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Kailash Gahlot: कैलाश गहलोत ने सांसद मनोहर लाल और वीरेंद्र सचदेवा की मौजूदगी में बीजेपी का हाथ थामा. इस दौरान सचदेवा ने गहलोत के गले में पटका डालकर उनका पार्टी में स्वागत किया.
आप से इस्तीफे का कारण
गहलोत का इस्तीफा पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से चल रहे मतभेदों का परिणाम है. उन्होंने अपने इस्तीफे में पार्टी के सामने मौजूद गंभीर चुनौतियों' की ओर इशारा किया था. इसके अलावा, गहलोत ने केजरीवाल पर कटाक्ष करते हुए 'शीशमहल' जैसे विवादों का भी जिक्र किया. यह विवाद तब शुरू हुआ जब बीजेपी ने आरोप लगाया कि केजरीवाल ने अपने पूर्व आधिकारिक आवास पर महंगी चीजों पर करोड़ों खर्च किए हैं.
आप का आरोप
आप पार्टी ने गहलोत के इस्तीफे को ईडी और सीबीआई के दबाव का परिणाम बताया है. पार्टी नेताओं का कहना है कि गहलोत के पास बीजेपी में शामिल होने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था. उन्होंने इसे बीजेपी की 'घिनौनी राजनीतिक साजिश' करार दिया, जो दिल्ली विधानसभा चुनाव जीतने के लिए ईडी और सीबीआई का दुरुपयोग कर रही है.
बीजेपी का स्वागत
बीजेपी की दिल्ली इकाई के प्रमुख वीरेंद्र सचदेवा ने गहलोत के इस्तीफे का स्वागत किया है. उन्होंने इसे साहसी कदम बताते हुए कहा कि गहलोत ने वही मुद्दे उठाए हैं जिनके लिए बीजेपी केजरीवाल और 'आप' के खिलाफ लड़ाई कर रही है. सचदेवा का कहना है कि गहलोत के इस्तीफे से यह साबित होता है कि 'आप' के नेता भी केजरीवाल को ईमानदार नहीं मानते हैं.
चुनावी समय में इस्तीफा
गहलोत का यह इस्तीफा उस समय आया है जब 'आप' पार्टी अगले साल फरवरी में होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनावों की तैयारी कर रही है. यह राजनीतिक घटनाक्रम दिल्ली की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ ला सकता है, क्योंकि गहलोत के बीजेपी में शामिल होने से पार्टी की स्थिति और मजबूत हो सकती है.