तों को चुप रहना चाहिए और ध्यान लगाना चाहिए. इसके अलावा, इस दिन मांसाहार और शराब का सेवन नहीं करना चाहिए. भक्तों को इस दिन गुस्सा नहीं करना चाहिए और अच्छे विचारों को अपनाना चाहिए.
एकादशी का उपवास
एकादशी का उपवास विशेष रूप से महत्वपूर्ण है. इस दिन उपवास रखने से भक्तों को मानसिक और आध्यात्मिक शांति मिलती है. उपवास के दौरान केवल फल और दूध का सेवन करना चाहिए.यह न केवल स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है, बल्कि आध्यात्मिक उन्नति के लिए भी आवश्यक है.
रमा एकादशी तिथि
पंचांग के अनुसार देखा जाए तो कार्तिक माह में कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथी रविवार 27 अक्टूबर की सुबह 5 बजकर 23 मिनट से शुरू हो चुकी है. वहीं 28 अक्टूबर के दिन सोमवार को 7 बजकर 50 मिनट पर समाप्त हो गई. उदयतिथि के अनुसार इस साल रमा एकादशी का व्रत 27 और 28 अक्टूबर को दिनों के दिन रखना जाएगा. क्योंकि दोनों दिन एकादशी तिथि में सूर्योदय हो रहा है.
एकादशी व्रत का पारण
एकादशी व्रत का पारण दूसरे दिन सूर्योदर्य के बाद करना काफी शुभ माना जाता है. व्रत का पारण द्वादशी तिथी खत्म होने से पहले करना बेहद ही जरूरी होता है. ऐसे में रमा एकादशी का पारण 29 अक्टूबर के दिन मंगलवार को किया जाएगा. एकादशी व्रत पारण का समय 29 अक्टूबर सुबह 6 बजकर 31 मिनट से लेकर सुबह 8 बजकर 44 मिनट तक रहेगा. वहीं इस दिन द्वादशी तिथि सुबह 10 बजकर 31 मिनट पर समाप्त हो जाएगी.