Delhi News: कैलाश ने छोड़ी आप, वहीं BJP का ये दिग्गज नेता हुआ AAP में शामिल
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Delhi News: कैलाश ने छोड़ी आप, वहीं BJP का ये दिग्गज नेता हुआ AAP में शामिल

दिल्ली विधानसभा चुनाव के नजदीक आम आदमी पार्टी (आप) में फेरबदल जारी है. हाल ही में, मंत्री कैलाश गहलोत के इस्तीफे के बाद बीजेपी के नेता अनिल झा ने आप में शामिल होने का निर्णय लिया है.

Delhi News: कैलाश ने छोड़ी आप, वहीं BJP का ये दिग्गज नेता हुआ AAP में शामिल

Delhi News: दिल्ली विधानसभा चुनाव के नजदीक आम आदमी पार्टी (आप) में फेरबदल जारी है. हाल ही में, मंत्री कैलाश गहलोत के इस्तीफे के बाद बीजेपी के नेता अनिल झा ने आप में शामिल होने का निर्णय लिया है. यह कदम चुनावी संदर्भ में पार्टी के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है.

अनिल झा का राजनीतिक सफर
अनिल झा, जो पहले बीजेपी में थे, दो बार दिल्ली के किराड़ी से विधायक रह चुके हैं. उनके इस कदम से राजनीतिक समीकरण बदल सकते हैं. अनिल झा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अपनी राजनीतिक यात्रा और आप में शामिल होने के कारणों के बारे में बताया.

केजरीवाल की नीतियों की सराहना
अनिल झा ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली में दलितों, पिछड़ों और महादलितों के लिए कई योजनाएं लागू की गई हैं. उन्होंने यह भी बताया कि कैसे उन्होंने पूर्वांचल के लोगों के लिए सहारा देने का सपना देखा था. अनिल झा ने अपनी पूर्व पार्टी की आलोचना करते हुए कहा कि वहां सामाजिक न्याय की कोई व्यवस्था नहीं थी. उन्होंने केजरीवाल सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने समाज में वास्तविक बदलाव लाने का काम किया है.

कॉलोनियों में पूर्वांचल के लोगों की स्थिति
उन्होंने यह भी बताया कि दिल्ली की लगभग 1600-1700 कॉलोनियों में पूर्वांचल के लोग रहते हैं, जिनमें दलित, महादलित और अति पिछड़े लोग शामिल हैं. अनिल झा ने कहा कि आप सरकार ने इन समुदायों के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाएं लागू की हैं, जैसे स्कूलों में भोजन और मोहल्ला क्लीनिकों में बेहतर इलाज. 

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अरविंद केजरीवाल का प्रभाव
अनिल झा ने अरविंद केजरीवाल के व्यक्तित्व की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने सामाजिक न्याय को केवल बातों तक सीमित नहीं रखा, बल्कि इसे जमीन पर लागू किया है. यह उनकी नीतियों का ही परिणाम है कि वह इतने प्रभावित हुए हैं. हालांकि, अनिल झा ने स्वीकार किया कि 32 वर्षों तक एक पार्टी में रहना और अचानक निर्णय लेना आसान नहीं था. लेकिन केजरीवाल के कामों ने उन्हें यह कदम उठाने के लिए प्रेरित किया. उन्होंने वादा किया कि वे पूर्वांचल के लोगों के हितों के लिए हमेशा खड़े रहेंगे.